Sunday, August 10, 2014

वास्तु दोष से मुक्ति

वास्तु दोष से मुक्ति
कहीं आपके घर में
भी तो नहीं वास्तुदोष
हम जिस स्थान पर रहते हैं, उसे वास्तु कहते हैं। इसलिए
जिस जगह रहते हैं, उस मकान में कौन-सा दोष है, जिसके
कारण हम दुख-तकलीफ उठाते हैं, इसे स्वयं
नहीं जान सकते। हमें यह
भी पता नहीं रहता कि उस घर में
नकारात्मक ऊर्जा है या सकारात्मक।
किस स्थान पर क्या दोष है, लेकिन यहां पर कुछ
सटीक वास्तु दोष निवारण के उपाय दिए जा रहे हैं,
जिसके प्रयोग से हम आप सभी लाभान्वित होंगे।
ईशान अर्थात ई-ईश्वर, शान-स्थान। इस स्थान पर भगवान
का मंदिर होना चाहिए एवं इस कोण में जल
भी होना चाहिए। यदि इस दिशा में रसोई घर
हो या गैस
की टंकी रखी हो तो वास्तुदोष
होगा। अतः इसे तुरंत हटाकर पूजा स्थान बनाना चाहिए या फिर इस
स्थान पर जल रखना चाहिए।
पूर्व दिशा में बाथरूम शुभ रहता है।
खाना बनाने वाला स्थान सदैव पूर्व अग्निकोण में होना चाहिए।
भोजन करते वक्त दक्षिण में मुंह करके
नहीं बैठना चाहिए।
शयन कक्ष
प्रमुख व्यक्तियों का शयन कक्ष नैऋत्य कोण में होना चाहिए।
बच्चों को वायव्य कोण में रखना चाहिए।
शयनकक्ष में सोते समय सिर उत्तर में, पैर दक्षिण में
कभी न करें।
अग्निकोण में सोने से पति-पत्नी में
वैमनस्यता रहकर व्यर्थ धन व्यय होता है।
ईशान में सोने से
बीमारी होती है।
पश्चिम दिशा की ओर पैर रखकर सोने से आध्यात्मिक
शक्ति बढ़ती है। उत्तर की ओर पैर
रखकर सोने से धन की वृद्धि होती है
एवं उम्र बढ़ती है।
बेडरूम में टेबल गोल होना चाहिए। बीम के
नीचे व कालम के सामने
नहीं सोना चाहिए। बच्चों के बेडरूम में कांच
नहीं लगाना चाहिए। मिट्टी और धातु
की वस्तुएं अधिक होना चाहिए। ट्यूबलाइट
की जगह लैम्प होना चाहिए।
मुख्य प्रवेश द्वार
फेंगशुई के अनुसार घर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व व अग्नि कोण
के द्वार का रंग सदैव हरा या ब्ल्यू रखना चाहिए। दक्षिण
दिशा के प्रवेश द्वार का रंग हरा, लाल, बैंगनी,
केसरिया होना चाहिए। नैऋत्य और ईशान कोण का प्रवेश द्वार
हरे रंग
का या पीला केसरी या बैंगनी होना चाहिए।
पश्चिम और वायव्य दिशा का प्रवेश द्वार सफेद
या सुनहरा होना चाहिए। उत्तर दिशा का प्रवेश द्वार
आसमानी सुनहरा या काला होना चाहिए।
धन-संपत्ति और आभूषण
■ पूर्व दिशा : यहां घर की संपत्ति और
तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है और उसमें
बढ़ोतरी होती रहती है।
■ पश्चिम दिशा : यहां धन-संपत्ति और आभूषण रखे जाएं
तो साधारण ही शुभता का लाभ मिलता है। परंतु घर
का मुखिया अपने स्त्री-पुरुष मित्रों का सहयोग होने
के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन
कमा पाता है।
■ उत्तर दिशा : घर की इस दिशा में कैश व आभूषण
जिस अलमारी में रखते हैं, वह
अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे
में दक्षिण की दीवार से लगाकर
रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर
दिशा की ओर खुलेगी, उसमें रखे गए पैसे
और आभूषण में
हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
■ दक्षिण दिशा : इस दिशा में धन, सोना, चाँदी और
आभूषण रखने से नुकसान तो नहीं होता परंतु
बढ़ोत्तरी भी विशेष
नहीं होती है।
■ ईशान कोण : यहां पैसा, धन और आभूषण रखे जाएं तो यह
दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है और यदि यह उत्तर
ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या संतान और
यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो एक पुत्र संतान बहुत बुद्धिमान
और प्रसिद्ध होता है।
■ आग्नेय कोण : यहां धन रखने से धन घटता है, क्योंकि घर
के मुखिया की आमदनी घर के खर्चे से
कम होने के कारण कर्ज
की स्थिति बनी रहती है।
■ नैऋत्य कोण : यहां धन, महंगा सामान और आभूषण रखे
जाएं तो वह टिकते जरूर है, किंतु एक बात अवश्य
रहती है कि यह धन और सामान गलत ढंग से
कमाया हुआ होता है।
■ वायव्य कोण : यहां धन रखा हो तो खर्च
जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल
होता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया रहता है और
कर्जदारों से सताया जाता है।
■ सीढ़ियों के नीचे
तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है।
सीढ़ियों या टायलेट के सामने
भी तिजोरी नहीं रखना चाहिए।
तिजोरी वाले कमरे में कबाड़ या मकड़ी के
जाले होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
■ घर की तिजोरी के पल्ले पर
बैठी हुई
लक्ष्मीजी की तस्वीर
जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं,
लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे का रंग
क्रीम या ऑफ व्हाइट रखना चाहिए।
किचन
■ किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व कोना जिसे अग्निकोण (आग्नेय)
कहते है, में ही बनवाना चाहिए। यदि इस कोण में
किचन बनाना संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम कोण जिसे वायव्य
कोण भी कहते हैं पर बनवा सकते हैं।
■ किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व
में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण
चूल्हा लगाना चाहिए।
■ किचन के दक्षिण में कभी भी कोई
दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए।
खिड़की पूर्व की ओर में
ही रखें।
■ रंग का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखें।
महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग
का चयन करना चाहिए।
■ किचन में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर
या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न
ही मीरर जैसी कोई
चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित
प्रभाव पड़ता है और घर में कलह
की स्थिति बढ़ती है।
■ किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम
दीवार में ही होना चाहिए।
■ पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएँ।
■ किचन में कोई भी पावर प्वाइंट जैसे मिक्सर,
ग्रांडर, माइक्रोवेव, ओवन को प्लेटफार्म में दक्षिण
की तरफ लगाना चाहिए। फ्रिज हमेशा वायव्य कोण
में रखें।

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