कूबेर साधना - १
मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट लक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय नम:
मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट लक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय नम:
साधना विधि: ये साधना किसीभी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को रात्रि में शुरू करे. साधक को इस साधना में सफ़ेद वस्त्र, सफ़ेद आसान का उपयोग करे और उत्तर कि तरफ मुँह कर बैठना चाहिये। साधक को अपने सामने बजोठ पर सफ़ेद वस्त्र बिछाना चाहिये और प्राण प्रतिष्ठि कूबेर यन्त्र स्थापित करे इस यन्त्र का विविध उपचारो से पूजन करे फूल, इत्र, धुप और दीप लगाये। भोग में किसमिस धरावे ये भोग दूसरे दिन सुबह बालको में वितरित करदे। फिर उपरोक्त मंत्र कि २१ माला (सफ़ेद हकीक माला) से जप ११ दिनों तक जप करे और यन्त्र का पूजन भी रोज करे। इस तरह से यन्त्र सिध्ध होगा।
प्रायोगिक ज्ञान : इस सिध्ध यन्त्र को व्यापर स्थल या फिर अपने पूजा में स्थापित करे रोज इस यंत्र को धुप दे। और दीवाली के अवसर पर इस यन्त्र पूजन अवश्य करे।
कुबेर साधना - २
मंत्र : ॐ नमो कुबेराय वैश्रवणाय अक्षय समृद्धिं देहि देहि कनकधारायै नाम:
मंत्र : ॐ नमो कुबेराय वैश्रवणाय अक्षय समृद्धिं देहि देहि कनकधारायै नाम:
साधना विधि: ये साधना किसीभी रविवार रात्रि से शुरू करे। इस साधना में भी आसन और वस्त्र सफ़ेद रखे। सामने बजोठ पर सफ़ेद वस्त्र बिछाये उस पर बीचमे कनकधारा यन्त्र रखे और इस यंत्रके आसपास श्रीयंत्र और कुबेर यन्त्र स्थापित करे ये तीनो यन्त्र प्राणप्रष्ठितः होने चाहिए बाद में इन तीनो यन्त्र का विविध उपचारोसे पूजन करे और धुप दीप लगाये और २१ माला मंत्र जप सफ़ेद हकीक मालासे २१ दिनों तक जप करे।
प्रायोगिक ज्ञान: इन तीनो यन्त्र को अपने पूजा में स्थापित करे और नित्य धुप दीप करे दीवाली आदि विशेष अवसर पर पूजन और मंत्र का जप करे।
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