किचन से जुड़ी वास्तु की कुछ अन्य
जानकारियां निम्नलिखित हैं,
जिनका किचन बनाते समय ध्यान रखना चाहिए। जिस घर में किचन
के अंदर ही स्टोर
हो तो गृहस्वामी को अपनी नौकरी या व्यापार
में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन
कठिनाइयों से बचाव के लिए किचन व स्टोर रूम अलग-अलग बनाने
चाहिए।
किचन व बाथरूम का एक सीध में साथ-साथ होना शुभ
नहीं होता है। ऐसे घर में रहने
वालांें को जीवन-यापन करने में
काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य
भी ठीक नहीं रहता। ऐसे
घर की कन्याओं के जीवन में
अशांति रहती है।
किचन में पूजा स्थान बनाना भी शुभ
नहीं होता है। जिस घर में किचन के अंदर
ही पूजा का स्थान होता है उसमें रहने वाले गरम
दिमाग के होते हैं। परिवार के किसी सदस्य को रक्त
संबंधी शिकायत
भी हो सकती है।
घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने किचन
नहीं बनाना चाहिए। मुख्य द्वार के एकदम सामने
का किचन गृहस्वामी के भाई के लिए अशुभ
होता है। यदि किचन भूमिगत
पानी की टंकी या कुएं के
साथ लगा हो तो भाइयों में मतभेद रहते हैं। घर के
स्वामी को धन कमाने के लिए बहुत यात्राएं
करनी पड़ती हैं। घर
की बैठक में भोजन बनाना या बैठक खाने के
ठीक सामने किचन का होना अशुभ होता है। ऐसे में
रिश्तेदारों के मध्य शत्रुता रहती है एवं
बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयां आती हैं।
जिस घर में किचन मुख्य द्वार से जुड़ा हो वहां प्रारंभ में
पति पत्नी के मध्य बहुत प्रेम रहता है, घर
का वातावरण भी सैहार्दपूर्ण रहता है, किंतु कुछ
समय बाद बिना कारण आपस में मतभेद पैदा होने लगते हैं।
अनुभव में पाया गया है कि जिनके घरों में किचन में भोजन बनाने के
साधन जैसे, गैस, स्टोव, माइक्रोवेव ओवन इत्यादि एक से अधिक
होते हैं, उनमें आय के साधन भी एक से अधिक
होते हैं। ऐसे परिवार के सभी सदस्यों को कम से
कम एक समय का भोजन साथ मिलकर करना चाहिए। ऐसा करने से
आपसी संबंध मजबूत होते हैं तथा साथ मिलकर
रहने
की भावना भी बलवती होती है।
जानकारियां निम्नलिखित हैं,
जिनका किचन बनाते समय ध्यान रखना चाहिए। जिस घर में किचन
के अंदर ही स्टोर
हो तो गृहस्वामी को अपनी नौकरी या व्यापार
में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन
कठिनाइयों से बचाव के लिए किचन व स्टोर रूम अलग-अलग बनाने
चाहिए।
किचन व बाथरूम का एक सीध में साथ-साथ होना शुभ
नहीं होता है। ऐसे घर में रहने
वालांें को जीवन-यापन करने में
काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य
भी ठीक नहीं रहता। ऐसे
घर की कन्याओं के जीवन में
अशांति रहती है।
किचन में पूजा स्थान बनाना भी शुभ
नहीं होता है। जिस घर में किचन के अंदर
ही पूजा का स्थान होता है उसमें रहने वाले गरम
दिमाग के होते हैं। परिवार के किसी सदस्य को रक्त
संबंधी शिकायत
भी हो सकती है।
घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने किचन
नहीं बनाना चाहिए। मुख्य द्वार के एकदम सामने
का किचन गृहस्वामी के भाई के लिए अशुभ
होता है। यदि किचन भूमिगत
पानी की टंकी या कुएं के
साथ लगा हो तो भाइयों में मतभेद रहते हैं। घर के
स्वामी को धन कमाने के लिए बहुत यात्राएं
करनी पड़ती हैं। घर
की बैठक में भोजन बनाना या बैठक खाने के
ठीक सामने किचन का होना अशुभ होता है। ऐसे में
रिश्तेदारों के मध्य शत्रुता रहती है एवं
बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयां आती हैं।
जिस घर में किचन मुख्य द्वार से जुड़ा हो वहां प्रारंभ में
पति पत्नी के मध्य बहुत प्रेम रहता है, घर
का वातावरण भी सैहार्दपूर्ण रहता है, किंतु कुछ
समय बाद बिना कारण आपस में मतभेद पैदा होने लगते हैं।
अनुभव में पाया गया है कि जिनके घरों में किचन में भोजन बनाने के
साधन जैसे, गैस, स्टोव, माइक्रोवेव ओवन इत्यादि एक से अधिक
होते हैं, उनमें आय के साधन भी एक से अधिक
होते हैं। ऐसे परिवार के सभी सदस्यों को कम से
कम एक समय का भोजन साथ मिलकर करना चाहिए। ऐसा करने से
आपसी संबंध मजबूत होते हैं तथा साथ मिलकर
रहने
की भावना भी बलवती होती है।
thanks and interesting post
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