Wednesday, October 8, 2014

95 साल बाद बनेगा गुरु पुष्य पर राजयोग

95 साल बाद बनेगा गुरु पुष्य पर राजयोग, अब 70 सालों तक
नहीं हैं ऐसा संयोग:
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इस बार दीपावली से सात दिन पहले लगभग
27 घंटे खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य
नक्षत्र रहेगा। धन तेरस से पहले लोग दो दिन तक बाजार से पुष्य
नक्षत्र के संयोग में खरीदारी कर सकेंगे।
16 अक्टूबर को बनने वाला गुरु पुष्य योग सभी के लिए
बहुत खास रहेगा। इस पुष्य नक्षत्र पर गुरु उच्च राशि में
रहेगा और चंद्रमा भी साथ होने से राजयोग का संयोग
बन रहा हैं। ये संयोग 95 साल पहले 16 अक्टूबर 1919
को बना था। अब अगले 70 सालों तक ऐसा संयोग
नहीं आएगा। अब ऐसा संयोग 11 अक्टूबर 2085
को बनेगा। इस संयोग पर गुरु अपनी उच्च राशि में
रहेगा और चंद्रमा भी साथ होने से
गजकेसरी नाम का राजयोग बन रहा हैं। ये संयोग
खरीदारी का महामुहूर्त माना जा रहा हैं।
इस पुष्य नक्षत्र पर गुरु अपनी उच्च राशि में रहेगा।
उच्च राशि में गुरु होने से गुरु से संबंधित वस्तुएं खरीदने
से लाभ होगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग बनने से
ये संयोग और भी शुभ हो जाएगा। कुल मिलकर इस बार
16 अक्टूबर को अन्य शुभ योगों के साथ आने वाला गुरु पुष्य संयोग,
सुख समृद्धि और संपदा लेकर आएगा। दो दिन तक पुष्य नक्षत्र
रहेगा और इसमें की गई हर
खरीदी चिर स्थाई होगी।
- क्या होता है सर्वार्थसिद्धि योग और कब से कब तक रहेगा ये
योग
- कैसे बना है राजयोग और कैसा रहेगा ये योग
- कब करें खरीदारी और कब से कब तक
रहेगा पुष्य योग-
- किस राशि के लिए कैसा है ये शुभ योग
---सर्वार्थसिद्धि योग-
ज्योतिष शास्त्र में इस मुहूर्त को अबूझ मुहूर्त
भी कहा जाता है। जैसा कि इस मुहूर्त का नाम है, इस
मुहूर्त में किए गए सभी काम पूरे तो होते
ही है, साथ ही बहुत
जल्दी उनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है।
इस मुहूर्त मेंं हर काम सिद्ध हो जाते हैं। यह योग वार और
नक्षत्रों के विशेष संयोग से मिलकर बनता है। गुरुवार को अगर
अश्विनी, पुष्य, पुनर्वसु, अनुराधा और
रेवती हो तो सर्वार्थसिद्धि योग बनता है।
---गुरु पुष्य-
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को शुभ नक्षत्र माना गया है। देवताओं के
गुरु बृहस्पति इस नक्षत्र के स्वामी है। गुरुवार के
दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग गुरु पुष्य नाम का अत्यंत शुभ योग
बनाता है। इस योग में खरीददारी, बैंक से
संबंधित कार्य, नया व्यापार-ऑफिस शुरू करना, पूजा-पाठ, संबंधित शुभ
कार्य करने से उन कार्यों के पूरे परिणाम प्राप्त होते हैं।
ज्योतिषियों के मुताबिक इस मुहूर्त में
खरीदारी से घर में
लक्ष्मी का वास होगा, इस योग में
खरीदी गई वस्तुएं आपके लिए
ज्यादा लाभकारी सिद्ध होंगी। इस दिन आप
किसी भी नए कार्य की शुभ
शुरुआत कर सकते हैं।
---गजकेसरी योग-
गजकेसरी योग ज्योतिष का बड़ा योग हैं। ये योग राजयोग
की श्रेणी में आता हैं। एक
ही राशि में गुरु के साथ चंद्रमा की युति होने
से ये योग बनता हैं। चंद्रमा और गुरु के दृष्टि संबंध से
भी ये योग बनता हैं। पुष्य नक्षत्र के राजयोग का संयोग
होना बहुत शुभ हैं। इस शुभ संयोग पर मांगलिक
कार्यों की खरीदारी करने से धन
लाभ होता है। गजकेसरी योग के प्रभाव से धन लाभ
तो होता ही है साथ ही पद और
प्रतिष्ठा भी मिलती हैं।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस शुभ संयोग का होना बहुत
शुभ माना जा रहा हैं।
--कब लगेगा पुष्य---
16 अक्टूबर को सुबह लगभग 11 बजे से पुष्य नक्षत्र लगेगा।
गुरुवार होने से ये गुरु पुष्य कहलाएगा। चंद्रमा के पुष्य नक्षत्र में
होने से पुष्य योग बनता हैं। शुक्रवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे
तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। दूसरे दिन शुक्रवार होने से इसे शुक्र
पुष्य भी कहेंगे। शुक्र पुष्य योग
भी खरीदारी के लिए
अच्छा माना जाता हैं।
--क्या खरीदें इस शुभ संयोग पर-
सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि के साथ बन रहे पुष्य नक्षत्र में
सोना, सोयाबीन, पीले कपड़े, आभूषण और
मांगलिक
कार्यों की खरीदारी करना श्रेष्ठ
रहेगा। धन तेरस से पहले खरीदारी का ये
महामुहूर्त स्टेशनरी, बहीखाते,
इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल, कंप्यूटर और नए वाहन
खरीदने के लिए भी शुभ हैं। ये शुभ संयोग
शेयर मार्केट, स्टॉक एक्सचेंज और व्यापारिक सौदों के लिए
भी खास हैं।
---किस राशि वालों के लिए कैसा रहेगा पुष्य नक्षत्र का संयोग-
मेष - शुभ
वृष - शुभ
मिथुन - अति शुभ
कर्क - अति शुभ
सिंह - मध्यम
कन्या - शुभ
तुला - शुभ
वृश्चिक- अति शुभ
धनु- सामान्य
मकर - अति शुभ
कुंभ - मध्यम
मीन - सामान्य
---पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त-
सुबह 10:50 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक
दोपहर12:25 बजे से दोपहर 01:50 बजे तक
दोपहर 01:50 बजे से दोपहर 03:20 बजे तक
शाम 04:40 बजे से शाम 06:10 बजे तक
शाम 06:10 बजे से शाम 07:40 बजे तक
रात 07:40 बजे से रात 09:20 बजे तक
दोपहर 12:03 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक -
अभिजीत मुहूर्त

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