घर में लक्ष्मी का वास कराते हैं घरेलू पौधे
प्राय: लोग अपने घरों की फुलवारी में या लॉन में
छोटे-छोटे पौधे लगाया करते हैं। भवन में छोटे पौधों का अपने आप में
बहुत महत्व होता है। घर में लगाए जाने वाले छोटे पौधों में कई पौधे
ऐसे होते हैं जिनका औषधीय महत्व है। साथ
ही उनका रसोई या सौंंदर्यवद्र्धन
संबंधी महत्व भी है।
आज के समय में स्थान के अभाव में प्राय: लोग गमलों में
ही पौधे लगाते हैं या लॉन तथा ड्राइंगरूम में सजाकर रख
देते हैं। इन पौधों एवं लताओं की वजह से छोटे फ्लैटों में
निवास करने वाले खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस
करते हैं एवं स्वच्छ हवा तथा स्वच्छ वातावरण का आनंद उठाते
हैं।
तुलसी का पौधा इसी प्रकार का एक
छोटा पौधा है जिसके औषधीय एवं आध्यात्मिक
दोनों ही महत्व हैं। प्राय: प्रत्येक हिन्दू परिवार के
घर में एक तुलसी का पौधा अवश्य होता है। इसे दिव्य
पौधा माना जाता है।
माना जाता है कि जिस स्थान पर तुलसी का पौधा होता है
वहां भगवान विष्णु का निवास होता है। साथ ही वातावरण
में रोग फैलाने वाले कीटाणुओं एवं हवा में व्याप्त विभिन्न
विषाणुओं के होने की संभावना भी कम
होती है। तुलसी की पत्तियों के
सेवन से सर्दी, खांसी,
एलर्जी आदि की बीमारियां भी नष्ट
होती हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार छोटे-छोटे पौधों को घर की किस
दिशा में लगाया जाए ताकि उन पौधों के गुणों को हम पा सकें,
इसकी विवेचना यहां की जा रही है।
1 तुलसी के पौधों को यदि घर की उत्तर-पूर्व
दिशा में रखा जाए तो उस स्थान पर अचल लक्ष्मी का वास
होता है अर्थात उस घर में आने
वाली लक्ष्मी टिकती है।
2 घर की पूर्वी दिशा में फूलों के पौधे,
हरी घास, मौसमी पौधे आदि लगाने से उस घर
में भयंकर बीमारियों का प्रकोप नहीं होता।
3 पान का पौधा, चंदन, हल्दी, नींबू आदि के
पौधों को भी घर में लगाया जा सकता है। इन
पौधों को पश्चिम-उत्तर के कोण में रखने से घर के सदस्यों में
आपसी प्रेम बढ़ता है।
4 घर के चारों कोनों को ऊर्जावान बनाने के लिए गमलों में
भारी प्लांट को लगाकर भी रखा जा सकता है।
दक्षिण -पश्चिम कोने में अगर कोई भारी प्लांट है तो उस
घर के मुखिया को व्यर्थ की चिंताओं से
मुक्ति मिलती है।
5 कैक्टस ग्रुप के पौधे जिनमें नुकीले कांटे होते हैं
उन्हें घर के अंदर लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित
नहीं।
6 पलाश, नागकेशकर, अरिष्ट, शमी आदि का पौधा घर के
बगीचे में लगाना शुभ होता है।
शमी का पौधा ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जो घर से
निकलते समय दाहिनी ओर पड़ता हो।
7 घर के बगीचे में पीपल, बबूल, कटहल
आदि का पौधा लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार ठीक
नहीं। इन पौधों से युक्त घर के अंदर
हमेशा अशांति का अम्बार लगा ही रहता है ।
8 फूल के पौधों में सभी फूलों, गुलाब, रात
की रानी, चम्पा, जास्मीन
आदि को घर के अंदर लगाया जा सकता है किन्तु लाल गेंदा और काले
गुलाब को लगाने से चिंता एवं शोक
की वृद्धि होती है।
9 शयनकक्ष के अंदर पौधे लगाना अच्छा नहीं माना जाता।
बेल (लतरने) वाले पौधों को अगर शयनकक्ष के अंदर
दीवार के सहारे चढ़ाकर लगाया जाता है तो इससे दाम्पत्य
संबंधों में मधुरता एवं आपसी विश्वास बढ़ता है।
10 अध्ययन कक्ष के अंदर सफेद फूलों के पौधे लगाने से स्मरण
शक्ति में वृद्धि होती है। अध्ययन कक्ष के पूर्व एवं
दक्षिण के कोने में गमले को रखा जाना चाहिए।
11 रसोई घर के अंदर गमलों में पुदीना, धनिया, पालक,
हरी मिर्च आदि के छोटे-छोटे पौधों को लगाया जा सकता है।
वास्तुशास्त्र एवं आहार विज्ञान के अनुसार जिन रसोईघरों में ऐसे पौधे
होते हैं वहां मक्खियां एवं चींटियां अधिक तंग
नहीं करतीं तथा वहां पकने
वाली सामग्री सदस्यों को स्वस्थ
रखती है।
12 घर के अंदर कंटीले एवं वैसे पौधे जिनसे दूध
निकलता हो, नहीं लगाने चाहिएं। ऐसे पौधों के लगाने से
घर के अंदर वैमनस्य का भाव बढ़ता है एवं
वहां हमेशा अशांति का वातावरण बना रहता है।
13 बोनसाई पौधों को घर के अंदर लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित
नहीं क्योंकि बोनसाई को प्रकृति के विरुद्ध छोटा कद प्रदान
किया जाता है। जिस प्रकार बोनसाई का विस्तार संभव
नहीं होता, उसी प्रकार उस घर
की वृद्धि भी बौनी ही रह
जाती है।
