रोजगार प्राप्ति हेतु प्रयोग
- यदि आप बेरोजगार हैं तो करें यह उपाय शनिवार
के दिन नास्ते मैं बनने वाली आखरी रोटी में
दोनों तरफ बीच वाली अंगुली से बीचों बीच
सरसों तेल लगाकर अपने सर से सात बार सीधे
उतार कर कुत्ते को खिलाएं यह प्रयोग सात
शनिवार तक करें अवस्य ही आपको रोजगार प्राप्त
हो जायेगा
Friday, December 30, 2016
रोज़गार हेतु प्रयोग
जब कोई दवा कम ना करे
जब कोई दवाई काम न करे तब तांबे के लोटे में जल लेकर उसमे तुलसी के पत्ते डालकर । उसमे देखते हुए भगवान धन्वंतरि द्वारा बताये गए आयुर्वेद ग्रन्थ के इस मंत्र की 10 माला करें । चमत्कारिक लाभ होता है ।
मंत्र
ॐ अच्युताय गोविंदाय अनन्ताय नाम भेषजा नश्यन्ति सर्व रोगणि सत्यम् सत्यम् वदाम्यहम् ।
भगवन के ये 3 नाम सर्व रोग को हरने वाले हैँ ।
Thursday, December 29, 2016
सूर्य के पुष्प
सूर्य के पुष्प : भगवान आदित्य अर्थात सूर्य की पूजा के लिए भविष्य पुराण में बताया गया है कि यदि भगवान सूर्य को आक का एक फूल अर्पित कर दिया जाये तो सोने की दस अशर्फियां चढ़ाने जितना पुण्य मिलता है। इसके अतिरिक्त गुडहल, कनेर, कुश, शमी, मौलसरी, केसर, मालती, पलास आदि के पुष्पों को भी सूर्य पूजा के लिए लिया जा सकता है
झंडा और भाग्य
अगर आप अमावस्या के दिन पीला त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लहराता हुआ रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। झंडा लगातार वहाँ लगा रहना चाहिए।
Wednesday, December 28, 2016
संतान प्रयोग
जिन माताओ बहनो के घर संतान नहीं हैं वह ये प्रयोग करके देखें।
ऋतुकाल के 7 वें दिन रात्रि में 9 बजे के बाद एक बिना दाग़ का निम्बू किसी कटोरी में निचोड़ लें। उसको ठाकुर जी के सामने 5 मिनट रखे और आँख बंद करके मन में गर्भवती होने की कामना करें। 5 मिनट बाद साधारण पूजन करके ठाकुर जी की आरती करें। उस निम्बू के रस में स्वादानुसार नमक मिला कर बिना पानी मिलाये पी जाएं।
इस विधि के 2 घंटे बाद फैमिली प्लान कीजिये।
ये प्रयोग 1 महीने में एक बार कीजिये।
लड्डू गोपाल जी ने चाहा तो 3 महीना नहीं पार होगा।
Monday, June 27, 2016
नाक की कील से जुड़ा विज्ञान
नाक की कील से जुड़ा विज्ञान
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नाक में कील पहने के
पीछे का विज्ञान कहता है कि इससे श्वास को नियमित
होती है।
कुमकुम से जुड़ा विज्ञान
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कुमकुम भौहों के बीच में
लगाया जाता है। यह बिंदु अज्ना चक्र कहलाता है। सोचिए जब
भी आपको गुस्सा आता है तो तनाव
की लकीरें ङोहों के बीच
सिंमटी हुई नजर आती हैं। इस बिंदु पर
कुमकुम लगाने से शआंति मिलती है और दिमाग
ठंडा रहता है। यह बिंदु भगवान शिव से जुड़ा होता है। कुमकुम,
तिलक, विभूति, भस्म सब माथे पर ही लगाए जाते हैं।
इनसे दिमाग को शांति मिलती है।
कान में बालियां, झुमके पहनने का विज्ञान
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कानों में झुमके,
बालियां आदि पहनना फैशन ही नहीं।
