Saturday, May 17, 2014

9 ग्रहों के मंत्र और उनका दान

9 ग्रहों के मंत्र और उनका दान
सूर्य
सूर्य तांत्रिक मंत्र- ॐ ह्रां ह्रीं हौं स:
सूर्याय नम:।
एकाक्षरी बीज मंत्र- ॐ घृणि:
सूर्याय नम:
जप संख्या- 7000।
दान- माणिक्य, गेहूं, धेनु, कमल, गुड़, ताम्र, लाल कपड़े, लाल
पुष्प, सुवर्ण।
चंद्र
चंद्र तांत्रिक मंत्र- 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं स:
चन्द्रमसे नम:'।
चंद्र एकाक्षरी मंत्र- ॐ सों सोमाय नम:।
जप संख्या- 11,000।
दान- वंशपात्र, तंदुल, कपूर, घी, शंख।
भौम
भौम मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय
नम:'।
भौम एकाक्षरी मंत्र- ॐ ॐ
अंगारकाय नम:।
दान- प्रवाह, गेहूं, मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, सुवर्ण ताम्र।
वृषभ जप संख्या- 1000
बुध
बुध मंत्र- 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय
नम:'।
बुध का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ बु बुधाय
नम:'।
जप संख्या- 9,000।
दान- मूंग, हरा वस्त्र, सुवर्ण, कांस्य।
गुरु
गुरु मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:'।
गुरु का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ ब्रं
बृहस्पतये नम:'।
जप संख्या- 19,000।
दान- अश्व, शर्करा, हल्दी,
पीला वस्त्र, पीतधान्य, पुष्पराग, लवण।
शुक्र
शुक्र मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय
नम:'।
शुक्र का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ शुं शुक्राय
नम:'।
जप संख्या- 16,000।
दान- धेनु, हीरा, रौप्य, सुवर्ण, सुगंध,
घी।
शनि
शनि मंत्र- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये
नम:'।
शनि का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय
नम:'
जप संख्या- 23000।
दान- तिल, तेल, कुलित्थ, महिषी, श्याम वस्त्र।
शनि
शनि मंत्र- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये
नम:'।
शनि का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय
नम:'
जप संख्या- 23000।
दान- गोमेद, अश्व, कृष्णवस्त्र, कम्बल, तिल, तेल, लोहा,
अभ्रक।
केतु
केतु का तांत्रिक मंत्र- 'ॐ स्रां स्रीं स्रों स:
केतवे नम:'।
केतु का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ के केतवे
नम:'।
जप संख्या- 17,000।
दान- तिल, कंबल, कस्तूरी, शस्त्र, नीम
वस्त्र, तेल, कृष्णपुष्प, छाग, लौहपात्र।

No comments:

Post a Comment