बंधी दूकान कैसे खोलें?
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कभी-कभी देखने में आता है कि खूब चलती हुईदूकान भी एकदम से ठप्प हो जाती है ।अतः इससे बचने के लिए निम्नलिखितप्रयोग करने चाहिए -
**दुकान में लोबान की धूप लगानी चाहिए ।
**शनिवार के दिन दुकान के मुख्य द्वार परबेदाग नींबू एवं सात हरी मिर्चें लटकानी चाहिए ।
**नागदमन के पौधे की जड़ लाकर इसे दुकान केबाहर लगा देना चाहिए । इससे बँधी हुई दुकान खुल जाती है ।
**दुकान के गल्ले में शुभ-मुहूर्त में श्री-फललाल वस्त्र में लपेटकर रख देना चाहिए ।
**प्रतिदिन संध्या के समय दुकान में मातालक्ष्मी के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए ।
**दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान की दीवारपर शूकर-दंत इस प्रकार लगाना चाहिए कि वह दिखाई देता रहे ।
**व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकान को नजर सेबचाने के लिए काले-घोड़े की नाल को मुख्य द्वार की चौखट के ऊपर ठोकना चाहिए ।
**दुकान में मोरपंख की झाडू लेकर निम्नलिखितमंत्र के द्वारा सभी दिशाओंमेंझाड़ू को घुमाकर वस्तुओं को साफ करना चाहिए । मंत्रः-“ॐह्रीं ह्रींक्रीं”
**शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के सम्मुखमोगरे अथवा चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए ।
**यदि आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान में चूहेआदि जानवरों के बिल हों, तोउन्हें बंद करवाकर बुधवार के दिन गणपति को प्रसाद चढ़ाना चाहिए ।
**सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर स्वच्छ जल से धोकरदुकानअथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्यद्वार पर टांगना चाहिए । सूती धागे कोपीसी हल्दी में रंगकर उसमें अशोक के पत्तों को बाँधकर लटकाना चाहिए ।
**यदि आपको यह शंका हो कि किसी व्यक्ति नेआपके व्यवसाय को बाँध दिया हैयाउसकी नजर आपकी दुकान को लग गई है, तो उस व्यक्तिका नाम काली स्याही सेभोज-पत्रपर लिखकर पीपल वृक्ष के पास भूमि खोदकर दबा देना चाहिए तथा इसप्रयोग को करते समय किसी अन्य व्यक्तिको नहीं बताना चाहिए । यदि पीपलवृक्षनिर्जन स्थान में हो, तो अधिक अनुकूलता रहेगी ।
**कच्चा सूत लेकर उसे शुद्ध केसर में रंगकरअपनी दुकान पर बाँध देना चाहिए ।
**हुदहुद पक्षी की कलंगी रविवार के दिनप्रातःकाल दुकान पर लाकर रखने सेव्यवसाय को लगी नजर समाप्त होती है और व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धिहोतीहै ।
**कभी अचानक ही व्यवसाय में स्थिरता आ गई हो, तो निम्नलिखितमंत्र का प्रतिदिन ग्यारह माला जप करने से व्यवसाय में अपेक्षा केअनुरुपवृद्धि होती है ।
मंत्रः-“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवती माहेश्वरीअन्नपूर्णा स्वाहा ।”
**यदि कोई शत्रु आपसी जलन या द्वेष, व्यापारिकप्रतिस्पर्धाके कारण आप पर तंत्र-मंत्र का कोई प्रयोग करके आपके व्यवसायमें बाधा डाल रहा हो, तो ईसे में नीचे लिखे सरल शाबर मंत्र का प्रयोग करकेआप अपनी तथा अपने व्यवसाय की रक्षा करसकते हैं । सर्वप्रथम इस मंत्र की दसमाला जपकर हवन करें । मंत्र सिद्ध हो जाने पर रविवार या मंगलवार की रातइसका प्रयोग करें ।
मंत्रः-“उलटतवेद पलटत काया, जाओ बच्चा तुम्हें गुरु ने बुलाया, सत नाम आदेश गुरु का ।”
