Sunday, May 11, 2014

इस टोटके से आप भी पा सकते हैं नौकरी

इस टोटके से आप भी पा सकते हैं
नौकरी आज के समय अगर कोई सबसे
बड़ी समस्या है तो वह है
बेरोजगारी की। सिफारिश के अभाव में पढ़े-
लिखे लोगों को भी नौकरी मिलना मुश्किल
हो जाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा फर्क
मध्यमवर्गीय लोगों पर पड़ता है। यदि आप चाहते
हैं कि आपके पास भी एक
नौकरी हो तो नीचे लिखा उपाय करें-
शुक्ल पक्ष के किसी शुक्रवार या पुष्य नक्षत्र के
दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पूर्व दिशा में मुंह हो,
इस प्रकार बैठ जाएं। अपने सामने बाजोट(बैठने का पटिया) पर लाल
कपड़ा बिछाएं और उस पर चावल
की ढेरी बनाएं। अब इसके ऊपर
तीन लघु नारियल स्थापित करें
तथा घी का दीपक जला लें। इसके बाद
मूंगे की माला से इस मंत्र का जप करें- मंत्र ऐं
श्रीं ह्रीं क्लीं यक्षिणी प्रियन्तान्
मम्।। इस मंत्र की कम से कम 11 माला जप करें।
पूजन के बाद नारियल सहित लाल वस्त्र
की पोटली बनाकर तालाब
या नदी में विसर्जन कर दें व मूंगे
की माला स्वयं पहन लें। भगवान से प्रार्थना करें
कि शीघ्र
ही आपको मनचाही नौकरी मिल
जाए। इस प्रयोग का असर
आपको जल्दी ही नजर आने लगेगा।
अगर करें ऐसा..फिजूल खर्च होगा कम, घर में
आएगी बरकत जैसे-जैसे सुख-सुविधाओं के साधनों में
वृद्धि हो रही है वैसे-वैसे
ही अधिकांश परिवारों में आर्थिक परेशानियां बढ़
रही है। कुछ घरों में काफी अधिक
फिजूल खर्च होता है या परिवार में कोई न कोई
हमेशा बीमार रहता है, इसी प्रकार के
खर्चों के चलते घर में पैसों की तंगी आ
जाती है। ज्योतिष के अनुसार अलग-अलग ग्रह
अलग-अलग खर्चों के से संबंधित हैं। यदि कोई ग्रह अशुभ
स्थिति में है तो उसकी वजह से कई
परेशानियां हो सकती हैं। कुंडली के
ग्रह दोषों को दूर करने के लिए ज्योतिष में अलग-अलग
ग्रहों के लिए अलग-अलग उपाय बताए गए हैं। इसके
अलावा सभी प्रकार के ग्रह दोषों को दूर करने के
लिए हनुमानजी की पूजा सर्वश्रेष्ठ
उपाय है। हनुमान को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार और
शनिवार श्रेष्ठ दिन माने गए हैं। घर के फिजूल खर्च को रोकने
और आय बढ़ाने के लिए प्रति मंगलवार या शनिवार
को किसी भी हनुमान मंदिर में बजरंग
बली की प्रतिमा का पूरा श्रंगार करवाएं।
ऐसा हर सप्ताह करें। इसके साथ जरूरतमंद और
गरीबों को यशाशक्ति खाना खिलाएं और दान दें। इस
प्रकार करने से आपके घर के फिजूल खर्चों में
कमी आएगी और
सभी सदस्यों की आय में
बढ़ोतरी होगी। ध्यान रहे
कभी भी कोई अधार्मिक कर्म
नहीं करें। अन्यथा भगवान
की कृपा प्राप्त
नहीं होती है। पलंग के
नीचे यह सामान रखने से बचें कुंवारे लड़के-
लड़कियां सामान्यत: घरों में पलंग के नीचे कुछ न कुछ
सामान अवश्य ही रखा जाता है। पलंग या बेड
का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होता है। 24 घंटे
में से कम से कम 6-8 घंटे हम सोते हैं। इस बात से स्पष्ट
है कि अच्छी नींद के लिए अच्छा बेड
होना बहुत जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार
यदि बेड भी अच्छा हो लेकिन फिर
भी उस पर सोने वाले लड़के
या लड़की की शादी नहीं हो रही है
या अन्य कोई परेशानियां चल रही है तो निश्चित
ही उन युवाओं के पलंग के नीचे
वास्तुदोष उत्पन्न करने वाली वस्तुएं
रखी हुई हो सकती हैं। वास्तुदोष
उत्पन्न करने वाली वस्तुओं में लोहे का सामान,
पुराना कबाड़ा आदि शामिल है। विवाह योग्य लड़के और
लड़किया जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे
की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान
नहीं रखना चाहिए। इनसे वास्तुदोष उत्पन्न
होता है। वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के
सिद्धांत पर कार्य करता है। अत: ऐसी वस्तुओं से
नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है जिससे युवाओं के विचारों में
भी नकारात्मकता पैदा होती है।
उनका मन व्यर्थ की बातों में भटकने लगता है और
उन्हें मानसिक शांति नहीं मिल पाती।
इसी वजह से पलंग के नीचे एकदम
साफ रखना चाहिए। वहां कोई भी सामान रखने से
बचें। 4 को नागपंचमी, इन उपायों से दूर
होगा कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस
व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष
होता है वह जीवनभर कई
परेशानियों का सामना करता है। वह कई बार इतना तनाव महसूस
करता है कि उसे उसका भविष्य अंधकारमय लगने लगता है।
नागपंचमी(इस बार 4 अगस्त, गुरुवार) के दिन
यदि कुछ साधारण उपाय किए जाएं तो इस दोष
का शांति की जा सकती है। उपाय -
चांदी के सर्प की पूजा करें और सफेद
पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। - शिव
उपासना लघु रुद्र का पाठ कराएं। - सफेद फूल व बताशे बहते
हुए जल में प्रवाहित करें और कालसर्प दोष
की शांति के लिए प्रार्थना करें। - शिवलिंग पर तांबे
का नाग ब्रह्ममुहूर्त में चढ़ाएं। चांदी का नाग-नागिन
का जोड़ा नदी में बहाएं। - इस दिन दान-पुण्य कर
करें और सफेद मिठाई का दान करें। - नवनाग स्तोत्र का पाठ करें।
- राहु व केतु की उपासना करें। - पीपल
के वृक्ष की पूजा करें तथा शाम के समय
पीपल के नीचे दीपक
जलाएं। कौन सा रुद्राक्ष किस मंत्र के साथ धारण करें? रुद्राक्ष
के चौदह प्रकार हैं। शास्त्रों में लिखा है कि रुद्राक्ष धारण
करने वाले पुरुष को देखकर
सभी बुरी आत्माएं भाग
जाती हैं तथा शिव, पार्वती, विष्णु,
गणेश, सूर्य, दुर्गा आदि सभी देवता प्रसन्न होते
हैं। शास्त्रों में वर्णित चौदह ही प्रकार के
रुद्राक्ष
अलग-अलग फल देने वाले हैं। शिवमहापुराण
की विद्येश्वरसंहिता संहिता में रुद्राक्ष धारण करने
के मंत्रों का उल्लेख है जो इस प्रकार है- प्रकार मंत्र
एकमुखी ऊँ ह्रीं नम:।
दो मुखी ऊँ नम:। तीन
मुखी ऊँ क्लीं नम:। चार
मुखी ऊँ ह्रीं नम:। पंच
मुखी ऊँ ह्रीं नम:। छ:
मुखी ऊँ ह्रीं हुं नम:। सात
मुखी ऊँ हुं नम:। आठ मुखी ऊँ हुं
नम:। नौ मुखी ऊँ ह्रीं हुं नम:। दस
मुखी ऊँ ह्रीं नम:। ग्यारह
मुखी ऊँ ह्रीं हुं नम:। बारह
मुखी ऊं क्रौं क्षौं रौं नम:। तेरह
मुखी ऊँ ह्रीं नम:। चौदह
मुखी ऊँ नम:। नागपंचमी: कालसर्प दोष
के प्रकार व उनका निदान कालसर्प दोष का नाम सुनते
ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है
क्योंकि जिन लोगों की कुंडली में यह दोष
होता है उन्हें अपने जीवन में अनेक
कठिनाइनों का सामना करना पड़ता है। विद्वानों के अनुसार कालसर्प
दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है, इसका निर्धारण जन्म
कुंडली देखकर ही किया जा सकता है।
प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाय
हैं। नीचे प्रथम 6 कालसर्प दोष निवारण के उपाय
बताए गए हैं। यह उपाय नागपंचमी(4 अगस्त,
गुरुवार) के दिन करने से श्रेष्ठ लाभ मिलता है। उपाय - अनन्त
कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन
एकमुखी,
आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
- यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है
तो नागपंचमी के दिन रांगे से