इसका शरीर पर अक्युपंचर प्रभाव
भी पड़ता है। कान में छेद कराकर उसमें कोई धातु धारण
करना मासिक धर्म को नियमित करने में सहायक होता है।
शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए सोने के ईयररिंग और
ज्यादा ऊर्जा को कम करने के लिए चांदी के ईयररिंग्स
पहनने की सलाह
दी जाती है। इसी तरह
अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए
अलग-अलग धातु के ईयररिंग्स पहनने की सलाह
दी जाती रही है।
पैरों में पायल पहनने से जुड़ा विज्ञान
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चांदी की पायल पहनने से पीठ,
एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया रोगों से
राहत मिलती है। साथ
ही चांदी की पायल
हमेशा पैरों से रगड़ाती रहती है
जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए
काफी फ़ायदेमंद है। इससे उनके
पैरों की हड्डी को मज़बूती मिलती है।
बिछुआ पहनने के पीछे का विज्ञान *
बिछुआ पहनने के पीछे का विज्ञान
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शादीशुदा हिंदू महिलाओँ में पैरों में बिछुआ जरूर नजर आ
जाता है। इसे पहनने के पीछे भी विज्ञान
छिपा है। पैर की जिन उंगलियों में बिछिया पहना जाता है
उसका कनेक्शन गर्भाशय और दिल से है। इन्हें पहनने से
महिला को गर्भधारण करने में
आसानी होती है और मासिक धर्म चक्र
भी नियम से चलता है। वहीं,
चांदी(आमतौर पर बिछुआ
चांदी की होती है) होने
की वजह से जमीन से यह
ऊर्जा ग्रहण करती है और पूरे शरीर तक
पहुंचाती है।
Saturday, June 25, 2016
केमद्रुम योग
केमद्रुम योग
ज्योतिष में चंद्रमा से निर्मित एक महत्वपूर्ण योग है. वृहज्जातक में वाराहमिहिर के अनुसार यह योग उस समय होता है जब चंद्रमा के आगे या पीछे वाले भावों में ग्रह न हो अर्थात चंद्रमा से दूसरे और चंद्रमा से द्वादश भाव में कोई भी ग्रह नहीं हो. यह योग इतना अनिष्टकारी नहीं होता जितना कि वर्तमान समय के ज्योतिषियों ने! इसे बना दिया है. व्यक्ति को इससे भयभीत नहीं होना चाहिए क्योंकि यह योग व्यक्ति को सदैव बुरे प्रभाव नहीं देता अपितु वह व्यक्ति को जीवन में संघर्ष से जूझने की क्षमता एवं ताकत देता है, जिसे अपनाकर जातक अपना भाग्य निर्माण कर पाने में सक्षम हो सकता है और अपनी बाधाओं से उबर कर आने वाले समय का अभिनंदन कर सकता है.
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्र को मन का कारक कहा गया है. सामान्यत: यह देखने में आता है कि मन जब अकेला हो तो वह इधर-उधर की बातें अधिक सोचता है और ऎसे में व्यक्ति में चिन्ता करने की प्रवृति अधिक होती है. इसी प्रकार के फल केमद्रुम योग देता है.
केमद्रुम योग कैसे बनता है |
यदि चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश दोनों स्थानों में कोई ग्रह नही हो तो केमद्रुम नामक योग बनता है या चंद्र किसी ग्रह से युति में न हो या चंद्र को कोई शुभ ग्रह न देखता हो तो कुण्डली में केमद्रुम योग बनता है. केमद्रुम योग के संदर्भ में छाया ग्रह राहु केतु की गणना नहीं की जाती है.
