मेन डोर के लिए उपाय, इनसे घर में बढ़ती है पॉजिटिव
एनर्जी ::
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आपके घर के मुख्य दरवाजा का मुख जिस दिशा में है उसके
अनुसार यदि वास्तु कुछ उपाय अपनाए जाएं तो उनसे घर में
सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। वास्तु शास्त्र सकारात्मक
और नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांतों पर काम करता है।
यदि किसी घर में वास्तु के दोष होंगे
तो वहां नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहेगी, इस
कारण मानसिक तनाव और घर में अशांति का वातावरण निर्मित
हो सकता है। इन दोषों को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय
अपनाने चाहिए। इनके प्रभाव से वातावरण सकारात्मक बनता है
जो कि परिवार के लिए सुखदायक और समृद्धिदायक होता है।
यहां जानिए मुख्य दरवाजे के लिए वास्तु के कुछ उपाय...
- यदि आपके घर का दरवाजा दक्षिण दिशा की ओर
है तो आप इसे गहरे महरून, पेल यलो या वर्मिलियन रेड के
शेड से रंग सकते है। इन सभी कलर शेड के कलर
बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
- मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर है
तो छह छड़ वाली धातु
की बनी विंड चाइम
लगानी चाहिए। विंड चाइम
की खनखनाहट से मुख्य दरवाजे के आसपास के बुरे
प्रभाव दूर हो सकते हैं। यहां बताए जा रहे वास्तु के
सभी आइटम्स बाजार में आसानी से
उपलब्ध हो जाते हैं।
- पश्चिम की ओर मुख वाले दरवाजे के लिए प्लॉट
या यहां तक कि बालकनी के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में
तुलसी का पौधा नकारात्मक
प्रभावों को भी सकारात्मकता प्रदान कर सकता है।
इसी तरह चमेली की बेल
भी सुगंध से प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने का काम
करती है।
- दरवाजों के दोनों ओर काफी सारे हरे और लम्बे
स्वस्थ पौधे लगाए जा सकते हैं जो गलत दिशा में बने दरवाजे के
दुष्प्रभावों को दूर करने का काम करेंगे।
- मुख्य दरवाजे कोई पवित्र चिह्न लगाएं, जैसे ऊँ,
श्रीगणेश, स्वस्तिक, शुभ-लाभ आदि। ऐसा करने पर
घर पर सभी देवी-देवताओं
की कृपा बनी रहती है
और बुरी नजर से घर
की रक्षा होती है।
- मुख्य द्वार का मुख पूर्व या दक्षिण-पूर्व
दिशा की ओर है तो दरवाजे के अंदर बाएं ओर जल
पात्र को पानी और फूल की पंखुडिय़ों से
भरकर रखें। इससे दिशा को सकारात्मक रुख देने में मदद
मिलेगी। वैसे वास्तु के हिसाब से पूर्व दिशा पवित्र
समझी जाती है।
- उत्तर दिशा के दरवाजे के लिए सफेद, पेल ब्लू कलर बेहतर
होते हैं।
- मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा की ओर मुख
वाला हो तो सूर्यास्त के वक्त दुष्प्रभावों को रोकने के लिए द्वार के
समीप ग्लास क्रिस्टल रखें।
- मुख्य द्वार के बाहर ऊपर की और वंदरवार
लगाना चाहिए। वंदनवार अशोक के वृक्ष
की पत्तियों से बनाई जाएगी तो बहुत
शुभ रहेगा। अशोक के पत्ते घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से
रोकते हैं।
- यदि संभव हो सके तो मुख्य द्वार के बाहर
की ओर हर रोज
रंगोली बनानी चाहिए। जिस घर के बाहर
रंगोली बनाई जाती है, वहां सदैव
सकारात्मक वातावरण बना रहता है।
- मुख्य द्वार पर अंदर की ओर वास्तु के पवित्र
तीन सिक्के लटाकना चाहिए। इन सिक्कों को बहुत
शुभ माना जाता है।
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आपके घर के मुख्य दरवाजा का मुख जिस दिशा में है उसके
अनुसार यदि वास्तु कुछ उपाय अपनाए जाएं तो उनसे घर में
सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। वास्तु शास्त्र सकारात्मक
और नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांतों पर काम करता है।
यदि किसी घर में वास्तु के दोष होंगे
तो वहां नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहेगी, इस
कारण मानसिक तनाव और घर में अशांति का वातावरण निर्मित
हो सकता है। इन दोषों को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय
अपनाने चाहिए। इनके प्रभाव से वातावरण सकारात्मक बनता है
जो कि परिवार के लिए सुखदायक और समृद्धिदायक होता है।
यहां जानिए मुख्य दरवाजे के लिए वास्तु के कुछ उपाय...
