Monday, May 12, 2014

ग्रह संबंधी आहार और सुगंध

ग्रह संबंधी आहार और सुगंध-
-सूर्य की अनुकूलता के लिए आप अपने आहार में
केसर, गेहूं, आम, चिकने पदार्थ तथा शहद का उपयोग कर लें।
केसर तथा गुलाब के इत्र के उपयोग से भी सूर्य
की अनुकूलता प्राप्त होती है।
-चंद्रमा की अनुकूलता के लिए गन्ना, सफेद गुड़,
शक्कर, दूध या दूध से बने पदार्थ या सफेद रंग
की मिठाई का सेवन करें।
चमेली तथा रातरानी का परफ्यूम या इत्र चंद्र
संबंधी पीड़ा को शांत करता है।
-मंगल की पीड़ा को कम करने के लिए आप
अपने आहार में मूंग, मसूर की दाल, प्याज, गुड़, अचार,
जौ या सरसों का उपयोग करें। लाल चंदन के इत्र या तेल के प्रयोग
से भी मंगल प्रसन्न होते हैं।
-बुध को इलायची सर्वाधिक प्रिय है। मटर, ज्वार, मोठ,
कुलथी, हरी दालें, मूंग,
हरी सब्जियां बुध के दोष को कम करती हैं।
चंपा के इत्र या तेल के प्रयोग से बुध प्रसन्न होते हैं।
-बृहस्पति की कृपा के लिए चने की दाल,
बेसन, मक्का, केला, हल्दी, सेंधा नमक,
पीली दालों का प्रयोग कर लें। पीले
फूल, केसर या केवड़े का दूध प्रयोग करने से
बृहस्पति की कृपा प्राप्त होगी।
-शुक्र की कृपा प्राप्ति के लिए त्रिफला,
दालचीनी, कमल गट्टे, मिश्री,
मूली या सफेद शलजम का उपयोग आहार में करते रहें।
सफेद फूल, चंदन या कपूर की सुगंध शुभ
फलदायी है। चंदन के तेल में कपूर डालकर उपयोग
करना भी श्रेष्ठ रहता है।
-शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए तिल, उड़द
की दाल, काली मिर्ची,
अलसी एवं मूंगफली का तेल, अचार, लौंग,
तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग आहार में करें।
कस्तूरी, लोबान तथा सौंफ की सुगंध
शनि को अति पसंद है।
-राहु एवं केतु की पीड़ा से बचने के लिए
उड़द, तिल तथा सरसों का प्रयोग लाभदायक होता है।
काली गाय का घी,
कस्तूरी की सुगंध इन्हें प्रिय है।

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