सूर्योदय से चार घंटे की अवधि बसंत ऋतु की होती है इस समय में वशीकरण वालीसाधना की जाती है,
सूर्योदय के चार घंटे बाद ग्रीष्म ऋतु में विद्वेषण कीसाधना की जाती है।
सूर्योदय के आठ घंटे बाद वर्षा ऋतु के समय में उच्चाटनकी साधना की जाती है,
सूर्योदय के बारह घंटे बाद मारण क्रिया की साधना कीजाती है,
सूर्योदय के सोलह घंटे बाद शांति कर्म की साधना की जातीहै,
सूर्योदय के बीस घंटे के बाद स्तम्भन क्रिया की साधना की जाती है यहसाधना किसी भी देश मे किसी भी ऋतु मे हमेशा ही मान्य होती है।
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