पूजन के समय जरूरी है कलाई पर धागा बांधना
पूजन कर्म के समय हमारी कलाई पर लाल
धागा बांधा जाता है। इसे रक्षासूत्र,
कलेवा या मौली कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि यह धागा बांधने के बाद पूजन कर्म
पूर्ण होते हैं। इस मान्यता का सिर्फ धार्मिक
ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक पक्ष
भी है।
प्रत्येक पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन में पूजा करवाने वाले ब्राह्मण
हमारी कलाई पर मौली (एक धार्मिक धागा)
बांधते हैं। इस संबंध में शास्त्रों का मत है कि मौली बांधने
से त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु व महेश और तीनों देवियों-
लक्ष्मी, पार्वती व
सरस्वती की कृपा प्राप्त
होती है।
ब्रह्मा की कृपा से कीर्ति, विष्णु
की कृपा से बल मिलता है और
शिवजी की कृपा से बुराइयों का अंत होता है।
इसी प्रकार लक्ष्मी कृपा से धन, दुर्गा से
शक्ति एवं सरस्वती की कृपा से बुद्धि प्राप्त
होती है।
विज्ञान की दृष्टि से मौली बांधने से उत्तम
स्वास्थ्य प्राप्त होता है। जब यह धागा बांधा जाता है तो इससे
कलाई पर हल्का सा दबाव बनता है। इस दबाव से त्रिदोष- वात, पित्त
तथा कफ को नियंत्रित होता है। रक्षा सूत्र बांधने
की प्रथा तब से चली आ
रही है, जब दानवीर
राजा बलि की अमरता के लिए वामन भगवान ने
उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था।
पूजन कर्म के समय हमारी कलाई पर लाल
धागा बांधा जाता है। इसे रक्षासूत्र,
कलेवा या मौली कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि यह धागा बांधने के बाद पूजन कर्म
पूर्ण होते हैं। इस मान्यता का सिर्फ धार्मिक
ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक पक्ष
भी है।
प्रत्येक पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन में पूजा करवाने वाले ब्राह्मण
हमारी कलाई पर मौली (एक धार्मिक धागा)
बांधते हैं। इस संबंध में शास्त्रों का मत है कि मौली बांधने
से त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु व महेश और तीनों देवियों-
लक्ष्मी, पार्वती व
सरस्वती की कृपा प्राप्त
होती है।
ब्रह्मा की कृपा से कीर्ति, विष्णु
की कृपा से बल मिलता है और
शिवजी की कृपा से बुराइयों का अंत होता है।
इसी प्रकार लक्ष्मी कृपा से धन, दुर्गा से
शक्ति एवं सरस्वती की कृपा से बुद्धि प्राप्त
होती है।
विज्ञान की दृष्टि से मौली बांधने से उत्तम
स्वास्थ्य प्राप्त होता है। जब यह धागा बांधा जाता है तो इससे
कलाई पर हल्का सा दबाव बनता है। इस दबाव से त्रिदोष- वात, पित्त
तथा कफ को नियंत्रित होता है। रक्षा सूत्र बांधने
की प्रथा तब से चली आ
रही है, जब दानवीर
राजा बलि की अमरता के लिए वामन भगवान ने
उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था।
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