बना सिक्का पानी में प्रवाहित करें। - कुलिक नामक
कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन दो रंग
वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें। -
चांदी की ठोस गोली बनवाकर
उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें। -
वासुकि कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी से पूर्व
रात्रि को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह
उठकर उसे पक्षियों को खिला दें। - नागपंचमी के दिन
लाल धागे में तीन, आठ
या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें। - शंखपाल कालसर्प
दोष के निवारण के लिए नागपंचमी के दिन 400 ग्राम
साबूत बादाम बहते पानी में प्रवाहित करें। - शिवलिंग
का दूध से अभिषेक करें। - पद्म कालसर्प दोष होने पर
नागपंचमी से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज
सरस्वती चालीसा का पाठ करें। - इस दिन
जरुरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और
तुलसी का पौधा लगाएं। - महापद्म कालसर्प दोष के
निदान के लिए नागपंचमी के दिन हनुमान मंदिर में
जाकर सुंदरकांड का पाठ करें। - नागपंचमी के दिन
यथाशक्ति को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
नागपंचमी पर करें यह टोटका,
मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति कालसर्प दोष जब
किसी की कुंडली में
होता है तो उसे सफलता मिलने में काफी समय
लगता है और उसे जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव
देखने पड़ते हैं। यदि आप भी कालसर्प दोष से
पीडि़त हैं तो नीचे लिखे एक छोटे से
टोटके से इस दोष के प्रभाव को काफी हद तक कम
किया जा सकता है- टोटका नागपंचमी के दिन शाम के
समय 1 किलो कच्चे कोयले व 3 नारियल ले जाकर बहते
पानी में डालें। सबसे पहले एक-एक नारियल डालें
फिर एक साथ सभी कोयले डाल दें। उसके बाद अपने
घर आ जाएं। घर आने के बाद 1 माला महामृत्युंजय मंत्र का जप
करें। ध्यान रहे यह टोटका अनटोका करें और लगातार करें। इस
टोटके से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाएगा और
आपको जीवन में सफलता मिलने लगेगी।
कुछ उपाय छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर
उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे
उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में
उपयोगी टोटकों की विधिवत्
जानकारी दी जा रही है...
परीक्षा में सफलता हेतु : परीक्षा में
सफलता हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें। बुधवार को गणेश
जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें और मूंग के
लड्डुओं का भोग लगाकर सफलता की प्रार्थना करें।
पदोन्नति हेतु : शुक्ल पक्ष के सोमवार को सिद्ध योग में
तीन गोमती चक्र चांदी के
तार में एक साथ बांधें और उन्हें हर समय अपने साथ रखें,
पदोन्नति के साथ-साथ व्यवसाय में भी लाभ होगा।
मुकदमे में विजय हेतु : पांच गोमती चक्र जेब में
रखकर कोर्ट में जाया करें, मुकदमे में निर्णय आपके पक्ष में
होगा। पढ़ाई में एकाग्रता हेतु : शुक्ल पक्ष के पहले रविवार
को इमली के २२ पत्ते ले आएं और उनमें से ११
पत्ते सूर्य देव को ¬ सूर्याय नमः कहते हुए अर्पित करें। शेष
११ पत्तों को अपनी किताबों में रख लें, पढ़ाई में
रुचि बढ़ेगी। कार्य में सफलता के लिए : अमावस्या के
दिन पीले कपड़े का त्रिकोना झंडा बना कर विष्णु
भगवान के मंदिर के ऊपर लगवा दें, कार्य सिद्ध होगा। व्यवसाय
बाधा से मुक्ति हेतु : यदि कारोबार में