प्राय: लोग अपने घरों की फुलवारी में या लॉन में
छोटे-छोटे पौधे लगाया करते हैं। भवन में छोटे पौधों का अपने आप में
बहुत महत्व होता है। घर में लगाए जाने वाले छोटे पौधों में कई पौधे
ऐसे होते हैं जिनका औषधीय महत्व है। साथ
ही उनका रसोई या सौंंदर्यवद्र्धन
संबंधी महत्व भी है।
आज के समय में स्थान के अभाव में प्राय: लोग गमलों में
ही पौधे लगाते हैं या लॉन तथा ड्राइंगरूम में सजाकर रख
देते हैं। इन पौधों एवं लताओं की वजह से छोटे फ्लैटों में
निवास करने वाले खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस
करते हैं एवं स्वच्छ हवा तथा स्वच्छ वातावरण का आनंद उठाते
हैं।
तुलसी का पौधा इसी प्रकार का एक
छोटा पौधा है जिसके औषधीय एवं आध्यात्मिक
दोनों ही महत्व हैं। प्राय: प्रत्येक हिन्दू परिवार के
घर में एक तुलसी का पौधा अवश्य होता है। इसे दिव्य
पौधा माना जाता है।
माना जाता है कि जिस स्थान पर तुलसी का पौधा होता है
वहां भगवान विष्णु का निवास होता है। साथ ही वातावरण
में रोग फैलाने वाले कीटाणुओं एवं हवा में व्याप्त विभिन्न
विषाणुओं के होने की संभावना भी कम
होती है। तुलसी की पत्तियों के
सेवन से सर्दी, खांसी,
एलर्जी आदि की बीमारियां भी नष्ट
होती हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार छोटे-छोटे पौधों को घर की किस
दिशा में लगाया जाए ताकि उन पौधों के गुणों को हम पा सकें,
इसकी विवेचना यहां की जा रही है।
1 तुलसी के पौधों को यदि घर की उत्तर-पूर्व
दिशा में रखा जाए तो उस स्थान पर अचल लक्ष्मी का वास
होता है अर्थात उस घर में आने
वाली लक्ष्मी टिकती है।
2 घर की पूर्वी दिशा में फूलों के पौधे,
हरी घास, मौसमी पौधे आदि लगाने से उस घर
में भयंकर बीमारियों का प्रकोप नहीं होता।
3 पान का पौधा, चंदन, हल्दी, नींबू आदि के
पौधों को भी घर में लगाया जा सकता है। इन
पौधों को पश्चिम-उत्तर के कोण में रखने से घर के सदस्यों में
आपसी प्रेम बढ़ता है।
4 घर के चारों कोनों को ऊर्जावान बनाने के लिए गमलों में
भारी प्लांट को लगाकर भी रखा जा सकता है।
दक्षिण -पश्चिम कोने में अगर कोई भारी प्लांट है तो उस
घर के मुखिया को व्यर्थ की चिंताओं से
मुक्ति मिलती है।
5 कैक्टस ग्रुप के पौधे जिनमें नुकीले कांटे होते हैं
उन्हें घर के अंदर लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित
नहीं।
6 पलाश, नागकेशकर, अरिष्ट, शमी आदि का पौधा घर के
बगीचे में लगाना शुभ होता है।
शमी का पौधा ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जो घर से
निकलते समय दाहिनी ओर पड़ता हो।
7 घर के बगीचे में पीपल, बबूल, कटहल
आदि का पौधा लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार ठीक
नहीं। इन पौधों से युक्त घर के अंदर
हमेशा अशांति का अम्बार लगा ही रहता है ।
8 फूल के पौधों में सभी फूलों, गुलाब, रात
की रानी, चम्पा, जास्मीन
आदि को घर के अंदर लगाया जा सकता है किन्तु लाल गेंदा और काले
गुलाब को लगाने से चिंता एवं शोक
की वृद्धि होती है।
9 शयनकक्ष के अंदर पौधे लगाना अच्छा नहीं माना जाता।
बेल (लतरने) वाले पौधों को अगर शयनकक्ष के अंदर
दीवार के सहारे चढ़ाकर लगाया जाता है तो इससे दाम्पत्य
संबंधों में मधुरता एवं आपसी विश्वास बढ़ता है।
10 अध्ययन कक्ष के अंदर सफेद फूलों के पौधे लगाने से स्मरण
शक्ति में वृद्धि होती है। अध्ययन कक्ष के पूर्व एवं
दक्षिण के कोने में गमले को रखा जाना चाहिए।
11 रसोई घर के अंदर गमलों में पुदीना, धनिया, पालक,
हरी मिर्च आदि के छोटे-छोटे पौधों को लगाया जा सकता है।
वास्तुशास्त्र एवं आहार विज्ञान के अनुसार जिन रसोईघरों में ऐसे पौधे
होते हैं वहां मक्खियां एवं चींटियां अधिक तंग
नहीं करतीं तथा वहां पकने
वाली सामग्री सदस्यों को स्वस्थ
रखती है।
12 घर के अंदर कंटीले एवं वैसे पौधे जिनसे दूध
निकलता हो, नहीं लगाने चाहिएं। ऐसे पौधों के लगाने से
घर के अंदर वैमनस्य का भाव बढ़ता है एवं
वहां हमेशा अशांति का वातावरण बना रहता है।
13 बोनसाई पौधों को घर के अंदर लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित
नहीं क्योंकि बोनसाई को प्रकृति के विरुद्ध छोटा कद प्रदान
किया जाता है। जिस प्रकार बोनसाई का विस्तार संभव
नहीं होता, उसी प्रकार उस घर
की वृद्धि भी बौनी ही रह
जाती है।
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