Wednesday, October 8, 2014

पंचक

ज्योतिष में उल्लेखमिलता है कि जबचन्द्रमा कुंभ और
मीनराशि पर रहता है तबउस समय को पंचक
कहतेहैं। त्रेतायुग मेंश्रीराम ने जब रावणको मारा था,
उससमययही स्थितियां थीं।
यानी घनिष्ठा सेरेवती तक जो पांचनक्षत्र
(धनिष्ठा,शतभिषा,पूर्वा भाद्रपद,उतरा भाद्रपद
एवंरेवती) थे इन्हें पंचककहा जाता है।
शास्त्रों मेंकहा गया है कि रावणके मरने के बाद
सेही पांच दिन का पंचकमाना जाता है।कुछ विद्वानों ने
इननक्षत्रों को अशुभमाना है इसलिए इनदिनों में शुभ कार्य
नहीं होते हैं। पंचक में हैं ये कार्य
वर्जितपंचक में अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने पर उस कुटुंब में पांच मृत्यु
औरहो जाती है।इन दिनों में चारपाई
बनवाना भी अशुभमाना जाता है। ऐसा करने से
कोईबड़ा संकट खड़ा हो सकता है।रेवती नक्षत्र में
घर की छतनहीं बनाना चाहिए, इससे
धन हानि औरघर में क्लेश होता है।घनिष्ठा नक्षत्र के समय
घास,लकड़ी आदि ईंधन
जमा नहीं करनी चाहिए,इससे
अग्नि का भय रहता है।इन दिनों में दक्षिण
दिशा मेंयात्रा नही करनी चाहिएक्योंकि दक्षिण
दिशा, यमकी दिशा मानी गई है।

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