Saturday, October 11, 2014

दुर्घटना का पूर्व अनुमान

: दुर्घटना का पूर्व अनुमान और सरल
उपाय ?
कुंडली से जाने :दुर्घटना का पूर्व समय: जन्म
कुंडली में लग्न, चन्द्रमा और सूर्य :12 वा , 8 वा , 4
भाव
दुर्घटना का संबंध लग्न और लग्नेश से रहता है। लग्न जातक के
स्वयं का होता है। लग्न में शुभ ग्रह होना चाहिये हैं। अशुभ
ग्रह हानि पहुंचाते हैं। शुभ ग्रह स्थित होने से ,और
दृष्टि होने से सुरक्षा होती है। अकारक ग्रह
या मारक ग्रह जब भी लग्न या लग्नेश पर गोचर
करता है तब दुर्घटना होने के योग बनते है। अकारक ग्रह
या मारक ग्रह की यदि दशा-अंतर्दशा चल
रही हो, तो जातक को कष्ट और दुर्घटना होने के योग
बनते है। मंगल ग्रह जातक को दुर्घटना में अधिक चोट
आती या रक्त भी बहता है।
दुर्घटना का समय : ग्रह का गोचर लग्न पर हो ,
वही समय दुर्घटना का होता है।
इसी तरह से आने वाली दुर्घटना का पूर्व
अनुमान लगाया जा सकता है।ग्रह मंगल और शनि दुर्घटनाओं के योग
बनाते हैं
दुर्घटनाओं के लिए कुछ और योग :
लग्न या दूसरे घर में राहु और मंगल,
लग्न में शनि,
लग्न में मंगल ग्रह,
तीसरे घर में मंगल या शनि ग्रह
5 वीं भाव में, मंगल या शनि .दशा अवधि:12 वा , 8 वा ,
4 भाव की ग्रह की महादशा ,अंतर्दशा,
प्रत्यंतर्दशा,अवधि के दौरान दुर्घटना हो सकती है
या अस्पताल में भर्ती हो सकते है।
कुंडली में दुर्घटना योग :
6ठा और 8वाँ भाव। षष्ठ भाव व अष्टमेश
का स्वामी भी अशुभ ग्रहों के साथ।
वाहन से दुर्घटना: शुक्र को देखना होगा।
लोहा या मशीनरी से दुर्घटना:
शनि को देखना होगा।
आग या विस्फोटक से दुर्घटना : मंगल शनि को देखना होगा। चौपायों से
दुर्घटना: शनि ।
अकस्मात दुर्घटना के लिए :राहु ।
शनि-मंगल-केतु अष्टम भाव: वाहनादि से दुर्घटना के कारण चोट
लगती है।
दुर्घटनाओं से बचने के सरल उपाय :
हनुमान मंदिर में मिटटी के दिए में चमेली के
तेल का दीपक जलाएं।
पक्षियों को लाल-मसूर खिलाएं।
हनुमान मंदिर से कलाई पर मौली बंधवाएं।
हनुमान जी के मंदिर में गुड़ चने का प्रसाद बांटें।
नींबू पर सिंदूर लगाकर चौराहे पर फैंक दें।
विधवा स्त्रियों की इच्छा अनुसार मिठाई बांटें।
घर की छत पर लाल पताका (झंडा) लगाएं।
हनुमान जी के चित्र पर लाल फूल चढ़ाएं। कर्पूर से
जलाएं।
नारियल पर मौली लपेटकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
अशुभ ग्रहों का उपाय :
सूर्य : सूर्य को जल दे. पिता की सेवा करे। गेहूँ और
तांबे का बर्तन दान करें।
चंद्र : किसी मंदिर में कुछ दिन कच्चा दूध और चावल
रखें: ,माता की सेवा करे। चन्द्र के लिए चावल, दुध एवं
चान्दी के वस्तुएं दान करें.
मंगल : मंगलवार को बंदरो को भुना हुआ गुड और चने खिलाये।बड़े
भाई बहन के सेवा करे. मंगल के लिए साबुत, मसूर
की दाल दान करें ।
बुध : ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में
बहाएँ। फिटकरी से दन्त साफ करे. साबुत मूंग का दान
करें। माँ दुर्गा की आराधना करें।
बृहस्पति : केसर का तिलक रोजाना लगाएँ। कुछ मात्रा में केसर खाएँ
और नाभि या जीभ पर लगाएं।
चने की दाल या पिली वस्तु दान करें ।
शुक्र : गाय की सेवा करें। घर तथा शरीर
को साफ-सुथरा रखें। गाय को हरा चारा डाले। दही,
घी, कपूर का दान करें ।
शनि : शनि के दिन पीपल पर तेल का दिया जलाये।
किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना क्षाया दखें और
बर्तन तेल के साथ दान करे. हनुमान
जी की पूजा करे और बजरंग बाण का पाठ
करे. काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु का दान करें ।
राहु : जौ या मूली या काली सरसों का दान
करें।
केतु : चींटियों को। काला सफ़ेद कम्बल कोढियों को दान करें।
कौओं को रोटी खिलाएं. काला तिल दान करे.कर्म
ठीक रखे। मन्दिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं । माता-
पिता और गुरु जानो का सम्मान करे । अपने धर्मं का पालन करे. भाई
बन्धुओं से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखें । पितरो का श्राद्ध करें.
प्रत्येक अमावस को पितरो के निमित्त मंदिर में दान करे गाय और
कुत्ता पालें । ना पाल सके तो बाहर
ही उसकी सेवा करे ।
दुर्घटना से बचने के उपाय महामृत्युंजय मंत्र का जप ।
1) शनिवार को छाया दान ।
2) विष्णु सहस्त्रनाम जप ।
3) ग्रह ४/6/8 /भाव से संबंधित अनिष्ट ग्रहों का उपाय
कीजिए ।
4) पशु को चारा खिलाना और पक्षियों, मछलियों को भोजन कराने ।
5) हनुमान जी की शक्ति से संपन्न
वाहन दुर्घटना नाशक यन्त्र को अपने घर और वाहन में स्थापित
करने पर ,.श्री हनुमान
जी की कृपा से वाहन आदि से
दुर्घटना का भय बिलकुल नहीं रहता है । सर्वत्र
रक्षा होती है ।
6) इसे मंगलवार या शनिवार के दिन एक यन्त्र घर पर और एक
यन्त्र अपने वाहन के आगे के हिस्से में कही पर
भी रख दे । धुप दीप दिखा कर पूजा अवश्य
करे पहले । इसके अतरिक्त जब भी घर से बहार
निकले तो 11 बार. ॐ ज़ूम सः .इस मंत्र का जप करके
निकले |
इन उपायों को करने से दुर्घटना के योग टल सकते हैं।

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