प्रत्येक प्रकार के संकट निवारण के लिये भगवान गणेश
की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक
थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे
और रात को सोते समय
थोड़ी जावित्री खाकर सोवे। यह प्रयोग
21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें।
10॰ अक्सर सुनने में आता है कि घर में कमाई तो बहुत है,
किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब
गेंहू पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते
तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें
तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें।
यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर में धन
की कमी नहीं रहेगी।
11॰ आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने
भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार
को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें।
12॰ शनिवार को खाने में किसी भी रूप में
काला चना अवश्य ले लिया करें।
13॰ अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन
संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक
शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से
चुपड़ी रोटी खिलाएँ।
14॰ संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने
से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु
गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन
का क्षय होता है।
15॰ रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने
से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने
वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें
इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।
16॰ भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर
के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में
ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है।
जूते पहने हुए कभी भोजन
नहीं करना चाहिए।
17॰ सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न
पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ,
ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
18॰ घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार
के सूख जाने पर भी उन्हें घर में
रखना अलाभकारी होता है।
19॰ अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के
रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ
होता है।
की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक
थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे
और रात को सोते समय
थोड़ी जावित्री खाकर सोवे। यह प्रयोग
21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें।
10॰ अक्सर सुनने में आता है कि घर में कमाई तो बहुत है,
किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब
गेंहू पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते
तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें
तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें।
यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर में धन
की कमी नहीं रहेगी।
11॰ आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने
भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार
को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें।
12॰ शनिवार को खाने में किसी भी रूप में
काला चना अवश्य ले लिया करें।
13॰ अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन
संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक
शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से
चुपड़ी रोटी खिलाएँ।
14॰ संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने
से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु
गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन
का क्षय होता है।
15॰ रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने
से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने
वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें
इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।
16॰ भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर
के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में
ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है।
जूते पहने हुए कभी भोजन
नहीं करना चाहिए।
17॰ सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न
पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ,
ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
18॰ घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार
के सूख जाने पर भी उन्हें घर में
रखना अलाभकारी होता है।
19॰ अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के
रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ
होता है।
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