Friday, August 15, 2014

कुछ ग्रहों के सरल उपाय

कुछ ग्रहों के सरल उपाय
१)केतु : केतु को बहुत ही शुभ और मोक्ष करक
छाया गृह माना गया है साथ ही बहुत
ही अशुभ भी …इसका रत्न
लहसुनिया होता है जो कई प्रकार के होते हैं और बहुत
सस्ते पत्थर होते है .केतु यदि पत्री में गडबड
है तो ये
ऐसी बीमारी देता है जिसे
सामान्यतः जल्दी पकड़ा नहीं जा पता ;व्यक्ति पे
झूठे आरोप लग जाते है ;वगेरह वगेरह …केतु
की शांति के लिए कहा जाता है की कुत्ते
को रोटी खिलानी चहिये ….लेकिन मुझे
इसका तर्क समझ में नहीं आया …मेरे हिसाब से
केतु और राहू की सामान्य रूप से
माँ दुर्गा की आराधना ही सर्वश्रेष्ट
उपाय है और केतु के शास्त्रोक्त दान आदि करना चहिये .
२)चंद्रमा : इनके लिए चांदी धारण
करनी चहिये और मोती या स्फटिक
की माला पहन लेनी चहिये .ये
क्योंकि बहुत शुभ और स्त्री गृह है अतः बहुत
अनिष्ट आम रूप से नहीं करता .प्राणायाम ध्यान
अनुलोम विलोम कपाल पाती इसके लिए सबसे अछे
उपाय हैं
३)शुक्र : शुक्र स्त्री गृह है ,मनुष्य
की कामुकता से इसका सीधा सम्बन्ध
भी है ,और हर प्रकार के सौंदर्य और ऐश्वर्य से
ये सीधे सम्बन्ध रखता है .शुक्र के लिए
ओपल ,हीरा , स्फटिक का प्रयोग करना चहिये और
यदि ये बहुत ही खराब है
तो पुरुषों को अश्विनी मुद्रा या क्रिया रोज
करनी चहिये .
ओम ह्रीम दूम दुर्गाय नमः इसकी १
माला रोज करनी चहिये शुक्र को अच्छा करने के
लिए .
४)सूर्य : सूर्य राजा है ,प्रबल
है ,तेजस्वी है ,प्राण है ,गर्मी है
…ये कुंडली में अच्छा नहीं है
तो मनुष्य बहुत भटकता है और मान सम्मान से दूर
ही रहता है .इसका रत्न माणिक्य है .आदित्य
ह्रदय स्तोत्र का नित्य पाठ पूर्ण श्रद्धा के साथ
करना चहिये .साथ ही सूर्य को ताम्बे के पात्र में
गुड और पुष्प समाहित करके अर्ध्य देना चहिये .
५)बुध : बुध नपुंसक गृह है …जिसके साथ या जिसके राशि में
होता है
वैसा ही हो जाता है .बुद्धि की तीक्ष्ता ,व्यापारिक
बुद्धि ,लेखा जोखा ,मीडिया ,से
इसका सीधा सम्बन्ध
होता है .इसका रत्ना पन्ना है .ये चर्म रोग भी देने
में बहुत सक्षम होता है .विष्णु सहस्त्रनाम का रोज पाठ
नियम से करना चहिये अवश्य ही लाभ होता है .
१)शनि : शनि के लिए दशरथ कृत शनि स्तोत्र में लिखा है
जो व्यक्ति पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर
शनि देवता के दस नामों को रोज पढ़ेगा उसे
शनि की पीढा कभी नहीं होगी ….शनि वार
के दिन सरसों के तेल को अपने ऊपर से उतार कर शनि मंदिर में
रख के आ जाना चहिये …चढाना नहीं है सिर्फ रख
के आ जाना है ,शनि वार को काले वस्त्र आदि का दान
करना चहिये ,शनि को मजबूत करने के लिए नीलम
पहन लेना चहिये ,हनुमान चालीसा का नित्य दो पार
पाठ करना भी अति लाभ प्रद होता है तथा हनुमान
जी पूर्ण निष्काम भक्ति बहुत मार्ग खोल
देती है …ऐसा कहा गया है
की शनि देवता हनुमान जी के
भक्तों को कभी परेशान नहीं करते हैं
…..
२)राहू : राहू के लिए सबसे अच्छा उपाय
माँ दुर्गा की साधना है उस से उत्तम कुछ
भी नहीं है ,गीता प्रेस
गोरख पुर
की दुर्गा सप्तशती को विधि विधान पूर्वक
घर में लाकर उसका नित्य पाठ करना सभी कष्टों से
मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर देता है …
चींटी की बाम्बी में
शक्कर डालना भी रहू के उपाय है और
मछलियों को आटे
की गोलियाँ डालना भी .किसी अपाहिज
कोढ़ी बदसूरत व्यक्ति को यथेष्ट जेब में से जो निकल
आये वोह दे देना चहिये और उसके बारे में
सोचना भी नहीं चहिये
….किसी भी दान को कर के उसके बारे में
वैसे भी नहीं सोचना चहिये …..राहू
का रत्ना गोमेद है ..सय्लोनी गोमेद सबसे
अच्छा कहा जाता है ..उसे पहन लेना चहिये राहू को मजबूत
करने के लिए ….
३)मंगल : मंगल के लिए हनुमान उपासना से बढ़ कर कुछ
भी नहीं है …मूंगा मंगल का रत्न है
और उसे मजबूत करने के लिए मूंगा धारण करना चहिये … …
मंगल वार के दिन उपवास करना भी एक उपाय है
और शराब मांस से परहेज करना भी …..मंगल
स्तोत्र का पाठ भी लाभ दायक होता है

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