Sunday, May 11, 2014

गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र आत्माओं की उन्नति के
लिए उपयोगी
गायत्री मंत्र का निरन्तर जप रोगियों को अच्छा करने
और आत्माओं की उन्नति के लिए
उपयोगी है। गायत्री का स्थिर चित्त और
शान्त हृदय से किया हुआ जप आपत्तिकाल के संकटों को दूर
करने का प्रभाव रखता है।
गायत्री मंत्र ॐ
भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य
धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
ब्रम्हा गायत्री -”ॐ वेदात्मने च विधमहे
हिरंगार्भाय तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात “|
विष्णु गायत्री-”ॐ नारायण विधमहे
वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात”|
शिव गायत्री-ॐ महादेवाय विधमहे,
रुद्रमुर्तय धीमहि तन्नो शिव: प्रचोदयात “|
कृष्ण गायत्री-ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे,
वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात “|
राधा गायत्री – ॐ वृष भानु: जायै विधमहे,
क्रिश्न्प्रियाय धीमहि तन्नो राधा :प्रचोदयात “|
लक्ष्मी गायत्री-
ॐमहालाक्ष्मये विधमहे, विष्णु प्रियाय
धीमहि तन्नो लक्ष्मी:प्रचोदयात|
तुलसी गायत्री-ॐ
श्री तुल्स्ये विधमहे, विश्नुप्रियाय
धीमहि तन्नो वृंदा:प्रचोदयात “|
इन्द्र गायत्री-ॐ सहस्त्र नेत्राए
विधमहे वज्रहस्ताय धीमहि तन्नो इन्द्र:प्रचोदया
त “|
सरस्वती गायत्री-ॐ वाग देव्यै
विधमहे काम
राज्या धीमहि तन्नो सरस्वती :प्रचोदयात
“|
दुर्गा गायत्री-ॐ गिरिजाये विधमहे,
शिवप्रियाय धीमहि तन्नो दुर्गा :प्रचोदयात “|
हनुमान गायत्री-ॐ अन्जनिसुताय विधमहे
वायु पुत्राय धीमहि,
तन्नो मारुती :प्रचोदयात “|
पृथ्वी गायत्री-ॐ
पृथ्वी देव्यै विधमहे सहस्र मूरतयै
धीमहि तन्नो पृथ्वी :प्रचोदयात “|
राम गायत्री-ॐ दशारथाय विधमहे
सीता वल्लभाय
धीमहि तन्नो राम :प्रचोदयात “|
सीता गायत्री-ॐ जनक नंदिन्ये
विधमहे भुमिजाय
धीमहि तन्नो सीता :प्रचोदयात “|
यम् गायत्री-ॐ सुर्यपुत्राय विधमहे,
महाकालाय धीमहि तन्नो यम् :प्रचोदयात “|
वरुण गायत्री-ॐ जल बिम्बाय विधमहे
नील पुरु शाय
धीमहि तन्नो वरुण :प्रचोदयात “|
नारायण गायत्री- ॐनारायण विधमहे,
वासुदेवाय धीमहि तन्नो नारायण :प्रचोदयात “|
हयग्रीव गायत्री-ॐ
वाणीश्वराय विधमहे, हयग्रीवाय
धीमहि तन्नो हयग्रीव :प्रचोदयात “|
हंसा गायत्री-ॐ परम्ह्न्साय विधमहे,
महा हंसाय धीमहि तन्नो हंस: प्रचोदयात “|

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