भाग्य को मजबूत कैसे करें
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मनुष्य बलि नहीं होत है समय होत बलवाना ,भिल्लन
लूटी गोपिका वही अर्जुन
वही बाणा .कबीर
बाबाजी की ये पंक्तियाँ जिन जिन लोगों ने पढ़
कर इस पर चिंतन किया होगा वो जानते होंगे की समय
का क्या महत्त्व है.कुछ वर्षों पहले झारखण्ड
की सत्ता में एक अजीबोगरीब
वाकया देखने को मिला. आम जातक के लिए ये बड़ा रोचक और
हैरानी भरा किस्सा रहा होगा किन्तु ज्योतिष के जानकार
बंधू जन व सभी श्रद्धेय
गुरुजनों को इसकी हकीकत
छुपी नहीं होगी.कैसे एक
ऐसा जातक जिसे उसकी तत्कालीन
पार्टी रूलिंग विधायक होते हुए
भी दुबारा टिकट नहीं देती व बाद
में सभी पार्टियों के दिग्गजों को हैरान कर वो जातक
निर्दलीय रूप से जीतकर
वहां की सत्ता की सर्वोच्च
कुर्सी पर विराजमान होता है.
पार्टियों के थिंक टैंक अपने अपने अनुभव को बड़ा मानकर
रणनीतियां बना रहे थे और ऊपर तारामंडल अपना निर्णय
ले चुका था.जातक का कारक ग्रह अपनी सर्वोच्च
अवस्था में आ चुका था,और अब अपनी शक्ति संसार
को दिखाकर उसे ग्रह नक्षत्रों की ताकत का एहसास
करने को बेताब था.चुनाव हुए और फिर वो हुआ
जिसका अंदाजा भी किसी को नहीं था !
भाग्य जब भी देने में आता है सदा छप्पर फाड़ कर
ही देता है.और जब लेने में आता है
तो भुक्तभोगी जानते हैं की कैसे
आता है.अब इस लेन-देन के बीच के समयकाल में कोई
चीज अगर निर्णायक भूमिका निभाने
की अवस्था में होती है तो वो जातक के
कर्म होते हैं.कर्मों की शुद्धि कई प्रकार
की विपदाओं का रुख मोड़कर हवा को आपके पक्ष में
मोड़ने का सामर्थ्य रखती है.जैसे समुद्र में
बहती नाव पर लगे पाल.
भारतीय ज्योतिष अपने आप में सम्पूर्ण है और इसे
किसी भी कसौटी पर परखने
की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के
समय काल में ऐसे कोई
कसौटी ही नहीं है जो ज्योतिष
को परख सके.ज्योतिषी के सही गलत होने
पर शंका हो सकती है किन्तु ज्योतिष पर कोई
शंका करना हास्यपद है.समस्या बस इतनी है
की आज के दौर में शास्त्र को नयी भाषा में
परिभाषित करना जरुरी है.मूल तत्व
वही रहेंगे किन्तु समझाने
की प्रक्रिया थोडा बदलाव चाहती है.
ग्रहों में सूर्य देव को महत्त्व,पावर ,और विस्तार हासिल है.ये
ग्रहों के राजा हैं और
कभी वक्री नहीं होते.किसी भी ग्रह
के प्रभाववश ऐसा नहीं होता की ये
उगना भूल जाएँ .जहाँ तक मेरे अध्ययन का सवाल है मैं सदा से
ही सूर्य देव से सर्वाधिक प्रभावित
होती हूँ,मेरा मानना है और शाश्त्र
भी ऐसा ही संकेत करते हैं
की यदि कुंडली में हजारों दोष
भी हों तो सूर्य उनका हनन कर देते हैं.जब
जीवन में आप सब प्रकार के उपाय कर के हार चुके
हों व
किसी भी समस्या का कहीं से
भी कुछ भी निदान न निकल रहा हो तो सब
कुछ भूलकर सूर्य देव के उपाय करें.मैं दावे के साथ
कहती हूँ की मात्र नब्बे दिनों में आप
अपनी समस्याओं का हल स्वयं
ही पा लेंगे.कुछ उपाय सूर्य को प्रबल करने के लिए
है ,इन्हें अपनाएं और फिर जैसा भी रिजल्ट आये मुझे
जरूर सूचित करें .शनि कामों को ,भाग्य को .काम के परिणाम को जमा देने
या कहें रोक देने के लिए जाने जाते हैं.आप जानते
ही हैं की सूर्य
की गर्मी को सोकने में काला रंग अधिक
सक्षम होता है.शनि महाराज काले हैं,अततः सूर्य के प्रभाव
को बढाने के लिए सबसे पहले शनि के प्रभाव को कम
करना जरूरी है.आलस देने वाली वस्तुओं
तला- भुना,मांस -मदिरा,ढीले कपड़ों ,बड़े
बालों,दाढ़ी का त्याग करें व हाथ में
घड़ी अवश्य पहने.
