Sunday, August 10, 2014

किस चौघड़िया मुहुर्त का प्रयोग कब करें?

किस चौघड़िया मुहुर्त का प्रयोग कब करें?
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चौघड़िया का प्रयोग किसी शुभ काम या नई
योजना को शुरु करने के लिये किया जाता है, जैसे: नये व्यापार
या व्यवसाय को आरम्भ करने, यात्रा करने आदि के लिये
चौघड़िया मूहुर्त का प्रयोग किया जा सकता है। चौघड़िया मुहुर्त
द्वारा अनेक प्रकार के मूहुर्त निकाले जाते है और उद्देश्य के
अनुसार उन्हे ज्ञात किया जाता है.
कुछ साधारण मूहुर्त हैं जिन्हे सामान्य कामों के लिये प्रयोग
किया जाता है. जिनमें: वस्त्र धारण, हल चलाना, धान्य छेदन
आदि मुख्य हैं तो कुछ तिथियों व वारों से जुड़े हैं। कुछ
मूहुर्तो का प्रयोग वस्तु क्रय-विक्रय, ऋण के लेन-देन, दूकान
करने, भूमि लेने इत्यादि के लिए किया जाता है। व्यक्ति के सोलह
संस्कारों से भी सोलह मुहूर्त जुडे हैं। ग्रह
मूहुर्त, वर्षा मूहुर्त, यात्रा आदि से जुडा मूहुर्त है। और
भी अनेक प्रकार के मूहुर्त हैं जिनका प्रयोग समय
समय पर किया जाता है।
उद्योग काल मूहुर्त के लिये बुरा समझा जाता है, अमृत को अच्छा,
रोग को बुरा, लाभ को फिर अच्छा समझा जाता है, शुभ
भी अच्छा समझा जाता है। चर को मध्यम
माना जाता है तथा काल बुरे समय काल में आता है।
शुभ काल के मूहुर्त समय को अच्छे कामों के लिये लिया जाता है
परन्तु जो काम शुभ हों तथा जिन्हें आरम्भ करना हो उन्हे बुरे
समय काल में आरम्भ नहीं करना चाहिए। चर काल
समय यात्रा आदि के लिये विशेष रुप से अच्छे समझे जाते हैं।
इन मूहुर्तों पर शुभ तिथि, नक्षत्र, करण व वार तथा दिन में
बनने वाले अन्य योगों का भी प्रभाव पडता है। जैसे:
सभी नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष
शास्त्र में सभी शुभ कामों के लिये बेहद शुभ
माना जाता है। इस नक्षत्र के समय में अगर अम्रत काल
का समय भी हो तब तो सोने पे सुहागा हो जाता है।
चौघडि़या शहर के हिसाब से परिवर्तित होता रहता है
क्योंकि इसकी गणना सूर्योदय के समय पर आधारित
होती है।
चौघड़िया मुहूर्त निकालने के लिये चौघड़िया मुहूर्त चक्र का प्रयोग
किया जाता है। जिससे सरलता से दिन-रात्रि के शुभ व अशुभ समय
का आंकलन किया जा सकता है।
किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त या समय
पर प्रारंभ किया जाए तो परिणाम अपेक्षित आने
की संभावना ज्यादा प्रबल होती है।
यह शुभ समय चौघड़िया में देखकर प्राप्त किया जाता है।
यहां हमने चौघिड़या देखने की सुविधा उपलब्ध कराई
है।
विशेष-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और
सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए
की अवधि डेढ़ घंटा होती है। समयानुसार
चौघड़िया को तीन भागों में बांटा जाता है शुभ, मध्यम
और अशुभ चौघड़िया। इसमें अशुभ चौघड़िया पर कोई नया कार्य शुरु
करने से बचना चाहिए।
शुभ चौघडिया शुभ (स्वामी गुरु), अमृत
(स्वामी चंद्रमा), लाभ (स्वामी बुध)
मध्यम चौघडिया चर (स्वामी शुक्र)
अशुभ चौघड़िया उद्बेग (स्वामी सूर्य), काल
(स्वामी शनि), रोग (स्वामी मंगल)

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