इस योग में उत्पन्न हुआ व्यक्ति जीवन में कभी न कभी दरिद्रता एवं संघर्ष से ग्रस्त होता है. इसके साथ ही साथ व्यक्ति अशिक्षित या कम पढा लिखा, निर्धन एवं मूर्ख भी हो सकता है. यह भी कहा जाता है कि केमदुम योग वाला व्यक्ति वैवाहिक जीवन और संतान पक्ष का उचित सुख नहीं प्राप्त कर पाता है. वह सामान्यत: घर से दूर ही रहता है. परिजनों को सुख देने में प्रयास रत रहता है. व्यर्थ बात करने वाला होता है. कभी कभी उसके स्वभाव में नीचता का भाव भी देखा जा सकता है.
केमद्रुम योग के शुभ और अशुभ फल
केमद्रुम योग में जन्म लेनेवाला व्यक्ति निर्धनता एवं दुख को भोगता है. आर्थिक दृष्टि से वह गरीब होता है. आजिविका संबंधी कार्यों के लिए परेशान रह सकता है. मन में भटकाव एवं असंतुष्टी की स्थिति बनी रहती है. व्यक्ति हमेशा दूसरों पर निर्भर र!
सूतक -पातक की जानकारी
सूतक- पातक की जानकारी
सूतक -
सूतक का सम्बन्ध "जन्म के" निम्मित से हुई अशुद्धि से है ! जन्म के अवसर पर जो नाल काटा जाता है और जन्म होने की प्रक्रिया में अन्य प्रकार की जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप "सूतक" माना जाता है !
जन्म के बाद नवजात की पीढ़ियों को हुई अशुचिता :-
3 पीढ़ी तक - 10 दिन
4 पीढ़ी तक - 10 दिन
5 पीढ़ी तक - 6 दिन
पातक :-
पातक का सम्बन्ध "मरण के" निम्मित से हुई अशुद्धि से है ! मरण के अवसर पर दाह-संस्कार में इत्यादि में जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप "पातक" माना जाता है !
मरण के बाद हुई अशुचिता :-
3 पीढ़ी तक - 12 दिन
4 पीढ़ी तक - 10 दिन
5 पीढ़ी तक - 6 दिन
जिस दिन दाह-संस्कार किया जाता है, उस दिन से पातक के दिनों की गणना होती है, न कि मृत्यु के दिन से !
ध्यान दीजिए :-
सूतक-पातक की अवधि में "देव-शास्त्र-गुरु" का पूजन आदि धार्मिक क्रियाएं वर्जित होती हैं ! इन दिनों में मंदिर के उपकरणों को स्पर्श करने का भी निषेध है ! यहाँ तक की गुल्लक में रुपया डालने का भी निषेध बताया है ! किन्तु ये कहीं नहीं कहा गया है कि सूतक-पातक में मंदिर तथा किसी के घर भी जाना भी वर्जित है . मंदिर में जाना, देव-दर्शन, प्रदिक्षणा करना , जो पहले से याद हैं वो विनती/स्तुति बोलना, भाव-पूजा करना, हाथ की अँगुलियों पर जप करना तथा किसी के घर जाना शास्त्र सम्मत है ! तथा यह सूतक-पातक आर्ष-ग्रंथों से मान्य है ! कुल मिलाकर सुतक पातक के दिनो मे केवल और केवल मूर्ति स्पर्श तथा धार्मिक कर्मकान्डो का ही निषेध है.
आज समाज ने सुतक पातक के आर्षसुत्रो मे अपनी बुद्धि का प्रयोग कर अपनी परम्परावो को जोड़ दिया है. जो कि उचित नही है. अत: समाज को शास्त्रसम्मत विचारधारा का अनुपालन करना चाहिए.
