Thursday, September 18, 2014

होटल प्रबन्धन एक आकर्षक कैरियर है

होटल प्रबन्धन एक आकर्षक कैरियर है. यदि आप होटल
प्रबन्धन के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो देखिये
कि कौन से ज्योतिष योग आपको इस व्यवसाय अथवा इस क्षेत्र में
सफलता दिला सकते हैं.
1. आवश्यक भाव: - दूसरा, चौथा, छठा, सातवां व दशवां घर.
(Important House - 2nd, Fourth, Sixth, Seventh,
Tenth)
कुण्डली का दूसरा घर भोजन का घर है. होटल
व्यवसाय के लिये चौथा घर (the fourth house is
considered for success in hotel management)
इसलिये महत्व रखता है. क्योकि चौथे भाव से घर का सुख
देखा जाता है. और व्यक्ति होटलों में भी घर के
समान सुख होने की कामना करता है. प्रत्येक
होटल जाने वाला प्राणी वहां घर
की सुविधाएं खोजता है.
होटल में व्यक्ति तब ही रहने के लिये जाता है
जब वह घर से दूर हो. छठे घर को सेवा का घर कहते है.
सातवां घर चौथे घर से चौथा है. इसलिये इसका महत्व इस क्षेत्र
में है. होटल व्यवसाय में अत्यधिक धन व श्रम
की आवश्यकता होती है.
व्यक्ति अगर इस काम को स्वतंत्र रुप से अपनाता है तो सर्व
प्रथम उसकी कुडण्ली में धन भाव
(Dhan Bhava) अर्थात दूसरा, नवम व एकादश भावों पर शुभ
प्रभाव हो तो व्यक्ति के अत्यधिक धन
प्राप्ति की संभावनाएं बनती है.
2. आवश्यक ग्रह: शुक्र, राहु, चन्द्र
भावों के अतिरिक्त व्यवसाय को जानने के लिये
ग्रहों को भी अवश्य देखा जाता है. शुक्र होटल
व्यवसाय से जुडे
सभी व्यक्तियों की कुण्डली में
विशेष महत्व रखता है. राहु का प्रभाव (Influence of
Rahu in Horoscope) इसलिये देखा जाता है कि व्यक्ति में
अन्य से हटकर विशिष्टताएं है या नहीं. चन्द्र
की भूमिका भी सेवा के कामों में अहम
होती है. इन तीनों ग्रहों का संबन्ध
छठे/बारहवे, लग्न/सप्तम, दूसरे/आठवें घर से या इनके
स्वामियों से होने पर व्यक्ति को अपने व्यवसाय में
सफलता मिलती है.
3. अमात्यकारक की महत्वपूर्ण भूमिका (Role of
Amatyakaraka)
व्यक्ति के व्यवसाय निर्धारण में अमात्यकारक का अपना स्थान
है. जिस व्यक्ति की कुण्डली में
अमात्यकारक ग्रह पर राहु या शुक्र का प्रभाव हो वह होटल
प्रबन्धन के क्षेत्र में सफल होता है. अमात्यकारक
पराशरी ज्योतिष (Parashari Astrology)
का हिस्सा न होकर जैमिनी ज्योतिष (Jaimini
Astrology) का भाग है. इसके प्रयोग से
व्यक्ति का पेशा आसानी के जाना जा सकता है.
4. नवांश व दशमांश कुण्डली का योगदान (Role of
navamsha and dashmamsha Kundali)
ज्योतिष में मात्र जन्म कुण्डली के विश्लेषण से कुछ
कहना हमेशा सही नहीं होता है.
इसमें बनने वाले योगों की पुष्टि के लिये नवांश
कुण्डली (Navamsha Kundli)
को देखा जाता है. तथा दशमांश
कुण्डली (Dashamsha Kundli) को व्यवसाय के
सूक्ष्म विश्लेषण के लिये देखा जाता है. इन
तीनों कुण्डलियों से एक समान योग निकल के आने पर
निकाले गये निर्णयों के विषय में कोई संदेह नहीं रह
जाता है. तीनों में से दो का झुकाव जिस क्षेत्र
की ओर अधिक हो उसी क्षेत्र में
व्यक्ति को सफलता मिलती है.
नवांश व दशमांश कुण्डली में राहु/शुक्र का अन्य
ग्रहों से संबन्ध व्यक्ति को होटल व्यवसाय
की ओर लेकर जाता है. प्रबन्धन से संबन्धित
ग्रह गुरु है. दशमेश से गुरु का संबन्ध व्यक्ति को प्रबन्धन
गुरु बनाता है. मंगल का प्रभाव होटल नर्माण से जुडे काम करने
की योग्यता देता है. बुध स्वागत करने
की विशिष्टता देता है. साथ ही हिसाब
किताब रखने मे भी रुचि दर्शाता है. शनि का प्रभाव
व्यक्ति को सफाई, रख रखाव (हाउस किपिंग) के काम में
दक्षता देता है.
5. उचित दशाएं:
राहु/ शुक्र की दशा / अन्तर्दशा में
व्यक्ति की आयु आजीविका से कमाने
की हो तथा ग्रह योग भी हो तो इस
व्यवसाय में आय
प्राप्ति की संभावना बनती है. मिलने
वाली दशाओं का सीधा सम्बन्ध दशम/
दशमेश से होने के साथ- साथ सम्बन्धित ग्रह व भावों से
हो जाये तो व्यक्ति को होटल के क्षेत्र में सफलता अवश्य
मिलती है.
6. कुण्डली के अन्य योग
(क) कुण्डली में इस उद्दोग के कारक ग्रह मंगल,
शुक्र, राहु, शनि आदि में से जितने ग्रहों का आपस में संबन्ध
बनेगा. यह उतना ही शुभ रहेगा. ये ग्रह
व्यक्ति के धन भाव में स्थित होकर धन प्राप्ति में सहायक
होते है. अथवा कुण्डली में भाव नवम, दशम, व
एकादश के स्वामी शुभ स्थानों में होकर मंगल व
शुक्र आदि से संबध बनाये तो व्यक्ति को इस क्षेत्र में विशेष
सफलता मिलती है.
(ख) कुण्डली में तीसरे घर
का स्वामी स्वग्रही होकर नवम घर में
स्थित हो जहां से वह लग्नेश व दशमेश को देखे तथा लग्न में
मंगल व शुक्र एक साथ स्थित हो अथवा राहु या शनि से
दृ्ष्टि संबध रखे तो व्यक्ति को होटल के व्यवसाय में
सफलता मिलती है.
(ग) लग्न में बुध, मंगल, शुक्र
अथवा शनि की राशि में हो तथा दूसरे व एकादश घर
पर पाप प्रभाव न हों, चतुर्थ घर के
स्वामी का दशमेश व एकादशमेश या लग्न भाव से
संबध हो तो व्यक्ति को होटल के पेशे में यश व
सफलता मिलती है.

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