Friday, October 31, 2014

महालक्ष्मी सिद्ध उपाय

महालक्ष्मी सिद्ध उपाय।-*-*-
1. क्या भरसक मेहनत करने पर
भी दरिद्रता पीछा नही छोड़ती।
2. क्या व्यापार में निरंतर घाटा हो रहा है।
3. क्या परिवार में सास-बहु में वैचारिक मतभेद यदि बढ़ रहा है।
4 क्या पति-पत्नी में रोज कलेश रहता है।
-*-*-*-*(श्री सूक्त के मंत्रों में
छिपा मां लक्ष्मी का वैभव.)-*-*-*-
(मंत्र)
ऊँ कां सोस्मितां हिरण्य प्राकाराम्
आर्द्रां ज्वलती तृप्तां तर्पयंतीम्।
पद्मे स्थितां पद्मवर्णा
तामिहोपह्रये श्रियम्।।4।।
(अर्थात )
जिस देवी के स्वरूप का शब्दों से वर्णन
नहीं किया जा सकता है, जो मंद-मंद
मुस्कुराती हैं। जिनके श्री अंगों में परकोटे के
समान स्वर्ण का श्रृंगार हैं, जिनके
श्री अंगों की आभा तेजोमयी है,
हृदय से दयामयी है, आर्द्र करने
वाली हैं। ऐसी कमल जैसे वर्ण
वाली कमल पर विराजमान
मां लक्ष्मी को अपने पास बुलाता हूं।
(सामग्री)
1 लक्ष्मी यंत्र (स्वर्ण या चांदी का)
2 चावल (1-25 किलो)
3 देसी घी का दीपक, प्लेट।
4 मूंगे की माला, लाल रेशम का कपड़ा।
5 कमल की फूल (चार)।
(विधि)
सोमवार, बुधवार या शुक्रवार के दिन या अन्य गुरु-पुण्य आदि शुभ
मुहूर्त में प्रात: स्नान कर
देसी घी का दीपक जलाकर पूर्व
या उत्तर दिशा की ओर मुख करके
थाली या प्लेट में 1-25 किलो चावल लें। चावल के ऊपर
चार कमल के फूल प्रतिष्ठित करें। फूलों के ऊपर
लक्ष्मी यंत्र श्रद्धा से रखें। मूंगे
की माला से ऊपरोक्त मंत्र का एक माला जाप रोज करें।
कमल के फूल व चावल एक स्थान पर एकत्रित करते रहे सातवें दिन
पानी में बहा दे। यंत्र को रोज धूप-बत्ती से
धूपित करें। जाप के बाद दायें हाथ में जल लेकर मां को जाप अर्पण
करे। कातर भाव से मां से प्रार्थना करें कि हे मां मेरे घर में
भी निवास करो। सास-बहु में प्रेम वृद्धि करो। भावना में
बहुत शक्ति होती है।
सातवें दिन के अंदर ही अनुकूल प्रभाव दिखाई देने
लगता है। चार महीने लगातार यह प्रयोग करन से
मनोकामना निश्चित ही पूर्ण होती है।

No comments:

Post a Comment