- यदि आपके घर का दरवाजा दक्षिण दिशा की ओर
है तो आप इसे गहरे महरून, पेल यलो या वर्मिलियन रेड के
शेड से रंग सकते है। इन सभी कलर शेड के कलर
बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
- मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर है
तो छह छड़ वाली धातु
की बनी विंड चाइम
लगानी चाहिए। विंड चाइम
की खनखनाहट से मुख्य दरवाजे के आसपास के बुरे
प्रभाव दूर हो सकते हैं। यहां बताए जा रहे वास्तु के
सभी आइटम्स बाजार में आसानी से
उपलब्ध हो जाते हैं।
- पश्चिम की ओर मुख वाले दरवाजे के लिए प्लॉट
या यहां तक कि बालकनी के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में
तुलसी का पौधा नकारात्मक
प्रभावों को भी सकारात्मकता प्रदान कर सकता है।
इसी तरह चमेली की बेल
भी सुगंध से प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने का काम
करती है।
- दरवाजों के दोनों ओर काफी सारे हरे और लम्बे
स्वस्थ पौधे लगाए जा सकते हैं जो गलत दिशा में बने दरवाजे के
दुष्प्रभावों को दूर करने का काम करेंगे।
- मुख्य दरवाजे कोई पवित्र चिह्न लगाएं, जैसे ऊँ,
श्रीगणेश, स्वस्तिक, शुभ-लाभ आदि। ऐसा करने पर
घर पर सभी देवी-देवताओं
की कृपा बनी रहती है
और बुरी नजर से घर
की रक्षा होती है।
- मुख्य द्वार का मुख पूर्व या दक्षिण-पूर्व
दिशा की ओर है तो दरवाजे के अंदर बाएं ओर जल
पात्र को पानी और फूल की पंखुडिय़ों से
भरकर रखें। इससे दिशा को सकारात्मक रुख देने में मदद
मिलेगी। वैसे वास्तु के हिसाब से पूर्व दिशा पवित्र
समझी जाती है।
- उत्तर दिशा के दरवाजे के लिए सफेद, पेल ब्लू कलर बेहतर
होते हैं।
- मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा की ओर मुख
वाला हो तो सूर्यास्त के वक्त दुष्प्रभावों को रोकने के लिए द्वार के
समीप ग्लास क्रिस्टल रखें।
- मुख्य द्वार के बाहर ऊपर की और वंदरवार
लगाना चाहिए। वंदनवार अशोक के वृक्ष
की पत्तियों से बनाई जाएगी तो बहुत
शुभ रहेगा। अशोक के पत्ते घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से
रोकते हैं।
- यदि संभव हो सके तो मुख्य द्वार के बाहर
की ओर हर रोज
रंगोली बनानी चाहिए। जिस घर के बाहर
रंगोली बनाई जाती है, वहां सदैव
सकारात्मक वातावरण बना रहता है।
- मुख्य द्वार पर अंदर की ओर वास्तु के पवित्र
तीन सिक्के लटाकना चाहिए। इन सिक्कों को बहुत
शुभ माना जाता है।
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