१. रात को अधिक देर तक घर से बाहर न रहें.रात का भोजन
किसी भी हालत में नौं बजे से पहले कर
लें.
२ . सुबह किसी भी अवस्था में सूर्योदय से
पहले ही उठकर ताम्बे के बर्तन
का पानी पियें.
३. मल त्याग भी सूर्योदय से पहले
ही कर लें.
४. रोज सुबह किसी ऐसे मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं जो घर
से कम से कम दो किलोमीटर दूर हो,व ध्यान रखें
की घर से मंदिर के रास्ते में आपने किसी से
भी बात
नहीं करनी है,जरा भी नहीं.
५. किसी भी काम के लिए निकलने से पहले
पिता के चरण स्पर्श करें.
६. रविवार का व्रत रखें,व उस दिन अपने व्यक्तिगत कपड़ों,फाइलों,द
स्तावेजों को व्यवस्थित करें.
७.राजा अर्थात सरकार के क्रियाकलापों से अखबार व
समाचारों द्वारा संपर्क में रहें.
इन उपायों को दिल से करें और विधि के चमत्कारों को महसूस करें.
अपने अनुभव व राय से मुझे भी सूचित करें.आपके
कीमती कमेन्ट ही मुझे आगे
लिखने को प्रोत्साहित करते हैं.
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मनुष्य बलि नहीं होत है समय होत बलवाना ,भिल्लन
लूटी गोपिका वही अर्जुन
वही बाणा .कबीर
बाबाजी की ये पंक्तियाँ जिन जिन लोगों ने पढ़
कर इस पर चिंतन किया होगा वो जानते होंगे की समय
का क्या महत्त्व है.कुछ वर्षों पहले झारखण्ड
की सत्ता में एक अजीबोगरीब
वाकया देखने को मिला. आम जातक के लिए ये बड़ा रोचक और
हैरानी भरा किस्सा रहा होगा किन्तु ज्योतिष के जानकार
बंधू जन व सभी श्रद्धेय
गुरुजनों को इसकी हकीकत
छुपी नहीं होगी.कैसे एक
ऐसा जातक जिसे उसकी तत्कालीन
पार्टी रूलिंग विधायक होते हुए
भी दुबारा टिकट नहीं देती व बाद
में सभी पार्टियों के दिग्गजों को हैरान कर वो जातक
निर्दलीय रूप से जीतकर
वहां की सत्ता की सर्वोच्च
कुर्सी पर विराजमान होता है.
पार्टियों के थिंक टैंक अपने अपने अनुभव को बड़ा मानकर
रणनीतियां बना रहे थे और ऊपर तारामंडल अपना निर्णय
ले चुका था.जातक का कारक ग्रह अपनी सर्वोच्च
अवस्था में आ चुका था,और अब अपनी शक्ति संसार
को दिखाकर उसे ग्रह नक्षत्रों की ताकत का एहसास
करने को बेताब था.चुनाव हुए और फिर वो हुआ
जिसका अंदाजा भी किसी को नहीं था !
भाग्य जब भी देने में आता है सदा छप्पर फाड़ कर
ही देता है.और जब लेने में आता है
तो भुक्तभोगी जानते हैं की कैसे
आता है.अब इस लेन-देन के बीच के समयकाल में कोई
चीज अगर निर्णायक भूमिका निभाने
की अवस्था में होती है तो वो जातक के
कर्म होते हैं.कर्मों की शुद्धि कई प्रकार
की विपदाओं का रुख मोड़कर हवा को आपके पक्ष में
मोड़ने का सामर्थ्य रखती है.जैसे समुद्र में
बहती नाव पर लगे पाल.
