Thursday, October 2, 2014

पूजन कार्यों में "नारियल" महत्व

पूजन कार्यों में "नारियल" महत्व क्यों है ?
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नारियल को संस्कृत भाषा में श्रीफल कहा गया है।
श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी।
लक्ष्मी के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण
नहीं हो सकता है इसलिए शुभ कार्यों में नारियल
अवश्य रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे
कार्य में बाधा नहीं आती है।
नारियल ऊपर से सख्त आवरण से ढका होता है। इसलिए
बाहरी प्रदूषण का इसपर असर
नहीं होता है। यह अंदर से निर्मल और पवित्र
होता है। इसके अंदर जल भरा होता है। ज्योतिषशास्त्र के
अनुसार सफेद और जल वाले स्थान पर चन्द्र का वास होता है।
चन्द्रमा मन का कारक ग्रह है। किसी कार्य में
सफलता के लिए मन का शांत होना जरूरी है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार जलीय जीवों एवं
जल युक्त वस्तुओं से वास्तु दोष दूर होता है।
आरती के समय कलश पर नारियल रखते हैं। नारियल
की शिखाओं में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार
पाया जाता है। इन कारणों से शुभ कार्यों में नारियल कलश पर
रखकर
इसकी पूजा की जाती है।
महालक्ष्मी की प्राप्ति में दुर्लभ
वस्तुएं श्री यंत्र , एकमुखी रूद्राक्ष ,
एकाक्षी नारियल मोती शंख आदि प्रमुख
है। एकाक्षी नारियल का अपना अलग महत्व है।
यह लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप है। सामान्यत:
नारियल में दो काले बिंदू होते हैं। ये बिन्दू ही आंख
कहलाती है लेकिन बहुत ही कम
मात्रा में ऐसे नारियल प्रयास करने से मिल जाते हैं। जिस पर एक
ही आंख होती है।
एकाक्षी नारियल घर में स्थायी सम्पति,
ऐश्वर्य और आनन्द देता है। नारियल पर चन्दन, केशर,
रोली मिलाकर उसका तिलक ललाट पर लगाने से
व्यक्ति हर कार्य में पूर्ण सफलता प्राप्त करने लगता है।
नारियल का औषधीय महत्व -
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* नारियल खाने व औषधि दोनों में प्रयोग किये जाते हैं। इसमें
विटामिन `ए´, `बी´, `सी´, और कैल्शियम,
लोहा, फास्फोरस आदि खनिज तत्व पूरी मात्रा में पाये
जाते हैं। इसमें अच्छी क्वालिटी के
क्षारीय तेल भी पाये जाते हैं। जिससे
शरीर को पर्याप्त चिकनाई मिलती है।
इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन उच्चकोटि का होता है
और इसके कार्बोंहाइड्रेट बहुत अधिक विकास करने वाले होते
हैं।
* नारियल के बीज ठंडे, जल्दी पचने
वाले, पौष्टिकता से भरपूर, शक्तिदायक, खून को साफ करने वाले,
मूत्र को साफ करने वाले, पित्त व खून के रोगों को दूर करने वाले
होते हैं। इसके सूखे बीज सुगन्ध, रूचिकर,
शक्ति प्रदान करने वाले होते हैं।
* प्रतिदिन नारियल खाने से मुंह में किसी प्रकार
का कैंसर नहीं होता है।
गर्भवती महिला को नारियल के बीज
खिलाने से बच्चा स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट पैदा होता है और
बच्चा पैदा होते समय दर्द भी कम होता है। नर्म
नारियल के पानी में अधिक गुण होते हैं तथा यह
बच्चों के लिए काफी लाभदायक और स्वास्थ्यवर्धक
होता है।
* नारियल का दूध पीने से अल्सर, कब्ज, कोलाईटिस,
और कमजोरी जैसे रोग दूर हो जाते हैं। कमजोर
पाचनतंत्र के लिए यह बहुत ही लाभदायक है।
* नारियल में दूध से अधिक पौष्टिक तत्व मौजूद हैं। बच्चे को दूध
नहीं पच रहा हो तो नारियल
का पानी दिया जा सकता है। यह सुपाच्य होता है।
इसके नियमित सेवन से रूप निखरता है तथा मन निर्मल होता है।
झाईयां एवं चेचक के दाग मिटाने में इसका पानी बहुत
ही कारगर होता है। इसका उपयोग मिठाइयां बनाने में
तथा विभन्न प्रकार के व्यंजनों में भी होता है।
अपने इन गुणों के कारण भी नारियल
पूजनीय है।

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