Saturday, April 26, 2014

कन्या का विवाह शीघ्र होगा

जिन कुमारी कन्याओ का विवाह
नही हो रहा है या विवाह में परेशानियाँ आ
रही है वे कन्यायें इस मंत्र का नित्य प्रति दिन 11
माला जप करे तो उनका विवाह शीघ्र होगा मंत्र
का उच्चारण शुद्ध करे
ॐ कात्यायनी महामाया,
महायोगीन्यधीश्वरी
नंद गोप सुतं देहि पति में कुरु ते नम: ॐ ।।
या इस मंत्र के सम्पुट से १० पाठ दुर्गा शप्तशती के
किसी योग्य पंडित जी से करवाये तो आप
की
कन्या का विवाह शीघ्र होगा…………………
2 मनोवांछित श्रेष्ठ वर-प्राप्ति प्रयोग
१॰ भगवती सीता ने
गौरी की उपासना निम्न मन्त्र
द्वारा की थी, जिसके
फलस्वरुप उनका विवाह भगवान् श्रीराम से हुआ।
अतः कुमारी कन्याओं को
मनोवाञ्छित वर पाने के लिये इसका पाठ करना चाहिए।
“ॐ श्रीदुर्गायै सर्व-विघ्न-विनाशिन्यै
नमः स्वाहा।
सर्व-मङ्गल-मङ्गल्ये,
सर्व-काम-प्रदे देवि, देहि मे वाञ्छितं नित्यं, नमस्ते शंकर-
प्रिये।।
दुर्गे शिवेऽभये माये, नारायणि सनातनि, जपे मे मङ्गले देहि,
नमस्ते
सर्व-मङ्गले।।”
विधि- प्रतिदिन माँ गौरी का स्मरण-पूजन कर ११ पाठ
करे।
२॰ कन्याओं के विवाहार्थ अनुभूत प्रयोग
इसका प्रयोग द्वापर में गोपियों ने श्रीकृष्ण को पति-रुप
में प्राप्त
करने
के लिए किया था। ‘नन्द-गोप-सुतं देवि’ पद को आवश्यकतानुसार
परिवर्तित
किया
जा सकता है, जैसे- ‘अमुक-सुतं अमुकं देवि’।
“कात्यायनि महा-माये महा-योगिन्यधीश्वरि।
नन्द-गोप-सुतं देवि, पतिं मे कुरु ते नमः।”
विधि- भगवती कात्यायनी का पञ्चोपचार
(१ गन्ध-अक्षत २ पुष्प ३ धूप ४ दीप ५
नैवेद्य) से पूजन करके उपर्युक्त मन्त्र का १०,००० (दस
हजार) जप तथा
दशांश
हवन, तर्पण तथा कन्या भोजन कराने से कुमारियाँ इच्छित वर
प्राप्त कर
सकती
है।
३॰. लड़की के शीघ्र विवाह के लिए ७०
ग्राम चने की दाल, ७० से॰मी॰
पीला
वस्त्र, ७ पीले रंग में रंगा सिक्का, ७
सुपारी पीला रंग में रंगी, ७
गुड़
की डली, ७ पीले फूल, ७
हल्दी गांठ, ७ पीला जनेऊ- इन
सबको पीले वस्त्र
में
बांधकर विवाहेच्छु जातिका घर के किसी सुरक्षित
स्थान में गुरुवार प्रातः
स्नान करके इष्टदेव का ध्यान करके तथा मनोकामना कहकर
पोटली को ऐसे स्थान
पर
रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े। यह
पोटली ९० दिन तक रखें।
४॰ श्रेष्ठ वर की प्राप्ति के लिए बालकाण्ड का पाठ
करे।
५॰ किसी स्त्री जातिका को अगर
किसी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहा हो,
तो
श्रावण कृष्ण सोमवार से या नवरात्री में
गौरी-पूजन करके निम्न मन्त्र का
२१००० जप करना चाहिए-
“हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।”
६॰ “ॐ गौरी आवे शिव
जी व्याहवे (अपना नाम) को विवाह तुरन्त सिद्ध
करे,
देर न
करै, देर होय तो शिव जी का त्रिशूल पड़े। गुरु
गोरखनाथ की दुहाई।।”
उक्त मन्त्र की ११ दिन तक लगातार १ माला रोज जप
करें। दीपक और धूप जलाकर
११वें दिन एक मिट्टी के कुल्हड़ का मुंह लाल
कपड़े में बांध दें। उस
कुल्हड़ पर बाहर की तरफ ७
रोली की बिंदी बनाकर अपने
आगे रखें और ऊपर
दिये
गये मन्त्र की ५ माला जप करें। चुपचाप कुल्हड़
को रात के समय किसी
चौराहे
पर रख आवें। पीछे मुड़कर न देखें।
सारी रुकावट दूर होकर शीघ्र विवाह हो
जाता है।
७॰ जिस लड़की के विवाह में बाधा हो उसे मकान के
वायव्य दिशा में सोना
चाहिए।
८॰ लड़की के पिता जब जब लड़के वाले के
यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायें
तो
लड़की अपनी चोटी खुली रखे।
जब तक पिता लौटकर घर न आ जाए तब तक
चोटी नहीं
बाँधनी चाहिए।

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