Friday, April 29, 2016

आइये जाने धन प्राप्ति/शिक्षा/रोजगार के कुछ खास/महत्वपूर्ण करक योग

आइये जाने धन प्राप्ति/शिक्षा/रोजगार के कुछ खास/महत्वपूर्ण करक योग—
इंजीनियरिंग शिक्षा के कुछ योग –
जन्म, नवांश या चन्द्रलग्न से मंगल चतुर्थ स्थान में हो या चतुर्थेश मंगल की राशि में स्थित हो।
मंगल की चर्तुथ भाव या चतुर्थेश पर दृष्टि हो अथवा चतुर्थेश के साथ युति हो।
मंगल और बुध का पारस्परिक परिवर्तन योग हो अर्थात मंगल बुध की राशि में हो अथवा बुध मंगल की राशि में हो।
चिकित्सक (डाक्टर )शिक्षा के कुछ योग –
जैमिनि सूत्र के अनुसार चिकित्सा से सम्बन्धित कार्यो में बुध और शुक्र का विशेष महत्व हैं। ’’शुक्रन्दौ शुक्रदृष्टो रसवादी (1/2/86)’’ – यदि कारकांश में चन्द्रमा हो और उस पर शुक्र की दृष्टि हो तो रसायनशास्त्र को जानने वाला होता हैं। ’’ बुध दृष्टे भिषक ’’ (1/2/87) – यदि कारकांश में चन्द्रमा हो और उस पर बुध की दृष्टि हो तो वैद्य होता हैं।
जातक परिजात (अ.15/44) के अनुसार यदि लग्न या चन्द्र से दशम स्थान का स्वामी सूर्य के नवांश में हो तो जातक औषध या दवा से धन कमाता हैं। (अ.15/58) के अनुसार यदि चन्द्रमा से दशम में शुक्र – शनि हो तो वैद्य होता हैं।
वृहज्जातक (अ.10/2) के अनुसार लग्न, चन्द्र और सूर्य से दशम स्थान का स्वामी जिस नवांश में हो उसका स्वामी सूर्य हो तो जातक को औषध से धनप्राप्ति होती हैं। उत्तर कालामृत (अ. 5 श्लो. 6 व 18) से भी इसकी पुष्टि होती हैं।
फलदीपिका (5/2) के अनुसार सूर्य औषधि या औषधि सम्बन्धी कार्यो से आजीविका का सूचक हैं। यदि दशम भाव में हो तो जातक लक्ष्मीवान, बुद्धिमान और यशस्वी होता हैं (8/4) ज्योतिष के आधुनिक ग्रन्थों में अधिकांश ने चिकित्सा को सूर्य के अधिकार क्षेत्र में माना हैं और अन्य ग्रहों के योग से चिकित्सा – शिक्षा अथवा व्यवसाय के ग्रहयोग इस प्रकार बतलाए हैं –
सूर्य एवं गुरू — फिजीशियन
सूर्य एवं बुध  — परामर्श देने वाला फिजीशियन
सूर्य एवं मंगल — फिजीशियन
सूर्य एवं शुक्र एवं गुरू — मेटेर्निटी
सूर्य,शुक्र,मंगल, शनि—- वेनेरल
सूर्य एवं शनि  —– हड्डी/दांत सम्बन्धी
सूर्य एवंशुक्र , बुध —- कान, नाक, गला
सूर्य एवं शुक्र $ राहु , यूरेनस —- एक्सरे
सूर्य एवं युरेनस  —- शोध चिकित्सा
सूर्य एवं चन्द्र , बुध — उदर चिकित्सा, पाचनतन्त्र
सूर्य एवंचन्द्र , गुरू — हर्निया , एपेण्डिक्स
सूर्य एवं शनि (चतुर्थ कारक) — टी0 बी0, अस्थमा
सूर्य एवं शनि (पंचम कारक) —- फिजीशियन

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