Wednesday, June 18, 2014

कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं।

कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन
के अधिपति होने के कारण इन्हैं मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने
का विधान बताया गया है।
कुबेर मंत्र को उत्तर की और मुख करके
ही सिद्ध किया जाता है।
अति दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ
श्रीं, ॐ
ह्रीं श्रीं, ॐ
ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय:
नम:।
विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र
ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र
धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:
हवन- तिलों का दशांस हवन करने से प्रयोग सफल होता है।
यह प्रयोग शिव मंदिर में करना उत्तम रहता है। यदि यह
प्रयोग बिल्वपत्र वृक्ष की जड़ों के
समीप बैठ कर हो सके तो अधिक उत्तम होगा।
प्रयोग सूर्योदय के पूर्व संपन्न करें।

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