Monday, June 27, 2016

नाक की कील से जुड़ा विज्ञान

नाक की कील से जुड़ा विज्ञान
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नाक में कील पहने के
पीछे का विज्ञान कहता है कि इससे श्वास को नियमित
होती है।
कुमकुम से जुड़ा विज्ञान
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कुमकुम भौहों के बीच में
लगाया जाता है। यह बिंदु अज्ना चक्र कहलाता है। सोचिए जब
भी आपको गुस्सा आता है तो तनाव
की लकीरें ङोहों के बीच
सिंमटी हुई नजर आती हैं। इस बिंदु पर
कुमकुम लगाने से शआंति मिलती है और दिमाग
ठंडा रहता है। यह बिंदु भगवान शिव से जुड़ा होता है। कुमकुम,
तिलक, विभूति, भस्म सब माथे पर ही लगाए जाते हैं।
इनसे दिमाग को शांति मिलती है।
कान में बालियां, झुमके पहनने का विज्ञान
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कानों में झुमके,
बालियां आदि पहनना फैशन ही नहीं।
इसका शरीर पर अक्युपंचर प्रभाव
भी पड़ता है। कान में छेद कराकर उसमें कोई धातु धारण
करना मासिक धर्म को नियमित करने में सहायक होता है।
शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए सोने के ईयररिंग और
ज्यादा ऊर्जा को कम करने के लिए चांदी के ईयररिंग्स
पहनने की सलाह
दी जाती है। इसी तरह
अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए
अलग-अलग धातु के ईयररिंग्स पहनने की सलाह
दी जाती रही है।
पैरों में पायल पहनने से जुड़ा विज्ञान
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चांदी की पायल पहनने से पीठ,
एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया रोगों से
राहत मिलती है। साथ
ही चांदी की पायल
हमेशा पैरों से रगड़ाती रहती है
जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए
काफी फ़ायदेमंद है। इससे उनके
पैरों की हड्डी को मज़बूती मिलती है।

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