Saturday, November 1, 2014

पेड़-पौधों के टोटके

क्या आप जानते हे जीवन में पेड़ पोंधो से
भी लाभ उठा शकते हे ?
पेड़-पौधों के टोटके
हमारे आसपास पाए जाने वाले विभिन्न पेड़-पौधों के पत्तों,
फलों आदि का टोटकों के रूप में उपयोग
भी हमारी सुख-समृद्धि की वृद्धि में
सहायक हो सकता है। यहां कुछ ऐसे ही सहज और
सरल उपायों का उल्लेख प्रस्तुत है, जिन्हें अपना कर पाठकगण लाभ
उठा सकते हैं।
विल्व पत्र : अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंग
वाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूघ निःसंतान
स्त्री को पिलाने से उसे संतान
की प्राप्ति होती है।
अपामार्ग की जड़ : अश्विनी नक्षत्र में
अपामार्ग की जड़ लाकर इसे तावीज में रखकर
किसी सभा में जाएं, सभा के लोग वशीभूत होंगे।
नागर बेल का पत्ता : यदि घर में किसी वस्तु
की चोरी हो गई हो, तो भरणी नक्षत्र
में नागर बेल का पत्ता लाकर उस पर कत्था लगाकर व
सुपारी डालकर चोरी वाले स्थान पर रखें,
चोरी की गई वस्तु का पला चला जाएगा।
संखाहुली की जड़ : भरणी नक्षत्र
में संखाहुली की जड़ लाकर तावीज में
पहनें तो विपरीत लिंग वाले प्राणी आपसे प्रभावित
होंगे।
आक की जड़ : कोर्ट कचहरी के मामलों में
विजय हेतु आर्द्रा नक्षत्र में आक की जड़ लाकर
तावीज की तरह गले में बांधें।
दूधी की जड़ : सुख की प्राप्ति के
लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी की जड़ लाकर
शरीर में लगाएं।
शंख पुष्पी : पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी लाकर
चांदी की डिविया में रखकर तिजोरी में
रखें, धन की वृद्धि होगी

बरगद का पत्ता : अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न
भंडार में रखें, भंडार भरा रहेगा।
धतूरे की जड़ : अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे
की जड़ लाकर घर में रखें, घर में सर्प
नहीं आएगा और आएगा भी तो कोई नुकसान
नहीं पहुंचाएगा।
बेहड़े का पत्ता : पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बेहड़े
का पत्ता लाकर घर में रखें, घर ऊपरी हवाओं के प्रभाव से
मुक्त रहेगा।
नीबू की जड़ :
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू
की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान
स्त्री को पिलाएं, उसे पुत्र
की प्राप्ति होगी।
चंपा की जड़ : हस्त नक्षत्र में चंपा की जड़
लाकर बच्चे के गले में बांधें, बच्चे की प्रेत बाधा तथा नजर
दोष से रक्षा होगी।
चमेली की जड़ : अनुराधा नक्षत्र में
चमेली की जड़ गले में बांधें, शत्रु
भी मित्र हो जाएंगे।
काले एरंड की जड़ : श्रवण नक्षत्र में एरंड
की जड़ लाकर निःसंतान स्त्री के गले में बांधें, उसे
संतान की प्राप्ति होगी।
तुलसी की जड़ : पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में
तुलसी की जड़ लाकर मस्तिष्क पर रखें,
अग्निभय से मुक्ति मिलेगी।

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