Sunday, May 11, 2014

एकादशी के दिन क्यों नहीं ,चावल खाने चाहिए

एकादशी के दिन क्यों नहीं ,चावल खाने
चाहिए .......
हिन्दु धर्म मे ऐसा माना जाता है
की एकादशी के दिन चावल
नहीं खाना चाहिए। चावल नहीं खाने
का तथ्य कहां से अस्तित्व मे आया, लोगो मे इसके
पीछे कई भ्रांतियां हैं। यह बात मन में सोचकर देखे
तो एक प्रशन पैदा होता है की चावल व दूसरे
अन्नों मे क्या अन्तर है?
यह बात सत्य है कि, चावल
की खेती मे सबसे अधिक जल
की जरुरत होती है। ऐसा माना जाता है
की एकादशी का व्रत, इंद्रियों और मन के
निग्रह के लिए करा जाता है। इसलिए यह
जरुरी है की हम उस वस्तु का कम से
कम या बिल्कुल ही उपयोग नहीं ले
जिसमे जल कि मात्रा अधिक होती है।
जल का रिश्ता चंचलता से क्यो है
यह एक कारण यह है कि चंद्र का संबंध जल से माना जाता है
और वह इस वजह से जल को अपनी तरफ
आकर्षित करता है। एकादशी व्रत वाले दिन
यदि चावल का भोजन किया जाता है तो चंद्र किरणें उसके
शरीर के संपूर्ण जलीय अंश को तरंगित
करतीं है और इसके फलस्वरूप मन मे संशय व
विक्षेप का जागरण होता है।
यह कारण से व्रत करने वाला अपने व्रत पर अडिग
नहीं रह पाता है इसलिये इंद्रियों को नियत्रिंत व
मानसिक दृढ़ता को नियमित बनाए रखने के लिए
एकादशी व्रत के दिन चावल
नहीं खाया जाता है।

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