⭐⭐⭐⭐⭐⭐
Thursday, June 23, 2016
कुंडली में तलाक योग और उपाय
कुंडली में तलाक के योग
सातवें भाव में बैठे द्वादशेश
से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
बारहवें भाव में बैठें सप्तमेश से राहु की युति हो तो तलाक होता है।
पंचम भाव में बैठे द्वादशेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
पंचम भाव में बैठे सप्तमेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
सातवें भाव का स्वामी और बाहरवें भाव का स्वामी अगर दसवें भाव में युति करता हो तो में तलाक होता है।
सातवें घर में पापी ग्रह हों व चंद्रमा व शुक्र पापी ग्रह से पीड़ित हो पति-पत्नी के तलाक लेने के योग बनते हैं।
सप्तमेश व द्वादशेश छठे आठवें या बाहरवें भाव में हो और सातवें घर में पापी ग्रह हों तो तलाक के योग बनते है।
सातवें घर में बैठे सूर्य पर शनि के साथ शत्रु की दृष्टि होने पर तलाक होता है।
तलाक से मुक्ति पाने हेतु ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिषशास्त्र में जहां समस्याएं हैं तो साथ-साथ उनके शतप्रतिशत समाधान भी मौजूद हैं। दांपत्य कलह, सेपरेशन और तलाक से मुक्ति पाने का सबसे आसान और सरल समाधान है एकादश रुद्रावतार हनुमान जी। जैसे हनुमानजी ने भगवान राम और सीता माता का मिलन करवाया। उर्मिला व सीता के सुहाग की रक्षा हेतु उन्होंने अपने प्राणों तक के बारे में भी विचार नहीं किया। हनुमान जी ने राम जी की पत्नी सीता हेतु समुद्र तक लांघ लिया जैसे हनुमान जी के कारण ही उत्तर रामायण के अनुसार लव कुश राम सीता पूरा परिवार एकत्रित हो जाता है ठीक उसी तरह शनि, मंगल, राहु और सूर्य की सप्तम भाव में युति के पश्चात् भी हनुमान जी की शरण जाकर दांपत्य जीवन सामान्यतः सुखद सिद्ध हो सकता है।
तलाक टालने हेतु सात मंगलवार 7 लौंग, 7 नींबू, 7 सुपारी, 7 जायफल, 7 मेलफल, 7 सीताफल 7 तांबे के त्रिकोण टुकड़े लाल कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में गुड़ की रोटी व टमाटर के साग का भोग लगाकर किसी वृद्ध दंपति को खिलाएं।
- शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार 7 जैतून, 7 अमरूद, 7 काले जामुन, 7 बेर, 7 बादाम, 7 नारियल, 7 काले द्राक्ष काले कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
- घर की उत्तर दिशा में हनुमान जी का वीर रूपक चित्र लगाएं।
- दक्षिमुखी हनुमान मंदिर से प्राप्त सिंदूर जीवनसाथी के चित्र पर लगाएं।
- राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में 7 नारियल चढ़ाएं।
- राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान जी की उल्टी सात परिक्रमा लगाएं।
- शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार हनुमान जी के चित्र पर गुड़ का भोग लगाकर काली गाय को खिलाएं।
- सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में 7 कंधारी आनर चढ़ाकर किसी नव दंपति को भेंट करें।
- मंगल के कारण तलाक की स्थिति में सात मंगलवार तांबे के लोटे में गेहूं भरकर उस पर लाल चन्दन लगाकर लोटे समेत हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
तलाक योग और उपाय
कुंडली में तलाक के योग
सातवें भाव में बैठे द्वादशेश
से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
बारहवें भाव में बैठें सप्तमेश से राहु की युति हो तो तलाक होता है।
पंचम भाव में बैठे द्वादशेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
पंचम भाव में बैठे सप्तमेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
सातवें भाव का स्वामी और बाहरवें भाव का स्वामी अगर दसवें भाव में युति करता हो तो में तलाक होता है।
