आज विषय लेते है आभूषणो का | हम सबको आभूषण
काफी पसंद होते है , चाहे वह अंगूठी हो , या फिर कड़े
हो , या चैन हो या फिर कुछ और , पर क्या हमे यह
पता है की अलग अलग जगह पर आभूषण धारण करने से
हमारे शरीर पर अलग अलगा प्रभाव पड़ता है ? तो शुरू
करते है चंद्रमा से :
* अगर आपका चंद्रमा कमजोर है तो आपको अंगूठी और
कड़े ज़रूर पहननी चाहिए , अपने हाथ के अंगूठे मैं अगर आप
चाँदी का छल्ला डालते है और साथ में अपनी कलाई
का हिस्सा टाइट करके रखते है कड़े पहन कर तो उससे
आपके मानसिक विकार दूर होते है , चांदी अपने आप में
ही एक ANTIBIOTIC है | चांदी का प्रयोग करने से
हमारे शरीर में ठंडक और शीतलता आती है , हमारे शरीर
की प्रतिरोधक क्षमता बढ्ने लगती है , एकाग्रता और
आत्मविश्वास में भी वृद्धि आती है |
* पुराने जमाने में बाजूबंद का चलन हुआ करता था , पर
आजकल ज्यादा नहीं रह गया है | बाजूबंद
हमारी कोहनी और कंधे के बिल्कुल बीचों बीच
पहना जाता है , अगर हम इस्स हिस्से को बांधकर रखते
है , यानि की हम बाजूबंद पहन कर रखते है तो यहा कुछ
ऐसे Acupressure points होते है जो हमारी भूख और पेट
से संबंधित बीमारियों को नियंत्रण में रखता है , अगर
बाजूबंद पहने , तो जिनको गैस और धूप के कारण
Migraine या सर दर्द जैसी शिकायतों से निजात
पा सकते है , तनाव से होने वाले सर दर्द में भी यह
बाजूबंद पहना चाहिए , और अगर आप सोना ,
चांदी और तांबे से बना हुआ त्रिधातु का बाजूबंद पहनते
है तो यह आपका लिवर और भूख को ठीक रखता है |
*नाभि हमारे पूरे शरीर का ऊर्जा का केंद्र है ,
Kidney , urine , liver , carbohydrate management ,
uterus यह सब यही से नियंत्रित होता है ,
नाभि हमारी मानसिक शक्ति को भी नियंत्रित
रखती है , अगर इन में से आपको काही पर भी दिक्कत
आ रही है तो कमरबंद पहना चाहिए नाभि से तीन उंगल
ऊपर या नीचे |
* हमारे कान हमारे दिमाग तक जा रहे खून
का दौरा नियंत्रित रखता है , जहा कान
छेदा जाता है और जहा पुरुष और महिलायें
बालियाँ पहनती है , वह कुछ ऐसे प्रैशर पॉइंट्स होते है
जो दिमाग तक जा रहे खून के दौरे में मदद करते है , अगर
कानो में चांदी और तांबे से मिली हुई बालियाँ पहनते
है तो काफी सारी बीमारियों से
बकहा जा सकता है | कन छेदन 3 वर्ष के बाद
कभी भी करवाया जा सकता है |
* नाक हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है
क्यूंकी यही से हम वायु अपने शरीर के अंदर लेकर जीवन
शक्ति उत्पन्न करते है , हमारे शरीर की तीन
नाड़ियों का स्वर यही आकर मिलता है , सूर्य , चन्द्र
और सुषुम्ना , नथ पहनने से हमारी ज्ञान
की शक्ति बड़ती है , और हमारे दिमाग में
शक्ति का संचालन सही ढंग से होने लगता है |
* जहा महिलायें पायल पहनती है वह हिस्सा हमारे
शरीर की बलता और शक्ति को दर्शाता है , पायल
पहनने से हमारे पूरे शरीर में रक्त संचार सही ढंग से होने
लगता है , शरीर में शक्ति बढ़ने लगती है , पेट और लिवर
से जुड़ी समस्या में भी कमी आती है , अगर आप पायल
नहीं पहन सकते तो आप पायल की जगह एक
सूती काला धागा भी बांध सकते है | —
Thursday, March 9, 2017
आभूषण का प्रभाव
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