बुध जब छठे भाव में हो तो मीठा बनकर लूटने में
माहिर होता है,तीसरे भाव में हो तो बाते बनाने में
माहिर
होता है,वक्री हो या मार्गी हो वह
अपनी आदत को नहीं बदलता है,बात
बनाने के साथ बातो के रूप में ही वह धनवान
होता है जब बुध का स्थान दूसरे भाव में
हो,तीजा अपने को बात वाला बनकर दिखाने में माहिर
होता है कानूनी रूप से
बातो को करता है,चौथा कही हुई बात को मन में
रखकर चलने वाला होता है और जो बात मन में रखकर चलता है
उस बात की एवज में कब घात कर दे कोई
पता नहीं होता है,माता से
भी बनिया व्यवहार कर
सकता है,हंसी करके मखौल करके चुटकुले सुनाकर
लूटने में पंचम
को माना जाता है,छठा तो मीठा होता ही है,सातवा अगर
स्त्री है तो उसे भाई जैसे पुरुष के साथ और पुरुष
है तो बहिन जैसी स्त्री के साथ घराने
बनाकर रहने में कोई संकोच
नहीं होता है,आठवा जो भी कहेगा वह
सौ में एक
ही सच्ची होगी,नवा कब
भाग्य को एन वक्त पर पलट दे कोई
पता नहीं होता है दसवा हुकुम देकर काम करवाने
वाला होता है ग्यारहवा भाई की औलाद को प्यार देने
वाला होता
माहिर होता है,तीसरे भाव में हो तो बाते बनाने में
माहिर
होता है,वक्री हो या मार्गी हो वह
अपनी आदत को नहीं बदलता है,बात
बनाने के साथ बातो के रूप में ही वह धनवान
होता है जब बुध का स्थान दूसरे भाव में
हो,तीजा अपने को बात वाला बनकर दिखाने में माहिर
होता है कानूनी रूप से
बातो को करता है,चौथा कही हुई बात को मन में
रखकर चलने वाला होता है और जो बात मन में रखकर चलता है
उस बात की एवज में कब घात कर दे कोई
पता नहीं होता है,माता से
भी बनिया व्यवहार कर
सकता है,हंसी करके मखौल करके चुटकुले सुनाकर
लूटने में पंचम
को माना जाता है,छठा तो मीठा होता ही है,सातवा अगर
स्त्री है तो उसे भाई जैसे पुरुष के साथ और पुरुष
है तो बहिन जैसी स्त्री के साथ घराने
बनाकर रहने में कोई संकोच
नहीं होता है,आठवा जो भी कहेगा वह
सौ में एक
ही सच्ची होगी,नवा कब
भाग्य को एन वक्त पर पलट दे कोई
पता नहीं होता है दसवा हुकुम देकर काम करवाने
वाला होता है ग्यारहवा भाई की औलाद को प्यार देने
वाला होता
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