Friday, April 25, 2014

प्रतिकूल ग्रहों को करें अनुकूल

प्रतिकूल ग्रहों को करें अनुकूल
ग्रहों की शांति के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए
गए हैं, जिनको करने से न कोई खर्चा आता है और न
ही कोई दुष्प्रभाव पड़ता है।
सूर्य
सूर्य कमजोर होने व उसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए
व्यक्ति को पिता एवं बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए। सूर्योदय
पूर्व उठकर सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
किसी भी महत्वपूर्ण काम पर जाते
समय घर से मीठी वस्तु खाकर
निकलना चाहिए।
चंद्र
व्यक्ति को अपनी मां और बुजुर्ग महिलाओं
का सम्मान करना चाहिए। देर रात तक
नहीं जागना चाहिए। घर में दूषित जल का संग्रह
नहीं करना चाहिए। सफेद सुगन्घित फूलों वाले
पौधों को घर में लगाकर उनकी देखभाल
करनी चाहिए।
मंगल
प्रतिदिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ
करना चाहिए। अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या पेड़ लगाकर
उनकी देखभाल करनी चाहिए।
बुध
भाई-बहिनों का सम्मान करें। अनाथ व निर्घन
विद्यार्थियो की मदद करें। घर में
तुलसी का पौधा लगाकर उसकी देखभाल
करें। रविवार को छोड़कर नियमित रूप से तुलसी में जल
दें। बुधवार को तुलसी के पत्ते का सेवन जरूर करें।
गुरू
माता-पिता, गुरूजनों, ब्राह्मणों एवं संतों का सम्मान करे। मंदिर
या किसी भी धार्मिक स्थल पर निशुल्क
सेवा करनी चाहिए। परस्त्री एवं पर
पुरूष से सम्बंध नहीं रखने चाहिए। गाय
को रोटी, गुड़ व चने की दाल
खिलानी चाहिए।
शुक्र
यदि व्यक्ति का शुक्र ग्रह खराब है तो उसे
पत्नी से मधुर सम्बन्ध रखने चाहिए।
काली चीटियों को चीनी खिलानी चाहिए।
किसी के भी विवाह में कन्यादान
का अवसर मिले तो अवश्य करें।
शनि
हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनिवार
को चमड़े, लकड़ी की वस्तुएं व
किसी
भी प्रकार का तेल
नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन
आपको दाढ़ी व बाल नहीं कटवाने
चाहिए। पीपल के पेड़ में तिल्ली के तेल
का दीपक जलाना चाहिए।
राहू
यदि व्यक्ति राहु से पीडित है तो कुष्ठ
रोगियों की सेवा करनी चाहिए। निर्घन
व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए।
मदिरा व तम्बाकू का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
केतु
केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए दान करें। शनिवार व मंगलवार
का व्रत करें। शाम को खाने के बाद कुत्ते को रोटी देने
से और सुबह की शुरूआत मां के चरण स्पर्श करने
से भी केतु प्रतिकूल प्रभाव नहीं देता।

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