वास्तु दोष भी योग्य कन्या / युवक के विवाह में
अड़चन पैदा करता है.
अतः यदि आपकी भी समस्या भी कुछ ऐसी है तो यह
उचित होगा की आप भी निम्नलिखित छोटे-छोटे
वास्तु उपाय को अपना कर देखे. बहुत मुमकिन है
की आपकी समस्या का हल हो जायेगा.
ऐसे युवक / युवती जो विवाह योग्य है और विवाह में
अड़चने आ रही ही तो वैसे युवक-युवतियों को घर में
उस कमरे में रहना चाहिए जो उत्तर या उत्तर-
पश्चिम दिशा में स्थित है । उनका कमरा और
दरवाजा का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद
(चमकीला) करवाएं जाय । यदि कुंडली में मंगल दोष
की उपस्तिथि के कारण विवाह में विलंब होना सिद्ध
हो रहा हो तो उनके कमरे के दरवाजे का रंग लाल
अथवा गुलाबी रखना ही उत्तम होगा। ऐसे युवक/
युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे
की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान नहीं रखना चाहिए।
नैरित्य कोण उपस्तिथ दोष विवाह में अवरोध और
वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न करता है.
यदि नैरित्य कोण में रसोई या शौच का कार्य हो,
नैरित्य कोण दूषित हो जता है. इसके अलावा यदि इस
कोण में सेप्टिक टेंक हो, अंडर ग्राउंड
पानी की टंकी हो, .कुआं हो, बोर हो, मुख्य प्रवेश
द्वार हो तो भी वास्तु दोष उत्त्पन्न होता है.
अतः विवाह सम्बन्धी बातों की नियमितता के लिए
यह आवश्यक है की इन तथ्यों की ओरे भी ध्यान
दिया जाय.
विवाहोपरांत यदि संतान सम्बन्धी बातों को लेकर
परेशानी पैदा हो रही हो तो इशान कोण के वास्तु
को शुद्ध करें. देखें कही इशान कोण में कोई
ऊँचा और भारी निर्माण कार्य जैसे
सीढ़ी आदि तो नहीं है या यह कोण कहीं बंद
तो नहीं है. इस कोण में सेप्टिक टेंक, शौचालय ,
किचन, ओवर हेड टेंक आदि की उपस्तिथि वास्तु दोष
करक है.
अड़चन पैदा करता है.
अतः यदि आपकी भी समस्या भी कुछ ऐसी है तो यह
उचित होगा की आप भी निम्नलिखित छोटे-छोटे
वास्तु उपाय को अपना कर देखे. बहुत मुमकिन है
की आपकी समस्या का हल हो जायेगा.
ऐसे युवक / युवती जो विवाह योग्य है और विवाह में
अड़चने आ रही ही तो वैसे युवक-युवतियों को घर में
उस कमरे में रहना चाहिए जो उत्तर या उत्तर-
पश्चिम दिशा में स्थित है । उनका कमरा और
दरवाजा का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद
(चमकीला) करवाएं जाय । यदि कुंडली में मंगल दोष
की उपस्तिथि के कारण विवाह में विलंब होना सिद्ध
हो रहा हो तो उनके कमरे के दरवाजे का रंग लाल
अथवा गुलाबी रखना ही उत्तम होगा। ऐसे युवक/
युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे
की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान नहीं रखना चाहिए।
नैरित्य कोण उपस्तिथ दोष विवाह में अवरोध और
वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न करता है.
यदि नैरित्य कोण में रसोई या शौच का कार्य हो,
नैरित्य कोण दूषित हो जता है. इसके अलावा यदि इस
कोण में सेप्टिक टेंक हो, अंडर ग्राउंड
पानी की टंकी हो, .कुआं हो, बोर हो, मुख्य प्रवेश
द्वार हो तो भी वास्तु दोष उत्त्पन्न होता है.
अतः विवाह सम्बन्धी बातों की नियमितता के लिए
यह आवश्यक है की इन तथ्यों की ओरे भी ध्यान
दिया जाय.
विवाहोपरांत यदि संतान सम्बन्धी बातों को लेकर
परेशानी पैदा हो रही हो तो इशान कोण के वास्तु
को शुद्ध करें. देखें कही इशान कोण में कोई
ऊँचा और भारी निर्माण कार्य जैसे
सीढ़ी आदि तो नहीं है या यह कोण कहीं बंद
तो नहीं है. इस कोण में सेप्टिक टेंक, शौचालय ,
किचन, ओवर हेड टेंक आदि की उपस्तिथि वास्तु दोष
करक है.
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