शुक्र ग्रह को गणन (कम्प्यूटर) का कारक माना गया है. मंगल
बिजली के व सिविल इंजिनियरिंग तथा भूमि के कारक है.
बुध को शिल्प, तर्क, गणना करने की योग्यता देने
वाला ग्रह कहा गया है. शनि से
तकनीकी काम, व यन्त्रों के ग्रह कहे
गये है. सूर्य की युति मंगल के साथ होने पर
इंजिनियर बनने में सहायता मिलती है.
1. आवश्यक भाव: पंचम भाव / पंचमेश व दशम / दशमेश
(Important Houses: The Fifth House/lord or The
Tenth House/lord)
कुण्डली के पांचवे घर को शिक्षा का घर कहते
है.तकनिकी क्षेत्र में योग्यता अर्जित करने के लिये
व्यक्ति की कुण्डली में
शिक्षा का सीधा संबध दशम से होना चाहिए. अर्थात
पंचम घर / पंचमेश से दशम व दशमेश का संबध होना चाहिए.
इसके अलावा यह योग
डाक्टरों की कुण्डली में
भी मुख्य रुप से देखा जाता है.
डाक्टरों की कुण्डली में इसमें अस्पताल
का भाव भी जुड जाता है. जिससे दोनों को अलग
किया जा सकता है.
2. आवश्यक ग्रह (Important Planets for Software
Programmer Carrer)
मंगल व शनि दोनों का प्रभाव
इंजिनियरों की कुण्डली में होता है.
इसके अतिरिक्त राहु/ केतु को भी इसमें सम्मिलित
किया जाता है. पांचवे घर के साथ साथ, चौथे घर
को भी शिक्षा का घर कहा जाता है. इन
दोनों ग्रहों पर मंगल, शनि, राहु, केतु का सीधा प्रभाव
व्यक्ति को इंजिनियर बनाता है.
3. अमात्यकारक ग्रह (3. Amatyakarak grahas for
Software Programmer Carrer)
जैमिनी पद्वति (Gemini Astrology) के
अमात्यकारक का प्रयोग करने से आजिविका के क्षेत्र
की विशिष्टता का सरलता से ज्ञान किया जा सकता है.
इस योग में अमात्यकारक ग्रह जिस ग्रह से अधिक संबध
बनाता है उसी ग्रह के कारकतत्वों के अनुसार उसे
क्षेत्र मिलता है.
4. दशाएं (Graha Direction for Software
Programmer Carrer)
इंजिनियरिंग का व्यवसाय प्रारम्भ करने
की दशा ,दशमेश /दशम भाव में बैठे
ग्रहों अथवा दशमेश के नक्षत्र
स्वामी की होने पर आय प्राप्ति में
सफलता मिलती है. बिना उचित दशाओं के
सफलता की उंचाईयों को नहीं छुआ
जा सकता है.
दशाएं तरक्की का समय निर्धारित
करती है. तथा गोचर से फल मिलने आरम्भ होते
है.:
5. अन्य योग (Other Yogas for Software
Programmer Carrer)
(क) आईटी में जाने के लिए आवश्यक शिक्षा उच्च
स्तर की होनी चाहिए. अगर
कुण्डली में दूसरे, चौथे व पांचवे घर का नवम, लग्न
व दशम घर से संबध होने के साथ साथ गुरु, मंगल, शनि, बुध,
शनि व शुक्र का आपस में संबध बने तो व्यक्ति को उच्च
शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलते है.
(ख) अगर पंचम घर में शुभ ग्रह की राशि, प़ंचमेश
की युति हो या शिक्षा के कारक गुरु, बुध, मंगल के
साथ युति या दृ्ष्टि संबध बने व शुक्र व शनि दोनो यन्त्रों से जुडे
ग्रह होकर शिक्षा भाव से संबध बनाये तो व्यक्ति इस क्षेत्र में
शिक्षा प्राप्त कर आई.टी क्षेत्र में सफलता प्राप्त
करता है.
(ग) कुण्डली में गुरु व बुध का एक साथ
बैठना या शुक्र व मंगल, गुरु व बुध के साथ किसी शुभ
घर में हों. शनि भी राहु से युति या दृ्ष्टि संबध बनाये
तो व्यक्ति को आई. टी. मे उच्च शिक्षा प्राप्त करने
में सफल होता है.
(घ) गुरु-चन्द्र का गजकेसरी योग (Gaj Kesari
Yoga) केन्द्र या त्रकोण में बने, नवमेश और धनेश होकर
मंगल पांचवे घर में हो. सूर्य के साथ शुक्र और बुध गुरु
की राशि में हो तथा केतु जिसे बारिक यन्त्रों का कारक
कहा गया है. गुरु की राशि में स्थित होकर केन्द्र में
हो व्यक्ति अतिउतम शिक्षा प्राप्त करता है.
(ड) मीन लग्न में पंचमेश, नवमेश व मंगल के साथ
लग्न में स्थित हों तथा केन्द्रों में शनि, सूर्य व बुध हो, तथा गुरु,
शुक्र तीसरे व नवम भाव में बैठे तो व्यक्ति को आई.
आई. टी. जैसे उच्च शिक्षा संस्थान से शिक्षा पाने में
सफल होता है.
