मंगल ग्रह को जानें.....
मंगल एक क्रूर ग्रह है । वैवाहिक समस्यायें मंगल
की देन है यदि कुंडली में मंगल
विपरीत स्थिति में हो तो अनेक प्रकार
की मानसिक पीङायें ,यहाँ तक
की शारीरिक कष्ट भी दे
सकता है । यह शनि से बिगङता है , शनि के साथ
किसी भी प्रकार का योग हो तो यह
भयंकर अपघात जैसी परिस्थितियाँ जीवन
में ला देता है । जैसाकि हमने पहले
भी कहा था कि शनि कुंडली के लिए
कष्टदायी इसलिए होता है क्योकि उसे आपके
जीवन में रहने का अधिक अवसर मिलता है
जबकि मंगल को कम । निम्न राशियों में मंगल सामान्य अवस्था में
हो तो विशेष फल देता है , मिथुन का मंगल प्रबल
वाणी देता है , स्वाभिमानी बनाता है ।
तुला का मंगल अन्तःकरण को स्फूर्ति देता है । कुंभ राशि में तत्व
वेत्ता करता है ।मंगल ग्रह स्वभाव से
अहंकारी है । ये बौद्धिक राशि में हो तो समझने
लगता है कि गुरू की अपेक्षा मैं अधिक जानता हूं ।
लग्न , तृतीय , षष्ठ में साहस ,
वीरता , लङाउपन देता है । सेना और पुलिस
वालों की कुंडली में इसका प्रभाव विशेष
रूप से दिखायी देता है ।
पंचम या लाभ में मंगल क्रूर नक्षत्र में हो तो गर्भपात
करा देता है ।दूसरे या बारहवे स्थान में मंगल हो तो धन
का संग्रह न हो , यदि धनवान
की कुंडली में हो तो उसे रूपये
की कद्र न रहें । शराब , मांस से
दूरी और हनुमत् उपासना हमेशा मंगल
की शुभ स्थिति के लिए करते रहना चाहिए
मंगल एक क्रूर ग्रह है । वैवाहिक समस्यायें मंगल
की देन है यदि कुंडली में मंगल
विपरीत स्थिति में हो तो अनेक प्रकार
की मानसिक पीङायें ,यहाँ तक
की शारीरिक कष्ट भी दे
सकता है । यह शनि से बिगङता है , शनि के साथ
किसी भी प्रकार का योग हो तो यह
भयंकर अपघात जैसी परिस्थितियाँ जीवन
में ला देता है । जैसाकि हमने पहले
भी कहा था कि शनि कुंडली के लिए
कष्टदायी इसलिए होता है क्योकि उसे आपके
जीवन में रहने का अधिक अवसर मिलता है
जबकि मंगल को कम । निम्न राशियों में मंगल सामान्य अवस्था में
हो तो विशेष फल देता है , मिथुन का मंगल प्रबल
वाणी देता है , स्वाभिमानी बनाता है ।
तुला का मंगल अन्तःकरण को स्फूर्ति देता है । कुंभ राशि में तत्व
वेत्ता करता है ।मंगल ग्रह स्वभाव से
अहंकारी है । ये बौद्धिक राशि में हो तो समझने
लगता है कि गुरू की अपेक्षा मैं अधिक जानता हूं ।
लग्न , तृतीय , षष्ठ में साहस ,
वीरता , लङाउपन देता है । सेना और पुलिस
वालों की कुंडली में इसका प्रभाव विशेष
रूप से दिखायी देता है ।
पंचम या लाभ में मंगल क्रूर नक्षत्र में हो तो गर्भपात
करा देता है ।दूसरे या बारहवे स्थान में मंगल हो तो धन
का संग्रह न हो , यदि धनवान
की कुंडली में हो तो उसे रूपये
की कद्र न रहें । शराब , मांस से
दूरी और हनुमत् उपासना हमेशा मंगल
की शुभ स्थिति के लिए करते रहना चाहिए
No comments:
Post a Comment