वास्तु शास्त्रीयों का मानना है कि
मनी प्लांट के पौधे
के घर में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है। इस दिशा में
यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ
मिलता है।
मनी प्लांट को आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने
का कारण ये है इस दिशा के देवता गणेशजी है
जबकि प्रतिनिधि शुक्र हैं। गणेश जी अमंगल का नाश
करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले।
यही नहीं बल्कि बेल और लता का कारण
शुक्र को माना गया है। इसलिए मनी प्लांट को आग्नेय
दिशा में लगाना उचित माना गया है।
कभी करें यह गलती
मनी प्लांट को कभी भी ईशान
यानि उत्तर पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए, यह
दिशा इसके लिए सबसे नकारात्मक मानी गई है।
क्योंकि ईशान दिशा का प्रतिनिधि देवगुरू बृहस्पति को माना गया है। और
शुक्र तथा बृहस्पति में शत्रुवत संबंध होता है। इसलिए शुक्र से
संबंधित यह पौधा ईशान दिशा में होने पर नुकसान होता है।
हालांकि इस दिशा में तुलसी का लगाया जा सकता है।
मनी प्लांट को घर के अंदर गमले में अथवा बोतल में
पानी भरकर भी लगाया जा सकता है। इससे
सुख-समृद्धि प्रदान करने वाले सकारात्मक उर्जा को आकर्षित
किया जा सकता है।
मनी प्लांट के पौधे
के घर में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है। इस दिशा में
यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ
मिलता है।
मनी प्लांट को आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने
का कारण ये है इस दिशा के देवता गणेशजी है
जबकि प्रतिनिधि शुक्र हैं। गणेश जी अमंगल का नाश
करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले।
यही नहीं बल्कि बेल और लता का कारण
शुक्र को माना गया है। इसलिए मनी प्लांट को आग्नेय
दिशा में लगाना उचित माना गया है।
कभी करें यह गलती
मनी प्लांट को कभी भी ईशान
यानि उत्तर पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए, यह
दिशा इसके लिए सबसे नकारात्मक मानी गई है।
क्योंकि ईशान दिशा का प्रतिनिधि देवगुरू बृहस्पति को माना गया है। और
शुक्र तथा बृहस्पति में शत्रुवत संबंध होता है। इसलिए शुक्र से
संबंधित यह पौधा ईशान दिशा में होने पर नुकसान होता है।
हालांकि इस दिशा में तुलसी का लगाया जा सकता है।
मनी प्लांट को घर के अंदर गमले में अथवा बोतल में
पानी भरकर भी लगाया जा सकता है। इससे
सुख-समृद्धि प्रदान करने वाले सकारात्मक उर्जा को आकर्षित
किया जा सकता है।
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