Saturday, April 26, 2014

कामयाबी के लिए करें गुरु पूजा

कामयाबी के लिए करें गुरु पूजा
गुरुवार का दिन बृहस्पति या गुरु
की उपासना को समर्पित है। बृहस्पति देवगुरु माने
जाते हैं। गुरु शुभ ग्रह माना जाता है। यह व्यक्ति के
जीवन में विद्या, ज्ञान, संतान सुख
को भी नियत करता है। मीन और धनु
राशि के स्वामी गुरु है। गुरु मकर राशि में बुरे फल
देता है। इसके विपरीत कर्क राशि में होने पर यह
शुभ प्रभाव देते हैं।
स्त्री और पुरुष के खुशहाल दाम्पत्य में गुरु
की भूमिका अहम होती है। गुरु पुरुष
तत्व का कारक है। इसलिए पुरुष के साथ
ही खासतौर पर स्त्री के विवाह आ
रही रुकावटों को गुरु की प्रसन्नता से दूर
करने के लिए गुरुवार का व्रत श्रेष्ठ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कुण्डली में गुरु ग्रह के
शुभ प्रभाव से व्यक्ति सरल, शांत, धार्मिक, आध्यात्मिक और
खुबसूरत व्यक्तित्व का होता है। गुरु के अच्छा-बुरा असर
ही व्यक्ति की तकदीर
का फैसला करता है। कुण्डली में बुरे योग से
शरीर में रोग जैसे मधुमेह, लीवर या वात
रोग पैदा होते हैं।
बुरी घटना भी हो सकती है।
वहीं बिजनेस, पढ़ाई और
अदालती मामलों में
कामयाबी या नाकामी गुरु के अच्छे-बुरे
असर से निश्चित होती है।
गुरुवार के दिन गुरु की उपासना और व्रत कर गुरु के
शुभ प्रभाव से वैवाहिक, कारोबारी, मानसिक और
व्यावहारिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए
यहां बताई जा रही गुरुवार व्रत और
पूजा की सरल विधि -
- गुरुवार के दिन सबेरे स्नान करें। यथासंभव पीले
वस्त्र पहनें।- एक चौकी पर
पीला वस्त्र बिछाकर उस पर गुरु
बृहस्पति की प्रतिमा को किसी पात्र में
रखकर स्थापित करें। - अगर कोई पुरुष
जनेऊधारी है तो गुरु की पूजा के समय
जनेऊ जरुर पहनें।
- गुरुदेव की गंध, अक्षत, पीले वस्त्र,
पीले फूल, चमेली के फूलों से पूजा-
अर्चना करें।- पीली वस्तुओं जैसे चने
की दाल से बने पकवान, चने, गुड़
या पीले फलों का भोग लगाएं।- गुरुवार व्रत कथा करें।
बृहस्पति आरती करें। क्षमा प्रार्थना कर
मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।- इस दिन
किसी पात्र ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए या उनके
निमित्त भोजन सामग्री दान देनी चाहिए।
- पीले रंग की सामग्री और
दक्षिणा देनी चाहिए। - समर्थ हो तो सोने का दान
बहुत शुभ फल देता है। सोने की धातु के
स्वामी गुरु को ही है। - ब्राह्मण के
भोजन या दान के बाद ही व्रती भोजन
करें। ऐसे सात गुरुवार लगातार व्रत करें।
धार्मिक दृष्टि से गुरुवार के व्रत, पूजा-उपासना से
कुण्डली में बनी गुरु ग्रह दोष
शांति होती है। सुख-समृद्धि के साथ विशेष तौर पर
कारोबार में फायदे, अच्छी शिक्षा, योग्य वर या वधू पाने
के सपने पूरे होते हैं।

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