::::::::::::::::वर लाभार्थ रुक्मिणीवल्लभ
का मंत्र:::::::::::::::::::::::::
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कन्या के लिए सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए अथवा विवाहादि में हो रहे
विलम्ब के लिए किये जाने वाले मंत्र प्रयोगों में
रुक्मिणीवल्लभ मंत्र बहुत प्रभावशाली मंत्र
है ,,इसे यदि कन्या विष्णु-लक्ष्मी आह्व कृष्ण-
रुक्मिणी की पूजा करके प्रतिदिन निश्चित
संख्या में जपे तो शीघ्र और उतम विवाह
की संभावना बनती है |
विनियोग ::अस्य श्री रुक्मिणीवल्लभ मंत्रस्य
नारद ऋषि अनुष्टुप
छन्दः श्री रुक्मिणीवल्लभो देवता ममोत्तमवरलाभार्
थे जपे विनियोगः |
ऋष्यादि न्यास ::नारद ऋषये नमः शिरसि, अनुष्टुप छन्दसे
नमः मुखे ,रुक्मिणीवल्लभ देवताये नमः हृदये ,विनियोगाय
नमः सर्वांगे |
कर-हृदयादीन्यास :: ॐ
[अंगू .हृदयाय ] ,नमः [तर्जनी ,शिरसे ] ,भगवते
[मध्यमा ,शिखाये ] ,रुक्मिणीवल्लभाय [अना.
कवचाय ] ,स्वाहा [करतल. ,अस्त्राय ]|
ध्यान ::;भगवन देवदेवेश ,रुक्मिणीवल्लभ
प्रभो |,कृपया पतिकामाये ,देहि में वरमुत्तमम ||
मूल मंत्र ::: ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय
स्वाहा |
का मंत्र:::::::::::::::::::::::::
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कन्या के लिए सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए अथवा विवाहादि में हो रहे
विलम्ब के लिए किये जाने वाले मंत्र प्रयोगों में
रुक्मिणीवल्लभ मंत्र बहुत प्रभावशाली मंत्र
है ,,इसे यदि कन्या विष्णु-लक्ष्मी आह्व कृष्ण-
रुक्मिणी की पूजा करके प्रतिदिन निश्चित
संख्या में जपे तो शीघ्र और उतम विवाह
की संभावना बनती है |
विनियोग ::अस्य श्री रुक्मिणीवल्लभ मंत्रस्य
नारद ऋषि अनुष्टुप
छन्दः श्री रुक्मिणीवल्लभो देवता ममोत्तमवरलाभार्
थे जपे विनियोगः |
ऋष्यादि न्यास ::नारद ऋषये नमः शिरसि, अनुष्टुप छन्दसे
नमः मुखे ,रुक्मिणीवल्लभ देवताये नमः हृदये ,विनियोगाय
नमः सर्वांगे |
कर-हृदयादीन्यास :: ॐ
[अंगू .हृदयाय ] ,नमः [तर्जनी ,शिरसे ] ,भगवते
[मध्यमा ,शिखाये ] ,रुक्मिणीवल्लभाय [अना.
कवचाय ] ,स्वाहा [करतल. ,अस्त्राय ]|
ध्यान ::;भगवन देवदेवेश ,रुक्मिणीवल्लभ
प्रभो |,कृपया पतिकामाये ,देहि में वरमुत्तमम ||
मूल मंत्र ::: ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय
स्वाहा |
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