मस्तिष्क
रेखा तर्जनी अंगुली नीचे से
आरंभ होती है और यहां से निकलते हुए
हथेली पर रुकती है. यह अकसर
जीवन रेखा को आरंभ में छूती है. यह
रेखा मुख्य रुप से व्यक्ति की मानसिक
स्थिति को दर्शाती है। यह रेखा उन
कारणों को भी बताती है कि मस्तिष्क में
विभिन्न प्रकार के विचार क्यों आते हैं, इस
रेखा द्वारा व्यक्ति की बौद्धिक शक्ति और
कमज़ोरी, उसका रचनात्मक या विश्लेषणात्मक झुकाव,
संचार शैली और सीखने
की प्रवत्ति का विश्लेषण किया जाता है।
मस्तिष्क रेखा के आकार द्वारा विशेषताओं का विवरण निम्न प्रकार है
यदि मस्तिष्क रेखा सीधी और बराबर है
तो व्यक्ति भौतिकवादी होता है, वह लोगों के प्रति कम
संवेदनशील होता है.
यदि मस्तिष्क रेखा हल्की ढ्लाव लिये
हो तो व्यक्ति को रचनात्मक कार्य जैसे संगीत, साहित्य
और चित्रकला मे रुचि होती है। लेकिन व्यक्ति किस
प्रकार का रचनात्मक कार्य करेगा यह हाथ के आकार पर निर्भर है।
यदि मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत पर समाप्त
होती हो तो व्यक्ति को साहित्यिक गतिविधियों मे विशिष्ट
स्थान प्राप्त होता है।
जब मस्तिष्क रेखा लंबी और
सीधी हो, और हथेली को पार
करके हाथ की दूसरी तरफ तक पहुँचे
तो यह व्यक्ति की असामान्य बुद्धि का प्रतिनिधित्व
करती है। लेकिन, इस तरह
का व्यक्ति अपनी बुद्धि का उपयोग करने में
कंजूसी करता है और
दूसरों की भी मदद
नही करता है।
जब मस्तिष्क रेखा शुरुआत में सीधी हो पर
उसका दूसरा भाग झुकाव लिये हो तो ऐसा व्यक्ति अपने विश्लेषणात्मक
और रचनात्मक दृष्टिकोण के बीच सन्तुलन बनाये
रखता है, और क्रियात्मक मार्ग को अपनाता है। इस तरह के
व्यक्ति औसतन दिमाग और आम भावना के साथ काम करते हैं।
जब यह रेखा सीधी हाथ पर जाए पर ं मंगल
पर्वत पर कुछ झुकाव लिये हो तो यह दर्शाता है
कि व्यक्ति को व्यापार में आसाधारण सफलता प्राप्त होगी।
जब यह रेखा छोटी हो और मुशकिल से हाथ के मध्य
तक ही पहुचे तो यह इस बात
को दर्शाती है
कि व्यक्ति अति भौतिकवादी होगा।
जब मस्तिष्क रेखा छोटे टुकड़ों में बनी हो और एक
श्रृंखला की तरह जैसी संरचना में
बनी हो, तो ऐसे व्यक्ति निर्णय न ले पाने और
अनिश्चितता की स्थिति में रहते हैं।
जब मस्तिष्क रेखा पर द्वीप और महीन
रेखाओं से भरी हो तो ऐसा व्यक्ति तीव्र
सिरदर्द से पीड़ित रहता है और उसे मस्तिष्क संबंधित
गंभीर रोगों से पीड़ित होने
का खतरा हो सकता है।
जब मस्तिष्क रेखा हाथ पर इतना अधिक
उठी हो कि हृदय रेखा के बहुत समीप
हो तो ऐसे व्यक्ति का दिमाग अपनी भावना पर
पूरी तरह से हावी होता है और इसके
विपरीत भी।
जब यह रेखा उठ कर हृदय रेखा से ें मिलती है तो,
यह अत्यधिक प्रेम एवं आसक्ति को दर्शाती है।
अति मोह या आकर्षण के कारण
व्यक्ति अपनी विचारणा शक्ति खो देता है और पूर्ण रुप
से अंधविश्वास करता है यह उसके लिए एक हानिकारक बात है.
