भोजन संबन्धी 12 महीने के नियम
Rules of 12 months relating to meal
परिचय-
भोजन संबन्धी 12 महीने के
नियमों को अपनाने से
व्यक्ति कभी भी बीमार
नहीं पड़ता है क्योंकि 12महीने में
कभी ठंड का मौसम होता है
तो कभी गर्मी का तो कभी
बरसात का मौसम। जब कोई व्यक्ति ठंड के मौसम में अधिक
ठंडी चीजों का सेवन करता है तो उसे कई
सारे रोग जैसे- सर्दी तथा जुकामआदि हो जाते हैं।
यदि व्यक्ति गर्मी के मौसम में अधिक गर्म
चीजों का उपयोग करता है तो उसे दस्त,
उल्टीआदि रोग हो जाते हैं। इसलिए
कहा जा सकता है कि मनुष्य 12 महीने में भोजन
संबन्धी परहेज करके कई प्रकार के रोगों से बच
सकता है।
भोजन संबन्धी बाहर महीने के
नियम :-
*.चैत्र (मार्च-अप्रैल)-चैत्र के महीने में
गुड़का सेवन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप कई प्रकार के रोग
ठीक हो जाते हैं।
नीमकी 4-5 कोमल पत्तियों को सुबह के
समय में चेत्र के महीने में चबाने से बहुत अधिक
लाभ मिलता है और कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते
हैं।
*.वैशाख (अप्रैल-मई)- इस महीने में तेल
का बहुत कम उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके प्रयोग से
शरीर में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। इस
महीने में बेलका सेवन बहुत लाभदायक होता है।
*.ज्येष्ठ (मई-जून)- इस महीने में बहुत अधिक
गर्मी होती है इसलिए दोपहर के
समय में कुछ घंटे सोना चाहिए। इस महीने में
बासी भोजन का सेवन न करें क्योंकि ऐसा करने से
शरीर में बहुत से रोग हो सकते हैं।
*.आषाढ़ (जून-जुलाई)- इस महीने में
सभी व्यक्तियों को व्यायामतथा खेल-कुछ करना चाहिए
जिससे बहुत अधिक लाभ मिलता है। इस महीने में
बेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
*.श्रावण (जुलाई-अगस्त)-इस महीने में
हरी साग-सब्जियों तथा दूधका सेवन
नहीं करना चाहिए। हरड़का सेवन इस
महीने में लाभदायक होता है।
*.भाद्रपद (अगस्त-सितम्बर)- इस महीने में
चीता औषधि का सेवन करना चाहिए।
*.आश्विन (सितम्बर-अक्तूबर)- इस महीने में गुड़
का सेवन करना लाभदायक होता है लेकिन इस
महीने में करेलेका सेवन हानिकारक होता है।
*.कार्तिक (अक्तूबर-नवम्बर)- इस महीने में
मटठापीना हानिकारक होता है।
मूलीका सेवन इस महीने में लाभदायक
होता है।
*.अगहन:( नवम्बर-दिसम्बर)- इस महीने में
व्यायाम करना लाभदायक होता है। इस महीने में
अधिक ठंडी तथा गर्म चीजों का सेवन
नहीं करना चाहिए।
*.पौष (दिसम्बर-जनवरी)- इस महीने
में दूध पीना लाभदायक होता है लेकिन इस
महीने में धनियेका सेवन
नहीं करना चाहिए।
*.माघ (जनवरी-फरवरी)- इस
महीने में घीकासेवन लाभदयक
होता है। मिश्रीका सेवन इस महीने में
नहीं करना चाहिए।
*.फाल्गुन (फरवरी-मार्च)- इस महीने
में सुबह के समय में स्नान करना लाभदायक होता है।
चनेका सेवन इस महीने में हानिकारक होता है।
जानकारी-
सभी व्यक्तियों को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए
प्रत्येक महीने में प्रतिदिन सुबह के समय में
व्यायाम करना चाहिए तथा दिन में कुछ समय सोना चाहिए। रात के
समय में दहीका सेवन
नहीं करना चाहिए।