बिजली के व सिविल इंजिनियरिंग तथा भूमि के कारक है.
बुध को शिल्प, तर्क, गणना करने की योग्यता देने
वाला ग्रह कहा गया है. शनि से
तकनीकी काम, व यन्त्रों के ग्रह कहे
गये है. सूर्य की युति मंगल के साथ होने पर
इंजिनियर बनने में सहायता मिलती है.
1. आवश्यक भाव: पंचम भाव / पंचमेश व दशम / दशमेश
(Important Houses: The Fifth House/lord or The
Tenth House/lord)
कुण्डली के पांचवे घर को शिक्षा का घर कहते
है.तकनिकी क्षेत्र में योग्यता अर्जित करने के लिये
व्यक्ति की कुण्डली में
शिक्षा का सीधा संबध दशम से होना चाहिए. अर्थात
पंचम घर / पंचमेश से दशम व दशमेश का संबध होना चाहिए.
इसके अलावा यह योग
डाक्टरों की कुण्डली में
भी मुख्य रुप से देखा जाता है.
डाक्टरों की कुण्डली में इसमें अस्पताल
का भाव भी जुड जाता है. जिससे दोनों को अलग
किया जा सकता है.
2. आवश्यक ग्रह (Important Planets for Software
Programmer Carrer)
मंगल व शनि दोनों का प्रभाव
इंजिनियरों की कुण्डली में होता है.
इसके अतिरिक्त राहु/ केतु को भी इसमें सम्मिलित
किया जाता है. पांचवे घर के साथ साथ, चौथे घर
को भी शिक्षा का घर कहा जाता है. इन
दोनों ग्रहों पर मंगल, शनि, राहु, केतु का सीधा प्रभाव
व्यक्ति को इंजिनियर बनाता है.
3. अमात्यकारक ग्रह (3. Amatyakarak grahas for
Software Programmer Carrer)
जैमिनी पद्वति (Gemini Astrology) के
अमात्यकारक का प्रयोग करने से आजिविका के क्षेत्र
की विशिष्टता का सरलता से ज्ञान किया जा सकता है.
इस योग में अमात्यकारक ग्रह जिस ग्रह से अधिक संबध
बनाता है उसी ग्रह के कारकतत्वों के अनुसार उसे
क्षेत्र मिलता है.
4. दशाएं (Graha Direction for Software
Programmer Carrer)
इंजिनियरिंग का व्यवसाय प्रारम्भ करने
की दशा ,दशमेश /दशम भाव में बैठे
ग्रहों अथवा दशमेश के नक्षत्र
स्वामी की होने पर आय प्राप्ति में
सफलता मिलती है. बिना उचित दशाओं के
सफलता की उंचाईयों को नहीं छुआ
जा सकता है.
दशाएं तरक्की का समय निर्धारित
करती है. तथा गोचर से फल मिलने आरम्भ होते
है.:
5. अन्य योग (Other Yogas for Software
Programmer Carrer)
(क) आईटी में जाने के लिए आवश्यक शिक्षा उच्च
स्तर की होनी चाहिए. अगर
कुण्डली में दूसरे, चौथे व पांचवे घर का नवम, लग्न
व दशम घर से संबध होने के साथ साथ गुरु, मंगल, शनि, बुध,
शनि व शुक्र का आपस में संबध बने तो व्यक्ति को उच्च
शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलते है.
(ख) अगर पंचम घर में शुभ ग्रह की राशि, प़ंचमेश
की युति हो या शिक्षा के कारक गुरु, बुध, मंगल के
साथ युति या दृ्ष्टि संबध बने व शुक्र व शनि दोनो यन्त्रों से जुडे
ग्रह होकर शिक्षा भाव से संबध बनाये तो व्यक्ति इस क्षेत्र में
शिक्षा प्राप्त कर आई.टी क्षेत्र में सफलता प्राप्त
करता है.
(ग) कुण्डली में गुरु व बुध का एक साथ
बैठना या शुक्र व मंगल, गुरु व बुध के साथ किसी शुभ
घर में हों. शनि भी राहु से युति या दृ्ष्टि संबध बनाये
तो व्यक्ति को आई. टी. मे उच्च शिक्षा प्राप्त करने
में सफल होता है.
(घ) गुरु-चन्द्र का गजकेसरी योग (Gaj Kesari
Yoga) केन्द्र या त्रकोण में बने, नवमेश और धनेश होकर
मंगल पांचवे घर में हो. सूर्य के साथ शुक्र और बुध गुरु
की राशि में हो तथा केतु जिसे बारिक यन्त्रों का कारक
कहा गया है. गुरु की राशि में स्थित होकर केन्द्र में
हो व्यक्ति अतिउतम शिक्षा प्राप्त करता है.
(ड) मीन लग्न में पंचमेश, नवमेश व मंगल के साथ
लग्न में स्थित हों तथा केन्द्रों में शनि, सूर्य व बुध हो, तथा गुरु,
शुक्र तीसरे व नवम भाव में बैठे तो व्यक्ति को आई.
आई. टी. जैसे उच्च शिक्षा संस्थान से शिक्षा पाने में
सफल होता है.
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