हानि हो रही हो अथवा ग्राहकों का आना कम
हो गया हो, तो समझें कि किसी ने आपके कारोबार
को बांध दिया है। इस बाधा से मुक्ति के लिए दुकान या कारखाने के
पूजन स्थल में शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अमृत सिद्ध या सिद्ध
योग में श्री धनदा यंत्र स्थापित करें। फिर नियमित रूप
से केवल धूप देकर उनके दर्शन करें, कारोबार में लाभ होने
लगेगा। गृह कलह से मुक्ति हेतु : परिवार में पैसे
की वजह से कलह रहता हो,
तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच कौड़ियां रखकर उसे
चावल से
भरी चांदी की कटोरी पर
घर में स्थापित करें। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार
को या दीपावली के अवसर पर करें, लाभ
अवश्य होगा। क्रोध पर नियंत्रण हेतु : यदि घर के
किसी व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता हो,
तो दक्षिणावर्ती शंख को साफ कर उसमें जल भरकर
उसे पिला दें। मकान खाली कराने हेतु : शनिवार
की शाम को भोजपत्र पर लाल चंदन से किरायेदार
का नाम लिखकर शहद में डुबो दें। संभव हो, तो यह
क्रिया शनिश्चरी अमावस्या को करें। कुछ
ही दिनों में किरायेदार घर खाली कर देगा।
ध्यान रहे, यह क्रिया करते समय कोई टोके नहीं।
बिक्री बढ़ाने हेतु : ग्यारह गोमती चक्र
और तीन लघु
नारियलों की यथाविधि पूजा कर उन्हें पीले
वस्त्र में बांधकर बुधवार या शुक्रवार को अपने दरवाजे पर लटकाएं
तथा हर पूर्णिमा को धूप दीप जलाएं। यह
क्रिया निष्ठापूर्वक नियमित रूप से करें,
ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी और
बिक्री बढ़ेगी संतान प्राप्ति के लिए • चार
वीरवार को 900 ग्राम जौं चलते जल में बहाए | •
वीरवार का व्रत भी रखना शुभ होगा | •
राधा कृष्णजी के मंदिर में शुक्ल पक्ष के
वीरवार
या जन्माष्टमी को चान्दी की बांसुरी चढाये
| • लाल या भूरी गायें को आट्टे का पेढा व
पानी दे | उपाय मन से करने से मनोकामना पूरण
होगी | बच्चों को वश में करने का अनुभूत मन्त्र
प्रयोग आजकल बच्चे नशे या कुकर्मों में लिप्त होकर
अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। काम नहीं करते
हैं और यूं ही समय बर्बाद करते हैं।
कहना भी नहीं मानते हैं। अपने माता-
पिता की चिन्ता का कारण बने हुए हैं।
दीपावली, ग्रहण
या किसी शुभ मुहूर्त्त में इस मन्त्र को सिद्ध कर
लें। अमुक के स्थान पर जिस बच्चे को वश में करना है
या कन्ट्रोल में लाना है उसका नाम लें। मन्त्र की दस
माला करने के बाद लौंग,
इलायची या मिसरी को 21 बार मन्त्र
पढ़कर अभिमन्त्रित कर लें। बाद मे जिसका नाम लें उसे चाय में
या प्रसाद में देकर खिला दें। वह बच्चा वश में हो जाएगा और
आज्ञा मानेगा। यह प्रयोग पहली बार में सफल न
हो तो पुनः करें। मन्त्र इस प्रकार है- ऊं क्लीम्
क्लीम् अमुकं मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा। बुधवार
को बोलें गणेश की 12 नाम मंत्र स्तुति..हर कदम
पर मिलेगी कामयाबी धर्मग्रंथ भगवान
गणेश के संकटनाशक, विघ्रहर्ता स्वरुप, शक्तियों और
गुणों की महिमा का गान करते हैं। दरअसल,
श्री गणेश की उपासना से मिलने वाले
फल जीवन में उन बातों का महत्व और
उपयोगिता को समझने और अपनाने पर जोर देते हैं, जिनमें बुद्धि,
कर्म, ज्ञान और पुरुषार्थ प्रमुख हैं। ये
सभी जीवन में हर संकट दूर कर पग-
पग पर सफलता झोली में डाल देते हैं। अगर आप
भी ऐसे ही सफल जीवन
की कामना करते हैं तो सावन माह, बुधवार और
विनायक चतुर्थी के शुभ योग में यहां बताई
जा रही भगवान गणेश की प्रसिद्ध