Rules of 12 months relating to meal
परिचय-
भोजन संबन्धी 12 महीने के
नियमों को अपनाने से
व्यक्ति कभी भी बीमार
नहीं पड़ता है क्योंकि 12महीने में
कभी ठंड का मौसम होता है
तो कभी गर्मी का तो कभी
बरसात का मौसम। जब कोई व्यक्ति ठंड के मौसम में अधिक
ठंडी चीजों का सेवन करता है तो उसे कई
सारे रोग जैसे- सर्दी तथा जुकामआदि हो जाते हैं।
यदि व्यक्ति गर्मी के मौसम में अधिक गर्म
चीजों का उपयोग करता है तो उसे दस्त,
उल्टीआदि रोग हो जाते हैं। इसलिए
कहा जा सकता है कि मनुष्य 12 महीने में भोजन
संबन्धी परहेज करके कई प्रकार के रोगों से बच
सकता है।
भोजन संबन्धी बाहर महीने के
नियम :-
*.चैत्र (मार्च-अप्रैल)-चैत्र के महीने में
गुड़का सेवन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप कई प्रकार के रोग
ठीक हो जाते हैं।
नीमकी 4-5 कोमल पत्तियों को सुबह के
समय में चेत्र के महीने में चबाने से बहुत अधिक
लाभ मिलता है और कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते
हैं।
*.वैशाख (अप्रैल-मई)- इस महीने में तेल
का बहुत कम उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके प्रयोग से
शरीर में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। इस
महीने में बेलका सेवन बहुत लाभदायक होता है।
*.ज्येष्ठ (मई-जून)- इस महीने में बहुत अधिक
गर्मी होती है इसलिए दोपहर के
समय में कुछ घंटे सोना चाहिए। इस महीने में
बासी भोजन का सेवन न करें क्योंकि ऐसा करने से
शरीर में बहुत से रोग हो सकते हैं।
*.आषाढ़ (जून-जुलाई)- इस महीने में
सभी व्यक्तियों को व्यायामतथा खेल-कुछ करना चाहिए
जिससे बहुत अधिक लाभ मिलता है। इस महीने में
बेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
*.श्रावण (जुलाई-अगस्त)-इस महीने में
हरी साग-सब्जियों तथा दूधका सेवन
नहीं करना चाहिए। हरड़का सेवन इस
महीने में लाभदायक होता है।
*.भाद्रपद (अगस्त-सितम्बर)- इस महीने में
चीता औषधि का सेवन करना चाहिए।
*.आश्विन (सितम्बर-अक्तूबर)- इस महीने में गुड़
का सेवन करना लाभदायक होता है लेकिन इस
महीने में करेलेका सेवन हानिकारक होता है।
*.कार्तिक (अक्तूबर-नवम्बर)- इस महीने में
मटठापीना हानिकारक होता है।
मूलीका सेवन इस महीने में लाभदायक
होता है।
*.अगहन:( नवम्बर-दिसम्बर)- इस महीने में
व्यायाम करना लाभदायक होता है। इस महीने में
अधिक ठंडी तथा गर्म चीजों का सेवन
नहीं करना चाहिए।
*.पौष (दिसम्बर-जनवरी)- इस महीने
में दूध पीना लाभदायक होता है लेकिन इस
महीने में धनियेका सेवन
नहीं करना चाहिए।
*.माघ (जनवरी-फरवरी)- इस
महीने में घीकासेवन लाभदयक
होता है। मिश्रीका सेवन इस महीने में
नहीं करना चाहिए।
*.फाल्गुन (फरवरी-मार्च)- इस महीने
में सुबह के समय में स्नान करना लाभदायक होता है।
चनेका सेवन इस महीने में हानिकारक होता है।
जानकारी-
सभी व्यक्तियों को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए
प्रत्येक महीने में प्रतिदिन सुबह के समय में
व्यायाम करना चाहिए तथा दिन में कुछ समय सोना चाहिए। रात के
समय में दहीका सेवन
नहीं करना चाहिए।
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