भारतीय ज्योतिष अपने आप में सम्पूर्ण है और इसे
किसी भी कसौटी पर परखने
की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के
समय काल में ऐसे कोई
कसौटी ही नहीं है जो ज्योतिष
को परख सके.ज्योतिषी के सही गलत होने
पर शंका हो सकती है किन्तु ज्योतिष पर कोई
शंका करना हास्यपद है.समस्या बस इतनी है
की आज के दौर में शास्त्र को नयी भाषा में
परिभाषित करना जरुरी है.मूल तत्व
वही रहेंगे किन्तु समझाने
की प्रक्रिया थोडा बदलाव चाहती है.
ग्रहों में सूर्य देव को महत्त्व,पावर ,और विस्तार हासिल है.ये
ग्रहों के राजा हैं और
कभी वक्री नहीं होते.किसी भी ग्रह
के प्रभाववश ऐसा नहीं होता की ये
उगना भूल जाएँ .जहाँ तक मेरे अध्ययन का सवाल है मैं सदा से
ही सूर्य देव से सर्वाधिक प्रभावित
होती हूँ,मेरा मानना है और शाश्त्र
भी ऐसा ही संकेत करते हैं
की यदि कुंडली में हजारों दोष
भी हों तो सूर्य उनका हनन कर देते हैं.जब
जीवन में आप सब प्रकार के उपाय कर के हार चुके
हों व
किसी भी समस्या का कहीं से
भी कुछ भी निदान न निकल रहा हो तो सब
कुछ भूलकर सूर्य देव के उपाय करें.मैं दावे के साथ
कहती हूँ की मात्र नब्बे दिनों में आप
अपनी समस्याओं का हल स्वयं
ही पा लेंगे.कुछ उपाय सूर्य को प्रबल करने के लिए
है ,इन्हें अपनाएं और फिर जैसा भी रिजल्ट आये मुझे
जरूर सूचित करें .शनि कामों को ,भाग्य को .काम के परिणाम को जमा देने
या कहें रोक देने के लिए जाने जाते हैं.आप जानते
ही हैं की सूर्य
की गर्मी को सोकने में काला रंग अधिक
सक्षम होता है.शनि महाराज काले हैं,अततः सूर्य के प्रभाव
को बढाने के लिए सबसे पहले शनि के प्रभाव को कम
करना जरूरी है.आलस देने वाली वस्तुओं
तला- भुना,मांस -मदिरा,ढीले कपड़ों ,बड़े
बालों,दाढ़ी का त्याग करें व हाथ में
घड़ी अवश्य पहने.
१. रात को अधिक देर तक घर से बाहर न रहें.रात का भोजन
किसी भी हालत में नौं बजे से पहले कर
लें.
२ . सुबह किसी भी अवस्था में सूर्योदय से
पहले ही उठकर ताम्बे के बर्तन
का पानी पियें.
३. मल त्याग भी सूर्योदय से पहले
ही कर लें.
४. रोज सुबह किसी ऐसे मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं जो घर
से कम से कम दो किलोमीटर दूर हो,व ध्यान रखें
की घर से मंदिर के रास्ते में आपने किसी से
भी बात
नहीं करनी है,जरा भी नहीं.
५. किसी भी काम के लिए निकलने से पहले
पिता के चरण स्पर्श करें.
६. रविवार का व्रत रखें,व उस दिन अपने व्यक्तिगत कपड़ों,फाइलों,द
स्तावेजों को व्यवस्थित करें.
७.राजा अर्थात सरकार के क्रियाकलापों से अखबार व
समाचारों द्वारा संपर्क में रहें.
इन उपायों को दिल से करें और विधि के चमत्कारों को महसूस करें.
अपने अनुभव व राय से मुझे भी सूचित करें.आपके
कीमती कमेन्ट ही मुझे आगे
लिखने को प्रोत्साहित करते हैं.
kaise apne bhagay ko majboot bnaye
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