रविवार या मंगलवार की रात को11 बजे के बाद घर से निकलकर चौराहे की ओरजाएँ, अपने साथ थोड़ी-सी शराब लेते जाएँ ।मार्ग में सात कंकड़ उठाते जाएँ ।चौराहे पर पहुँचकर एक कंकड़ पूर्व दिशा की ओर फेंकते हुए उपर्युक्तमंत्रपढ़ें, फिरएक दक्षिण, फिर क्रमशः पश्चिम, उत्तर, ऊपर, नीचेतथा सातवींकंकड़ चौराहे केबीच रखकर उस शराब चढ़ा दें । यह सब करते समय निरन्तर उक्तमन्त्र का उच्चारण करते रहें । फिर पीछे पलट करसीधे बिना किसी से बोले औरबिनापीछे मुड़कर देखे अपने घर वापस आ जाएँ ।
घर पर पहले से द्वार केबाहर पानी रखे रहें । उसी पानी सेहाथ-पैर धोकर कुछ जल अपने ऊपर छिड़क कर, तबअन्दर जाएँ । एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि आते-जाते समय आपके घर काकोई सदस्य आपके सामने न पड़े और चौराहेसे लौटते समय यदि आपको कोई बुलाए याकोई आवाज सुनाई दे, तब भी मुड़कर नदेखें ।
**यदि आपके लाखप्रयत्नों के उपरान्त भी आपके सामान की बिक्री निरन्तर घटती जा रहीहो, तोबिक्री में वृद्धि हेतु किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिनसेनिम्नलिखित क्रिया प्रारम्भ करनी चाहिए -
व्यापार स्थल अथवा दुकान केमुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल सेधोकर स्वच्छ कर लें । इसके उपरान्तहल्दी से स्वस्तिक बनाकर उस पर चने की दाल और गुड़ थोड़ी मात्रा मेंरख दें। इसके बाद आप उस स्वस्तिक को बार-बारनहीं देखें । इस प्रकार प्रत्येकगुरुवार को यह क्रिया सम्पन्न करने से बिक्री में अवश्य ही वृद्धिहोती है ।इस प्रक्रिया कोकम-से-कम11 गुरुवार तक अवश्य करें ।
दूकान की बिक्री अधिक हो
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**“श्री शुक्ले महा-शुक्ले कमल-दलनिवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई, सत्त की सवाई। आओ, चेतो, करोभलाई। ना करो, तो सात समुद्रों की दुहाई। ऋद्धि-सिद्धि खावोगी, तो नौ नाथचौरासी सिद्धों की दुहाई।”
विधि- घर से नहा-धोकर दुकान पर जाकरअगर-बत्ती जलाकर उसी से लक्ष्मी जी के चित्र की आरती करके, गद्दी पर बैठकर, १ माला उक्त मन्त्र की जपकर दुकान का लेन-देन प्रारम्भ करें। आशातीत लाभहोगा।
**“भँवरवीर, तू चेला मेरा। खोल दुकान कहा कर मेरा।
उठे जो डण्डी बिके जो माल, भँवरवीर सोखे नहिं जाए।।”
विधि-१॰ किसीशुभ रविवार से उक्त मन्त्र की १० माला प्रतिदिन के नियम से दसदिनों में १०० माला जप कर लें। केवल रविवार के ही दिन इस मन्त्र का प्रयोगकिया जाता है। प्रातः स्नान करके दुकान पर जाएँ। एक हाथ में थोड़े-से कालेउड़द ले लें। फिर ११ बार मन्त्र पढ़कर, उन पर फूँक मारकर दुकान में चारोंओर बिखेर दें। सोमवार को प्रातः उन उड़दों को समेट कर किसी चौराहे पर, बिनाकिसी के टोके, डाल आएँ। इस प्रकार चार रविवार तक लगातार, बिना नागा किए, यह प्रयोग करें।
**इसके साथ यन्त्र का भी निर्माण किया जाता है।इसे लाल स्याही अथवा लाल चन्दन से लिखना है। बीच में सम्बन्धित व्यक्ति कानाम लिखें। तिल्ली के तेल में बत्ती बनाकर दीपक जलाए। १०८ बार मन्त्र जपनेतक यह दीपक जलता रहे। रविवार के दिन काले उड़द के दानों पर सिन्दूर लगाकरउक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करे। फिर उन्हें दूकान में बिखेरदें।🙏
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