मंत्र स्तुति का पाठ नीचे बताई आसान विधि से कर
मनोरथ सिद्ध करें - - स्नान के बाद देवालय में भगवान गणेश
का ध्यान कर श्री गणेश मूर्ति या तस्वीर
पर सिंदूर, चंदन, अक्षत, फूल और 21 दूर्वा दल के साथ मोदक,
मिठाई या किसी फल का भोग लगाएं। दूर्वा चढ़ाते वक्त
नीचे लिखा मंत्र बोलें - दूर्वाङ्कुरान् सुहरितानमृतान्
मङ्गलप्रदान्। आनीतांस्तव पूजार्थं गृहाण
गणनायक।। इसके बाद नीचे लिखा 12 नाम मंत्रों के
स्मरण का श्रीसंकष्टनाशनगणेशस्तोत्रम बोलें व
श्री गणेश आरती कर प्रसाद ग्रहण
करें - प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेनित्यमायुष्कामार्थसिद्धये।1। प्रथमं वक्रतुण्डं च
एकदन्तं द्वितीयकम्। तृतीयं कृष्णं
पिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।2। लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं
विकटमेव च। सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम् ।3।
नवमं भलाचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्। एकादशं गणपतिं द्वादशं तु
गजाननम्।4। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:। न च
विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।5।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते
धनम्। पुत्रार्थी लभते पुत्रान्
मोक्षार्थी लभते गतिम् ।6। जपेद् गणपतिस्तोत्रं
षडभिर्मासै: फलं लभेत्। संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:
।7। अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत्। तस्य
विद्या भवेत् सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।8। अगर सात दिनों में
चाहिए कालसर्प और पितृ दोष से मुक्ति तो... अगर
आपकी कुंडली में पितृ दोष और कालसर्प
जैसे बड़े दोष है तो आप सावन महीने में कुछ
अचूक उपाय करें। श्रावण माह में सात दिनों तक कुछ अचूक उपाय
करें तो आपको कुंडली के इन बड़े दोषों से होने वाले
नुकसान से जल्दी ही छुटकारा मिल
जाएगा। सावन को पवित्र और शिव
का महीना माना गया है। इस महीने में
होने वाली शिव पूजा और उपायों से कई तरह के दोष
और बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। - प्रतिदिन
इक्कीस माला ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। - रोज
भगवान शिव का जलाभिषेक करें। - कालसर्पदोष निवारक यंत्र घर
में स्थापित करें और सरसों के तेल का दीपक लगा कर
नियमित पूजन करें। - नाग के जोड़े चांदी के बनवाकर
उन्हें तांबे के लौटे में रख बहते पानी में एक बार
प्रवाहित कर दें। - प्रतिदिन स्नान कर के नवनागस्तोत्र का पाठ
करें। - पितृ देवता को धूप दें। - गरीब ब्राह्मण
को चावल का दान दें। - 10 वर्ष से कम उम्र
की कन्याओं को सफेद मिठाई खिलाएं। - रोज सुबह
कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। नागपंचमी:
इन मंत्रों से दूर होता है सांपों का डर सांप का नाम सुनते
ही हर किसी को भय का अनुभव होने
लगता है। देखने में आता है कि कई लोग अज्ञात रूप से सर्प
भय से ग्रसित रहते हैं। ऐसा पूर्व जन्मों के कर्मों के कारण
हो सकता है या फिर कालसर्प दोष के कारण
भी यह संभव है। जिन लोगों को कालसर्प दोष
होता है उन्हें सपनें में भी सांप दिखाई देते हैं।
यदि आप
भी ऐसी ही किसी परेशानी से
ग्रसित हैं तो इसका उपाय महाभारत के आदि पर्व में मंत्रों के
माध्यम से बताया गया है। इन मंत्रों का जप विधि-विधान से
किया जाए तो सभी प्रकार के सर्प भय से मुक्ति मिल
जाती है।

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