उपाए करने के लिए खास नियम
1 उपाए सुरोदय से सूर्यास्त के बीच मे करना चाहिएl
रात को सोते समय उपाए न करेl चद्र ग्रहण का उपाए रात
को किया जा सकता है l
2 एक दिन मे केवल एक ही उपाए करे l कोई
भी दो उपाए एक दिन मे शुरू न करेl एक दिन मे
दो उपाए करने से शुभ फल
नहीं मिलता या किया हुआ उपाए निष्फल
हो सकता है l
3 जो उपाए जिस समय के लिए हो उसे समय तक करे l आगे
वह उपाए बंद के दें l
4 कई उपाए ४३ दिन तक करने होते है l उसमे
नागा नहीं हो यदि कोई उपाए बीच मे टूट
जाए तो उस उपाए को सिरे से दुआर शुरू कर दे l
5 वर्षफल कुंडली के उपाए जन्म दिन के 43 दिन
के भीतर शुरू कर दें l
6 घर मे कोई सूतक या पातक तो 40 दिन
उपाएनहीं करने चाहिए l
7 यदि किसी कारणवश 43 दिन वाला उपाए
बीच मे बंद करना पद जाए l तो जिस दिन उपाए बंद
करना हो उससे एक दिन पहले थोरे से चावल कच्चे दूध मे
धोकर सफ़ेद कपडे मे बांधकर पास रख ले l और जब दुआर शुरू
करना हो तो वह चावल चलते पानी मे बहा कर
या किसी जब बाग़-बगीचे मे गिरा कर फिर
से शुरू कर देl ऐसा करने से उपाए
अधूरा नहीं माना जाएगा पूरा फल देगा l
8 उपाए शुरू करने के लिए किसी खास दिन, वार,
संक्राति, अमावस्या या पूर्णिमा आदि को विचार न होगा l
9 आप का उपाए आपकी जगह आपके खून का कोई
रिश्ते दार भाई- बहन, पुत्र-
पुत्री बी माता-
पिता आदि भी कर सकते है
10 उपाए के साथ साथ जो परहेज आदि बताये गए है उन्हें
भी पूरा महत्व दें l जैसे-बुर्जगो के
रीति-रिवाजो को न तोड़े और संस्कार पुरे करे l
मीट- शराब का सेवन न करे l चाल- चलन
ठीक रखे l आप शनि का उपाए कर रहे है और साथ
साथ मीट - शराब का सेवन भी कर रहे
है तो उस उपाए का फल नहीं मिलेगा या कम मिलेगा l
1 उपाए सुरोदय से सूर्यास्त के बीच मे करना चाहिएl
रात को सोते समय उपाए न करेl चद्र ग्रहण का उपाए रात
को किया जा सकता है l
2 एक दिन मे केवल एक ही उपाए करे l कोई
भी दो उपाए एक दिन मे शुरू न करेl एक दिन मे
दो उपाए करने से शुभ फल
नहीं मिलता या किया हुआ उपाए निष्फल
हो सकता है l
3 जो उपाए जिस समय के लिए हो उसे समय तक करे l आगे
वह उपाए बंद के दें l
4 कई उपाए ४३ दिन तक करने होते है l उसमे
नागा नहीं हो यदि कोई उपाए बीच मे टूट
जाए तो उस उपाए को सिरे से दुआर शुरू कर दे l
5 वर्षफल कुंडली के उपाए जन्म दिन के 43 दिन
के भीतर शुरू कर दें l
6 घर मे कोई सूतक या पातक तो 40 दिन
उपाएनहीं करने चाहिए l
7 यदि किसी कारणवश 43 दिन वाला उपाए
बीच मे बंद करना पद जाए l तो जिस दिन उपाए बंद
करना हो उससे एक दिन पहले थोरे से चावल कच्चे दूध मे
धोकर सफ़ेद कपडे मे बांधकर पास रख ले l और जब दुआर शुरू
करना हो तो वह चावल चलते पानी मे बहा कर
या किसी जब बाग़-बगीचे मे गिरा कर फिर
से शुरू कर देl ऐसा करने से उपाए
अधूरा नहीं माना जाएगा पूरा फल देगा l
8 उपाए शुरू करने के लिए किसी खास दिन, वार,
संक्राति, अमावस्या या पूर्णिमा आदि को विचार न होगा l
9 आप का उपाए आपकी जगह आपके खून का कोई
रिश्ते दार भाई- बहन, पुत्र-
पुत्री बी माता-
पिता आदि भी कर सकते है
10 उपाए के साथ साथ जो परहेज आदि बताये गए है उन्हें
भी पूरा महत्व दें l जैसे-बुर्जगो के
रीति-रिवाजो को न तोड़े और संस्कार पुरे करे l
मीट- शराब का सेवन न करे l चाल- चलन
ठीक रखे l आप शनि का उपाए कर रहे है और साथ
साथ मीट - शराब का सेवन भी कर रहे
है तो उस उपाए का फल नहीं मिलेगा या कम मिलेगा l
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