जब व्यक्ति के हाथ में दो हृदय रेखा हो तो यह तीव्र
बुद्धि और अच्छी समझ का संकेत होता है, लेकिन यह
बहुत कम हाथों में पाई जाती हैं।
जब हृदय रेखा दोनों हाथों में टूटी हुई हो तो यह,
किसी दुर्घटना के कारण सिर पर घातक चोट का संकेत
देता है।
इस रेखा पर द्वीप हो तो व्यक्ति कमजोर होता है और
यदि द्वीप बिल्कुल स्पष्ट
हो तो व्यक्ति बीमारी से उबर
नही पाता है।
जब मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा में एक समान
दूरी हो तो व्यक्ति में गजब का विश्वास, उत्साह और
विचारों की मुस्तैदी देखी जा सकती है।
रेखा तर्जनी अंगुली नीचे से
आरंभ होती है और यहां से निकलते हुए
हथेली पर रुकती है. यह अकसर
जीवन रेखा को आरंभ में छूती है. यह
रेखा मुख्य रुप से व्यक्ति की मानसिक
स्थिति को दर्शाती है। यह रेखा उन
कारणों को भी बताती है कि मस्तिष्क में
विभिन्न प्रकार के विचार क्यों आते हैं, इस
रेखा द्वारा व्यक्ति की बौद्धिक शक्ति और
कमज़ोरी, उसका रचनात्मक या विश्लेषणात्मक झुकाव,
संचार शैली और सीखने
की प्रवत्ति का विश्लेषण किया जाता है।
मस्तिष्क रेखा के आकार द्वारा विशेषताओं का विवरण निम्न प्रकार है
यदि मस्तिष्क रेखा सीधी और बराबर है
तो व्यक्ति भौतिकवादी होता है, वह लोगों के प्रति कम
संवेदनशील होता है.
यदि मस्तिष्क रेखा हल्की ढ्लाव लिये
हो तो व्यक्ति को रचनात्मक कार्य जैसे संगीत, साहित्य
और चित्रकला मे रुचि होती है। लेकिन व्यक्ति किस
प्रकार का रचनात्मक कार्य करेगा यह हाथ के आकार पर निर्भर है।
यदि मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत पर समाप्त
होती हो तो व्यक्ति को साहित्यिक गतिविधियों मे विशिष्ट
स्थान प्राप्त होता है।
जब मस्तिष्क रेखा लंबी और
सीधी हो, और हथेली को पार
करके हाथ की दूसरी तरफ तक पहुँचे
तो यह व्यक्ति की असामान्य बुद्धि का प्रतिनिधित्व
करती है। लेकिन, इस तरह
का व्यक्ति अपनी बुद्धि का उपयोग करने में
कंजूसी करता है और
दूसरों की भी मदद
नही करता है।
जब मस्तिष्क रेखा शुरुआत में सीधी हो पर
उसका दूसरा भाग झुकाव लिये हो तो ऐसा व्यक्ति अपने विश्लेषणात्मक
और रचनात्मक दृष्टिकोण के बीच सन्तुलन बनाये
रखता है, और क्रियात्मक मार्ग को अपनाता है। इस तरह के
व्यक्ति औसतन दिमाग और आम भावना के साथ काम करते हैं।
जब यह रेखा सीधी हाथ पर जाए पर ं मंगल
पर्वत पर कुछ झुकाव लिये हो तो यह दर्शाता है
कि व्यक्ति को व्यापार में आसाधारण सफलता प्राप्त होगी।
जब यह रेखा छोटी हो और मुशकिल से हाथ के मध्य
तक ही पहुचे तो यह इस बात
को दर्शाती है
कि व्यक्ति अति भौतिकवादी होगा।
जब मस्तिष्क रेखा छोटे टुकड़ों में बनी हो और एक
श्रृंखला की तरह जैसी संरचना में
बनी हो, तो ऐसे व्यक्ति निर्णय न ले पाने और
अनिश्चितता की स्थिति में रहते हैं।
जब मस्तिष्क रेखा पर द्वीप और महीन
रेखाओं से भरी हो तो ऐसा व्यक्ति तीव्र
सिरदर्द से पीड़ित रहता है और उसे मस्तिष्क संबंधित
गंभीर रोगों से पीड़ित होने
का खतरा हो सकता है।
जब मस्तिष्क रेखा हाथ पर इतना अधिक
उठी हो कि हृदय रेखा के बहुत समीप
हो तो ऐसे व्यक्ति का दिमाग अपनी भावना पर
पूरी तरह से हावी होता है और इसके
विपरीत भी।
जब यह रेखा उठ कर हृदय रेखा से ें मिलती है तो,
यह अत्यधिक प्रेम एवं आसक्ति को दर्शाती है।
अति मोह या आकर्षण के कारण
व्यक्ति अपनी विचारणा शक्ति खो देता है और पूर्ण रुप
से अंधविश्वास करता है यह उसके लिए एक हानिकारक बात है.
जब व्यक्ति के हाथ में दो हृदय रेखा हो तो यह तीव्र
बुद्धि और अच्छी समझ का संकेत होता है, लेकिन यह
बहुत कम हाथों में पाई जाती हैं।
जब हृदय रेखा दोनों हाथों में टूटी हुई हो तो यह,
किसी दुर्घटना के कारण सिर पर घातक चोट का संकेत
देता है।
इस रेखा पर द्वीप हो तो व्यक्ति कमजोर होता है और
यदि द्वीप बिल्कुल स्पष्ट
हो तो व्यक्ति बीमारी से उबर
नही पाता है।
जब मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा में एक समान
दूरी हो तो व्यक्ति में गजब का विश्वास, उत्साह और
विचारों की मुस्तैदी देखी जा सकती है।
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