सातवें घर में पापी ग्रह हों व चंद्रमा व शुक्र पापी ग्रह से पीड़ित हो पति-पत्नी के तलाक लेने के योग बनते हैं।
सप्तमेश व द्वादशेश छठे आठवें या बाहरवें भाव में हो और सातवें घर में पापी ग्रह हों तो तलाक के योग बनते है।
सातवें घर में बैठे सूर्य पर शनि के साथ शत्रु की दृष्टि होने पर तलाक होता है।
तलाक से मुक्ति पाने हेतु ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिषशास्त्र में जहां समस्याएं हैं तो साथ-साथ उनके शतप्रतिशत समाधान भी मौजूद हैं। दांपत्य कलह, सेपरेशन और तलाक से मुक्ति पाने का सबसे आसान और सरल समाधान है एकादश रुद्रावतार हनुमान जी। जैसे हनुमानजी ने भगवान राम और सीता माता का मिलन करवाया। उर्मिला व सीता के सुहाग की रक्षा हेतु उन्होंने अपने प्राणों तक के बारे में भी विचार नहीं किया। हनुमान जी ने राम जी की पत्नी सीता हेतु समुद्र तक लांघ लिया जैसे हनुमान जी के कारण ही उत्तर रामायण के अनुसार लव कुश राम सीता पूरा परिवार एकत्रित हो जाता है ठीक उसी तरह शनि, मंगल, राहु और सूर्य की सप्तम भाव में युति के पश्चात् भी हनुमान जी की शरण जाकर दांपत्य जीवन सामान्यतः सुखद सिद्ध हो सकता है।
तलाक टालने हेतु सात मंगलवार 7 लौंग, 7 नींबू, 7 सुपारी, 7 जायफल, 7 मेलफल, 7 सीताफल 7 तांबे के त्रिकोण टुकड़े लाल कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में गुड़ की रोटी व टमाटर के साग का भोग लगाकर किसी वृद्ध दंपति को खिलाएं।
- शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार 7 जैतून, 7 अमरूद, 7 काले जामुन, 7 बेर, 7 बादाम, 7 नारियल, 7 काले द्राक्ष काले कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
- घर की उत्तर दिशा में हनुमान जी का वीर रूपक चित्र लगाएं।
- दक्षिमुखी हनुमान मंदिर से प्राप्त सिंदूर जीवनसाथी के चित्र पर लगाएं।
- राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में 7 नारियल चढ़ाएं।
- राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान जी की उल्टी सात परिक्रमा लगाएं।
- शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार हनुमान जी के चित्र पर गुड़ का भोग लगाकर काली गाय को खिलाएं।
- सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में 7 कंधारी आनर चढ़ाकर किसी नव दंपति को भेंट करें।
- मंगल के कारण तलाक की स्थिति में सात मंगलवार तांबे के लोटे में गेहूं भरकर उस पर लाल चन्दन लगाकर लोटे समेत हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
आदत बदलिये
1. चूहों से मुक्ति चूहों को पिपरमिंट की गंध बिल्कुल पसंद नहीं होती. अगर घर में चूहे उत्पात मचा रहे हैं तो रूई के कुछ फाहों को पिपरमिंट में डाल कर उनके होने की संभावित जगह के पास रख दें. इसकी गंध से उनका दम घुटेगा और वे मर जाएंगे.
2. कॉकरोच से राहत काली-मिर्च, प्याज और लहसुन को पीसकर मिला लें और इस पेस्ट में पानी डालकर एक सॉल्यूशन तैयार कर लें. इस सॉल्यूशन को उन जगहों पर छिड़कें, जहां कॉकरोच बहुत ज्यादा हैं. इसकी तेज गंध से वे आपका घर छोड़कर भाग जाएंगे.
3. मक्खी से मुक्ति मक्खियों को दूर रखने के लिए कोशिश करें कि घर साफ और दरवाजे बंद रहें. बावजूद इसके मक्खियां घर में आ जाएं तो कॉटन बॉल को किसी तेज गंध वाले तेल में डुबोकर दरवाजे के पास रख दें. तेल की गंध से मक्खियां दूर रहती हैं और इस उपाय को आजमाएंगे तो वे आपके घर से तुरंत भाग जाएंगी.
4. खटमल मारो प्याज का रस खटमल को मारने की प्राकृतिक औषधि है. इसकी गंध से उनकी सांस बंद हो जाती है और ये तुरंत मर जाते हैं.
