Wednesday, August 13, 2014

पूजा पाठ मे भी ग्रह

///पूजा पाठ मे भी ग्रह अपने अपने अनुसार
विराजमान है,////
देवी देवता की बनावट/// सूर्य है///
देवी देवता के लिये सोची जाने
वाली क्रिया शैली //चन्द्रमा है///
हवन यज्ञ आदि दीपक
अगरबत्ती की आग// मंगल है///
बोली जाने
वाली मंत्रो की भाषा प्रार्थना मानसिक
प्रार्थना आदि //बुध है,////धारणा बनाना गुरु है ///
मूर्ति आदि की बनावट पूजा की सजावट
शुक्र है//// पूजा के अन्दर रक्षा करने वाले गेट
कमरा अलमारी आदि शनि है////
फ़ोटो बिजली की सजावट
फ़ूलो की सजावट आदि राहु है//// राहु
को देवता का आक्स्मिक दर्शन या दिया जाने वाला प्रभाव //राहु
है ////जितने भी कारक पूजा पाठ आदि के लिये
प्रयोग मे लाये जाते है वह ///////केतु के रूप में है////

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