Monday, April 21, 2014

बंधी दुकान को कैसे खोले

रावण सहिंता कहती है कि बंधी दुकान
को कैसे खोले
==============================
===========
दूकान बंधी होने पर .................................
कभी-कभी देखने में आता है कि खूब
चलती हुई दूकान भी एकदम से ठप्प
हो जाती है । जहाँ पर
ग्राहकों की भीड़
उमड़ती थी, वहाँ सन्नाटा पसरने
लगता है । यदि किसी चलती हुई दुकान
को कोई तांत्रिक बाँध दे, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न
होती है, अतः इससे बचने के लिए निम्नलिखित
प्रयोग करने चाहिए -
१॰ दुकान में लोबान की धूप लगानी चाहिए

२॰ शनिवार के दिन दुकान के मुख्य द्वार पर बेदाग
नींबू एवं सात हरी मिर्चें
लटकानी चाहिए ।
३॰ नागदमन के पौधे की जड़ लाकर इसे दुकान के
बाहर लगा देना चाहिए । इससे बँधी हुई दुकान खुल
जाती है ।
४॰ दुकान के गल्ले में शुभ-मुहूर्त में श्री-फल
लाल वस्त्र में लपेटकर रख देना चाहिए ।
५॰ प्रतिदिन संध्या के समय दुकान में माता लक्ष्मी के
सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित
करना चाहिए ।
६॰ दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान
की दीवार पर शूकर-दंत इस प्रकार
लगाना चाहिए कि वह दिखाई देता रहे ।
७॰ व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकान को नजर से बचाने के लिए
काले-घोड़े की नाल को मुख्य द्वार
की चौखट के ऊपर ठोकना चाहिए ।
८॰ दुकान में मोरपंख की झाडू लेकर निम्नलिखित मंत्र
के द्वारा सभी दिशाओं में झाड़ू को घुमाकर वस्तुओं
को साफ करना चाहिए । मंत्रः- “ॐ
ह्रीं ह्रीं क्रीं”
९॰ शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के सम्मुख मोगरे
अथवा चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए ।
१०॰ यदि आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान में चूहे आदि जानवरों के
बिल हों, तो उन्हें बंद करवाकर बुधवार के दिन गणपति को प्रसाद
चढ़ाना चाहिए ।
११॰ सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर
स्वच्छ जल से धोकर दुकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य
द्वार पर टांगना चाहिए । सूती धागे
को पीसी हल्दी में रंगकर
उसमें अशोक के पत्तों को बाँधकर लटकाना चाहिए ।
नोट :- सारे प्रयोग किसी सिद्ध पुरुष या गुरु
की देखरेख में ही संपन्न करे |
अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि के साथ साथ कुछ गलत
भी घटित हो सकता है

No comments:

Post a Comment