राहु के समय में अधिक से अधिक चांदी पहननी चाहिये
राहु के रत्न गोमेद,तुरसा,साफ़ा आदि माने जाते है,लेकिन राहु के लिये कभी भी रत्नों को चांदी के अन्दर नही धारण करना चाहिये,क्योंकि चांदी के अन्दर राहु के रत्न पहिनने के बाद वह मानसिक चिन्ताओं को और बढा देता है,गले में और शरीर में खाली चांदी की वस्तुयें पहिनने से फ़ायदा होता है। बुधवार या शनिवार को को मध्य रात्रि में आर्द्रा नक्षत्र में अच्छा रत्न धारण करने के बाद ४० प्रतिशत तक फ़ायदा हो जाता है,रत्न की जब तक उसके ग्रह के अनुसार विधि विधान पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है,तो वह रत्न पूर्ण प्रभाव नही देता है,इसलिये रत्न पहिनने से पहले अर्थात अंगूठी या पेन्डल में लगवाने के बाद प्राण प्रतिष्ठा अवश्य करवालेनी चाहिये। क्योंकि पत्थर अपने आप में पत्थर ही है,जिस प्रकार से किसी मूर्ति को दुकान से लाने के बाद उसे मन्दिर में स्थापित करने के बाद प्रतिष्ठा करने के बाद ही वह फ़ल देना चालू करती है,और प्राण प्रतिष्ठा नही करवाने पर पता नही और कौन सी आत्मा उसके अन्दर आकर विराजमान हो जावे,और बजाय फ़ल देने के नुकसान देने लगे,उसी प्रकार से रत्न की प्राण प्रतिष्ठा नही करने पर भी उसके अन्दर और कौन सी शक्ति आकर बैठ जावे और जो किया जय वह खाकर गलत फ़ल देने लगे,इसका ध्यान रखना चाहिये,राहु की दशा और अन्तर दशा में तथा गोचर में चन्द्र सूर्य और लगन पर या लगनेश चन्द्र लगनेश या सूर्य लगनेश के ऊपर जब राहु की युति हो तो नीला कपडा भूल कर नही पहिनना चाहिये,क्योंकि नीला कपडा राहु का प्रिय कपडा है,और उसे एकपडे के पहिनने पर या नीली वस्तु प्रयोग करने पर जैसे गाडी या सामान पता नही कब हादसा देदे यह पता नही होता है।
राहु की जडी बूटियां
चंदन को माथे में लगाने वाला राहु से नही घबडाता
रत्न की अनुपस्थिति में राहु के लिये जडी बूटियों का प्रयोग भी आशातीत फ़ायदा देता है,इसकी जडी बूटियों में सफ़ेद चंदन को महत्ता दी गयी है,इसे आर्द्रा नक्षत्र में बुधवार या शनिवार को आधी रात के समय काले धागे में बांध कर पुरुष अपनी दाहिनी बाजू में और स्त्रियां अपनी बायीं बाजू में धारण कर सकती है। इसके धारण करने के बाद राहु का प्रभाव कम होना चालू हो जाता है।
राहु के लिये दान
आर्द्रा स्वाति शभिषा नक्षत्रों के काल में अभ्रक लौह जो हथियार के रूप में हो,तिल जो कि किसी पतली किनारी वाली तस्तरी में हो,नीला कपडा,छाग,तांबे का बर्तन,सात तरह के अनाज,उडद (माह),गोमेद,काले फ़ूल,खुशबू वाला तेल,धारी वाले कम्बल,हाथी का बना हुआ खिलौना,जौ धार वाले हथियार आदि।
राहु से जुडे व्यापार और नौकरी
यदि राहु अधिक अंशों में बलवान है,तो इस प्रकार व्यापार और नौकरी फ़ायदा देने वाले होते है,गांजा,अफ़ीम,भांग,रबड का व्यापार,लाटरी कमीशन, सर्कस की नौकरी,सिनेमा में नग्न दृश्य,प्रचार और मीडिया वाले कार्य,म्यूनिसपल्टी के काम,सडक बनाने के काम,जिला परिषद के काम,विधान सभा और लोक सभा के काम,उनकी सदस्यता आदि।
राहु का वैदिक मंत्र
राहु ग्रह सम्बन्धित पाठ पूजा आदि के स्तोत्र मंत्र तथा राहु गायत्री को पाठको की सुविधा के लिये यहां मै लिख रहा हूँ,वैदिक मंत्र अपने आप में अमूल्य है,इनका कोई मूल्य नही होता है,किसी दुखी व्यक्ति को प्रयोग करने से फ़ायदा मिलता है,तो मै समझूंगा कि मेरी मेहनत वसूल हो गयी है।
राहु
Friday, April 15, 2016
राहु उपाय
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