5. छिपकली भगाओ अंडे के खाली छिलकों को कुछ ऊंचाई पर रख दें. अंडे की गंध से छिपकली दूर भागती हैं. इनको घर से भगाने का यह एक कारगर उपाय है.
6. अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं . wash basin में ही यह काम कर आया करें ! यश,मान-सम्मान में अभिवृध्दि होगी।
7. जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.! बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.! अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते हैं ! इससे मानसिक शांति बढ़ कर अड़चनें दूर होती हैं।
8. जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं.! जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को हमेशा स्वच्छ पानी पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.! अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आते।
9. घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों का डटकर सामना कर पाने का सामर्थ्य आ पाता है ! परेशानियां दूर होकर सुकून आता है। जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ नहीं पकड़ पातीं.!
10. जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी।
11. उन लोगों का राहु और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
12. उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे़ तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें.! जीवन आश्चर्यजनक रूप से सुंदर होता चला जायेगा।
13. पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें. आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढे़गी और क्रोध धीरे-धीरे कम होने लगेगा.! आनंद बढ़ेगा।
14. रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरीत घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है.! उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है.! हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.! ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.!
15. जूठन बिल्कुल न छोड़ें । ठान लें । एकदम तय कर लें। पैसों की कभी कमी नहीं होगी। अन्यथा नौ के नौ गृहों के खराब होने का खतरा सदैव मंडराता रहेगा। कभी कुछ कभी कुछ । करने के काम पड़े रह जायेंगे और समय व पैसा कहां जायेगा पता ही नहीं चलेगा।
अच्छी बातें बाँटने से दोगुनी तो होती ही हैं
Tuesday, June 21, 2016
ग्रहों की महादशा के अनुसार फल
ज्योतिष में ग्रहों की महादशा के अनुसार फल प्राप्त होते है।
कुंडली से हम यह पता लगता है की कोनसा ग्रह की महादशा समस्या पैदा कर रही तो उस ग्रह का उपाय करना चाहिएे।
अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ग्रहों की महादशा का उपाय करना चाहिएे।
वे हमारे अनुकूल है या प्रतिकूल ।
जो ग्रहों की महादशा आपके अनुकूल, भाग्येश, योगकारक और मित्र है ,केंद्र त्रिकोण के स्वामी हैं, लग्नेश है,तो उन ग्रहों की महादशा मे भी उपाय करना चाहिए।
जो ग्रहों की महादशा आपके प्रतिकूल हैं मारक, बाधक, नीच के, शत्रु या अकारक हैं तो
उनकी महादशा हमारे लिए लाभ नहीं कर सकती है ।
अनुकूल या प्रतिकूल ग्रह के महादशाके उपाय अलग अलग होगे ।
अनुकूल ग्रह की महादशा मे रत्न धारण करना चाहिएे।
अनुकूल ग्रह की महादशा मे मंत्रोच्चार या पूजन विधि तथा प्रार्थना से कर सकते है।
प्रतिकूल ग्रह की महादशा ,मारक, बाधक, नीच के, शत्रु या अकारक है तो ग्रहों की महादशा मे वस्तुओं का दान करना चाहिए।
अनुकूल ग्रह की महादशा मे उपाय मंत्रोच्चार या पूजन होता है :
1.चंद्र ग्रह की महादशा : सोमवार को शिव भगवान की पूजा करें- शिवलिंग पर कच्चा दूध एवं दहीं, धतुरा अर्पित करें। . कपूर . शिव पंचायतनसे पूजन करें।
