वास्तु शास्त्र में
किसी एक तत्व पर अधिक ध्यान देकर उस तत्व
को विकसित कर सकते है
**अगर किसी परिवार में विवाह में कोई बाधा है
या वैवाहिक जीवन में कोई अवरोध है तो विवाह के
कोने को विकसित करना चाहिए
**नेऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] वास्तु शास्त्र के अनुसार
विवाह का कोना होता है
**नेऋत्य कोण का तत्व पृथ्वी तत्व होता है ,और
पृथ्वी का निर्माण हुवा है अग्नि तत्व से
**इसलिए कमरे के नेऋत्य कोण में जब अग्नि तत्व से
सम्बन्धित जब भी कोई वास्तु
रखी जाती है तो विवाह का कोना विकसित
होता है
**इसलिए कमरे के नेऋत्य कोण में जलती हुई
मोमबत्ती रखने से विवाह में आने वाले अवरोध दूर
हो जाते हैं ,मोमबत्ती के साथ लाल गुलाब
की कुछ पंखुडियां भी रखें इससे
आपका इंतजार भी समाप्त होगा -
किसी एक तत्व पर अधिक ध्यान देकर उस तत्व
को विकसित कर सकते है
**अगर किसी परिवार में विवाह में कोई बाधा है
या वैवाहिक जीवन में कोई अवरोध है तो विवाह के
कोने को विकसित करना चाहिए
**नेऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] वास्तु शास्त्र के अनुसार
विवाह का कोना होता है
**नेऋत्य कोण का तत्व पृथ्वी तत्व होता है ,और
पृथ्वी का निर्माण हुवा है अग्नि तत्व से
**इसलिए कमरे के नेऋत्य कोण में जब अग्नि तत्व से
सम्बन्धित जब भी कोई वास्तु
रखी जाती है तो विवाह का कोना विकसित
होता है
**इसलिए कमरे के नेऋत्य कोण में जलती हुई
मोमबत्ती रखने से विवाह में आने वाले अवरोध दूर
हो जाते हैं ,मोमबत्ती के साथ लाल गुलाब
की कुछ पंखुडियां भी रखें इससे
आपका इंतजार भी समाप्त होगा -
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