मंत्र: मंत्र एक सिद्धांत को कहते हैं।
किसी भी आविष्कार को सफल बनाने के
लिए एक सही मार्ग और
सही नियमों की आवश्यकता होती है।
मंत्र वही सिद्धांत है जो एक प्रयोग को सफल
बनाने में तांत्रिक को मदद करता है। मंत्र
द्वारा ही यह पता चलता है की कौन
से तंत्र को किस यन्त्र में समिलित कर के लक्ष्य तक
पंहुचा जा सकता है।
मंत्र के सिद्ध होने पर ही पूरा प्रयोग सफल
होता है। जैसे क्रिंग ह्रंग स्वाहा एक सिद्ध मंत्र है।
मंत्र मन तथा त्र शब्दों से मिल कर बना है। मंत्र में मन
का अर्थ है मनन करना अथवा ध्यानस्त होना तथा त्र का अर्थ
है रक्षा। इस प्रकार मंत्र का अर्थ है ऐसा मनन
करना जो मनन करने वाले की रक्षा कर सके। अर्थात
मन्त्र के उच्चारण या मनन से मनुष्य
की रक्षा होती है।
किसी भी आविष्कार को सफल बनाने के
लिए एक सही मार्ग और
सही नियमों की आवश्यकता होती है।
मंत्र वही सिद्धांत है जो एक प्रयोग को सफल
बनाने में तांत्रिक को मदद करता है। मंत्र
द्वारा ही यह पता चलता है की कौन
से तंत्र को किस यन्त्र में समिलित कर के लक्ष्य तक
पंहुचा जा सकता है।
मंत्र के सिद्ध होने पर ही पूरा प्रयोग सफल
होता है। जैसे क्रिंग ह्रंग स्वाहा एक सिद्ध मंत्र है।
मंत्र मन तथा त्र शब्दों से मिल कर बना है। मंत्र में मन
का अर्थ है मनन करना अथवा ध्यानस्त होना तथा त्र का अर्थ
है रक्षा। इस प्रकार मंत्र का अर्थ है ऐसा मनन
करना जो मनन करने वाले की रक्षा कर सके। अर्थात
मन्त्र के उच्चारण या मनन से मनुष्य
की रक्षा होती है।
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