2.मंगल ग्रह की महादशा : मंगलवार को हनुमान जी पूजा करें। दीपक लगाने के साथ ही अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करतथा सिंदूर, चमेली का तेल चढ़ाएं। मंत्र- ऊँ रामदूताय नम:, ऊँ पवन पुत्राय नम: । हनुमान चालीसा का पाठ करें।
3. बुध ग्रह की महादशा : बुधवार को गणेश भगवान की पूजा विधि-विधान से करें।
4.गुरू ग्रह की महादशा : बृहस्पतिवार को बृहस्पति देव की पूजा विधि-विधान से करें। बृहस्पति देव विद्या, धन, और संतान की कृपा करने वाले देवता है। अपने शरीर अंग नाभि और मस्तक पर केसर तिलक लगाना चाहिए और भोजन में भी केसर का प्रयोग करें। गुरू मंत्रों, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ व जप करें या फिर कराएं। साधु, ब्राह्मण और पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल की जड़ में जल, चने की दाल और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं। पीले रंग के धागे में गुरूवार के दिन 5 मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
5.शुक्र ग्रह की महादशा : ज्योतिष शास्त्र में भी मानव की पिड़ाओं और परेशानियों को दूर करने के लिए उपाय शुक्रवार को ही करने को उपयुक्त बताया गया है। चिटि्टयों को दाना , सफेद गाय को रोटी , गरीबों को भोजन और दान-पुण्य करें।
6. शनि ग्रह की महादशा : शनिवार को शनि देव की की पूजा करें: शनि देव के प्रकोप से बचते हैं। शनि देव को न्याय का देवता है। शनि देव को खुश करगे तो आपके पापों का नाश करगे . हनुमान चालिसा का पाठ,शनि देव के दर्शन, नीले पुष्प अर्पित करें।शिवलिंग पर जल अर्पित करें। , पीपल की पूजा ,गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।
7.सूर्य ग्रह की महादशा : रविवार को सूर्य देव की पूजा विधि से करना चाहिए: सफलता और यश के लिए सूर्य देव को नमस्कार करें, लाल चंदन का लेप, कुकुंम, चमेली और कनेर के फूल अर्पित करें, दीप प्रज्जवलित, सूर्य मंत्र का जाप करें।
प्रतिकूल ग्रह ,अशुभ ग्रहों ,मारक, बाधक, नीच के, शत्रु या अकारक है तो ग्रहों की महादशा वस्तुओं का दान करना चाहिए।
प्रतिकूल ,अशुभ ग्रहों की महादशा मे उपाय :
सूर्य की महादशा : सूर्य को जल देवे . पिता की सेवा करना चाहिए । गेहूँ ,तांबे , बर्तन का दान करें।
चंद्र की महादशा : मंदिर में कच्चा दूध और चावल दान करे। माता की सेवा करना चाहिए। चावल, दुध ,चान्दी का दान करना चाहिए ।
मंगल की महादशा : मंगलवार को बंदरो को गुड और चने खिलाना चाहिए। भाई बहन की सेवा करना चाहिए। साबुत, मसूर की दाल का दान, करना चाहिए ।
बुध की महादशा : ताँबे का दान करना चाहिए ।
साबुत मूंग का दान करना चाहिए ।माँ दुर्गा की आराधना करनी चाहिए।
बृहस्पति की महादशा : केसर का तिलक लगाना चाहिए। केसर खाएँ और नाभि , जीभ पर लगाना चाहिए ।चने की दाल का पिली वस्तु का दान चाहिए ।
शुक्र की महादशा : गाय की सेवा करना चाहिए।
घर ,शरीर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
गाय को हरी घास खिलाना चाहिए।
दही, घी, कपूर का दान करना चाहिए।
शनि की महादशा : शनिवार के दिन पीपल पर तेल का दिया जलाना चाहिए । बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना छाया दखें और बर्तन तेल के साथ दान करना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा करना चाहिए, बजरंग बाण का पाठ करे।
काले साबुत उड़द और लोहे की वस्तु का दान करना चाहिए।
राहु की महादशा : जौ ,मूली ,काली सरसों का दान करना चाहिए।
केतु की महादशा : काला सफ़ेद कम्बल कोढियों को दान करना चाहिए । कौओं को रोटी खिलाएं. काला तिल का दान करे।
अगर आपके जीवन में जिस ग्रह की महादशा चल रही है तो आप उस तरह उपचार कर सक