Monday, September 22, 2014

निःसन्तान या गर्भ का वार वार खण्डित होजाना

निःसन्तान या गर्भ का वार वार खण्डित होजाना !!
‪‎मन्त्र‬ - ऊँ चामुंडे एष कोस्थ्रयं भामि व्रज कीलकेंन ठः ठः स्वाहा ! 
विधि जब ज्येष्ठा या मूल नक्षत्र हो स्नान आदि से शुद्द होकर इस मन्त्र का 41 वार जाप करें उसके वाद सूत के कोरे धागे को उल्टा वट कर दो वार मन्त्र वोल कर गाँठ लगायें फिर स्त्री की कमर में वाँधें और दो गाँठ फिर लगायें और दो वार मन्त्र भी फिर से वोलें । इससे गर्भ का खराव होजाना रुक जायेगा 9 महीने होते ही धागे को खोल कर जलप्रवाहित करें ।।
विकल्प - सन्तान प्राप्ति के लिये ‪‎गुप्तसंतानगोपाल‬ यंत्र धारण करना भी अचूक होता है

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