मंगल को २ राशियों का अधिपत्य प्राप्त है –मेष और वृश्चिक .इसका रत्न मूंगा है और इसका रंग लाल है .वैधव्य का हेतु भी मंगल ही है अगर ये जन्म कुंडली में १२,१,४,७,८ भावों में हो और कहीं से इसका परिहार न हो रहा हो तो ये सबसे अमंगल गृह है . मंगल प्रबल मारक होता है .शस्त्र से मृत्यु देने में मंगल अग्रणी है .मगल शौर्य भी है .बेधड़क शत्रु के खेमे में जाकर सबको मटियामेट कर देने का साहस देने वाला गृह मंगल ही है .सर पर चोट देने में भी मंगल को महारत हासिल है .
सड़क छाप गुंडे मवाली भी मंगल का ही रूप होते हैं और सड़क से सदन तक जाने वाले कई लोग मंगल प्रधान होते हैं .मंगल से वाणी भी ख़राब होती है .जिन स्त्रियों का मंगल द्वितीय भाव में हो और स्वराशी तथा शुभ द्रष्ट न हो उनको बहुत दिक्कत होती है .अगर मंगल कुंडली में अच्छा नहीं है तो आम तौर पे दिक्कत ही देता है .और अगर अच्छा है तो व्यक्ति हर परिस्थिति से लड़कर आगे निकल जाता है . मंगल अहंकार कूट कूट के भर देता है .गीता में श्री कृष्ण ने स्पष्ट कहा है की अहंकार प्रभु प्राप्ति के मार्ग का सबसे बड़ा अवरोध है .मंगल प्रधान लोग बहुत भौतिकतावादी होते हैं .मैंने कर रहा हूँ ,मैंने करा ,मैं ऐसा ,मैं वैसा …आत्मा प्रशंसा सुन ने के भी ये लोग बहुत लालायित रहते हैं .. ख़राब मंगल को साधने के लिए हनुमानजी से अच्छा कोई नहीं है .जिनका भी मंगल खराब हो मंगलवार को या जिस दिन चन्द्रमा मृगशिरा ,चित्रा ,धनिष्ठा में हो तो १०८ या ५१ बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और २७ बार उसी दिन या नक्षत्र में पुनरावृत्ति करें . वाहन से दुर्घटना ,ओपरेशन ,हाथ पैर टूटना ,अंग भंग होना सब मंगल की देन है अधिकतर .सर पर चोट ,टाँके लगना भी मंगल का ही काम है . मंगल चिकित्सक भी बनाता है ,सेना में भी भेजता है ,पोलिस में भी ,भूमि पुत्र है अतः भूमि से भी जुड़े हुई कामों में लगाता है जैसे बिल्डर ,भूमि के दलाल ,मंगल उद्योगपति भी बनाता है ….बड़ी बड़ी मशीनों का जहाँ पर काम होता है …वाहन के काम में भी लगा देता है . |
Sunday, April 20, 2014
मंगल गृह और आप
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