Tuesday, May 13, 2014

आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती है करियर का निर्माण।

आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती है
करियर का निर्माण। सही विषय के चयन में
थोड़ी-सी भी चूक
आपकी मंजिल को आपसे कोसों दूर ले
जाती है। इसलिए करियर के
शुरूआती दिनों में
ही कुंडली पर जरूर गौर करना चाहिए।
कुंडली के द्वितीय व चतुर्थ भाव से
शिक्षा का व पंचम भाव से बु़िद्ध व स्मरण शक्ति का विचार
किया जाता है। दशम भाव से विद्या, यश का विचार किया जाता है।
कम्पीटीशन टैस्ट में
उत्तीर्ण होने अथवा न होने का विचार दशम स्थान
से होता है। करियर निर्धारण में कुंडली के
द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम व दशम भाव
विचारणीय हैं।
यदि पंचम स्थान का स्वामी बुध हो और वह
किसी शुभ ग्रह के साथ हो, यदि शुभ ग्रह दृष्ट
हो, यदि बुध उच्च राशि में हो, यदि बुध पंचमस्थ हो, पंचमेश
जिस नवांश में हो, उसका स्वामी केद्र्रगत हो और
शुभ ग्रह से दृष्ट हो इन योगों में से
किसी भी योग के रहने से जातक
समझदार, बुद्धिमान (इंटैलीजैंट) होता है। चतुर्थ
भाव से सामान्य शिक्षा, नवम भाव से उच्च
शिक्षा या तकनीकी क्षेत्र से संबंधित
शिक्षा एवं एकादश (लाभ) भाव से शिक्षा प्राप्ति तथा शिक्षा में
सफलता जानी जाती है।
दशम भाव से करियर का विचार किया जाता है
यानी जातक को किस कर्म अथवा किस व्यापार
द्वारा सफलता प्राप्त होगी इन सबका विचार दशम
भाव से ही होता है। लग्न से जातक
का शरीर, चंद्रमा से मन और सूर्य से
आत्मा का विचार होता है। लग्न स्थान से दशम स्थान मनुष्य के
शारीरिक परिश्रम द्वारा कार्य सम्पन्नता, चंद्रमा से
दशम स्थान द्वारा जातक की मानसिक वृत्ति के
अनुसार कार्य सम्पन्नता का एवं सूर्य से
आत्मा की प्रबलता का ज्ञान होता है। लग्न और
चंद्रमा में जो बली हो, उससे दशम भाव द्वारा कर्म
और जातक के करियर का विचार किया जाता है। यदि चंद्रमा और
लग्न इन दोनों में से दशम स्थान पर कोई ग्रह न हो तो सूर्य
से, दशम स्थान में स्थित चंद्रमा से और सूर्य से दशम स्थान में
कोई ग्रह न हो तो ऐसी स्थिति में दशम स्थान के
स्वामी के नवांशपति से करियर का विचार किया जाता है।
तीनों स्थानों से आजीविका का विचार
किया जाता है। उन तीनों स्थानो में से
जो बली हो उसके दशम स्थान में स्थित ग्रह से
अथवा उसके दशमेश के नवांशपति के अनुसार जातक
की मुख्य
आजीविका होती है।
स्वामी ग्रहों के अनुसार करियर

सूर्य ग्रह वाला जातक वित्त, जवाहरात, बीज
विक्रेता, चमड़े की वस्तुओं का निर्माता और
एंटीबायोटिक मैडीसिन के निर्माता, स्कूल व
कॉलेज प्रबन्धक, मैनेजमैंंट कंसलटैंट, फार्मासिस्ट, सामाजिक
कार्यकर्ता जैसे क्षेत्रों में सफलता पाता है।

चंद्रमा चंद्र ग्रह वाले जातक रिसैप्शनिस्ट, लेखक, लाइब्रेरियन,
गार्मैंट डिजाइनर, ड्रैस डिजाइनर, ट्यूटर, सलाहकार,
सूचना अधिकारी, ट्रैवल एजैंट, करियर कौंसलर,
आयात-निर्यातकर्ता, प्रकाशक, काव्य सृजक, पत्रकार
इत्यादि क्षेत्रों में सफलता पाते हैं।

मंगल ग्रह वाला जातक सैन्य अधिकारी,
प्रॉपर्टी डीलर, जासूस, सर्जन, मैडिकल
शॉप, पुलिस अधिकारी, प्रोफैशनल खिलाड़ी,
हैल्थ वर्कर, सिक्योरिटी सर्विस आदि कार्य करते
हैं। ये अपने करियर में निर्भीक होते हैं।

बुध ग्रह वाले सी.ए., लेख विश्लेषक, क्लर्क,
प्रकाशक, हॉबी क्लास टीचर,
इन्वैस्टमैंंट प्रबंधक, रीटेल शॉप, जनरल स्टोर,
स्किन केयर, एकाऊंट्स, एग्जीक्यूटिव, बुक बाइन्डर,
बैंककर्मी, इवैंट आयोजक इत्यादि होते हैं।

बृहस्पति ग्रह वाले साहित्य संस्थाओं के अधिकारी,
वैेबपेज डिजाइनर, संगठन प्रबंधक, आर्किटैक्ट,
व्यवसायी, संपादक, राजनीतिज्ञ,
कम्प्यूटर प्रोग्रामर, वकील, कॉलेज प्रोफैासर,
न्यायाधीश, होटल प्रबंधक, प्रशासक आदि होते
हैं।
शुक्र ग्रह वाले मीडिया प्लानर, सर्जन,
इंटीरियर डैकोरेटर, फोटोग्राफर, ज्योतिषी,
मैरिज ब्यूरो संचालक, टी.वी. एंकर,
ब्यूटीशियन, लेडीज टेलर, पर्यटन
प्रबंधक आदि कार्य करते हैं।

शनि ग्रह वाले उत्पादन प्रबंधक, हार्डवेयर
इंजीनियर, टैक्नीशियन, वैज्ञानिक,
शोधकर्ता, विदेशी भाषा अनुवादक, कंप्यूटर प्रोग्रामर,
प्राइवेट डिटैक्टिव, लैब टैक्नीशियन,
स्टील फैक्ट्री मालिक आदि कार्य करते
हैं।
राहु ग्रह वाले वैंचर कैपिटलिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, शेयर ब्रोकर,
राजनीतिज्ञ, होटलकर्मी, ऑटो पाट्र
विक्रेता, शराब ठेकेदार, फिल्म निर्माता, नशीले
पदार्थों का उत्पादक आदि कार्य करते हैं।

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