Monday, April 28, 2014

भगवान शिव के विभिन्न प्रकार के लिंग और पूजा से लाभ

भगवान शिव के विभिन्न प्रकार के लिंग और पूजा से
लाभ !!!!
धर्म शास्त्रो में भगवान शिव को जगत
पिता बताया गया हैं। क्योकि भगवान शिव
सर्वव्यापी एवं पूर्ण ब्रह्म हैं। हिंदू संस्कृति में शिव
को मनुष्य के कल्याण का प्रतीक माना जाता हैं। शिव
शब्द के उच्चारण या ध्यान मात्र से ही मनुष्य को परम
आनंद प्रदान करता हैं। भगवान शिव भारतीय
संस्कृति को दर्शन ज्ञान के
द्वारा संजीवनी प्रदान
करने वाले देव हैं। इसी कारण अनादि काल से
भारतीय
धर्म साधना में निराकार रूप में होते हुवे भी शिवलिंग के रूप
में साकार मूर्ति की पूजा होती हैं।
देश-विदेश में भगवान
शिव के मंदिर हर छोटे-बडे शहर एवं कस्बो में मोजुद हैं,
जो भगवान महादेव की व्यापकता को एवं उनके
भक्तो कि आस्था को प्रकट करते हैं।
भगवान शिव एक मात्र एसे देव हैं जिसे भोले
भंडारी कहा जाता हैं, भगवान शिव
थोङी सी पूजा-
अर्चना से ही वह प्रसन्न हो जाते हैं। मानव
जाति की उत्पत्ति भी भगवान शिव से
मानी जाती हैं।
अतः भगवान शिव के स्वरूप को जानना प्रत्येक शिव
भक्त के लिए परम आवश्यक हैं। भगवान भोले नाथ ने
समुद्र मंथन से निकले हुए समग्र विष को अपने कंठ में
धारण कर वह नीलकंठ कहलाये।
शिव उपासना का महत्व
भगवान शिव का सतो गुण, रजो गुण, तमो गुण तीनों पर
एक समान अधिकार हैं। शिवने अपने मस्तक पर
चंद्रमा को धारण कर शशि शेखर कहलाये हैं। चंद्रमा से
शिव को विशेष स्नेह होने के कारण चंद्र सोमवार
का अधिपति हैं इस लिये शिव का प्रिय वार सोमवार हैं।
शिव कि पूजा-अर्चना के लिये सोमवार के दिन करने
का विशेष महत्व हैं, इस दिन व्रत रखने से या शिव लिंग पर
अभिषेक करने से शिवकी विशेष कृपा प्राप्त
होती हैं।
शिवलिंग के विभिन्न प्रकार व लाभ
1-"गन्धलिंग" दो भाग कस्तुरी, चार भाग चन्दन और
तीन
भाग
कुंकम से बनाया जाता हैं।
2-मिश्री(चिनी) से बने शिव लिंग
कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद
होती हैं।
3-सोंढ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने
शिवलिंग कि पूजा से वशीकरण और अभिचार कर्म के लिये
किया जाता हैं।
4-फूलों से बने शिव लिंग कि पूजा से भूमि- भवन
कि प्राप्ति होती हैं।
5- जौं, गेहुं, चावल तीनो का एक समान
भाग में मिश्रण कर आटे के बने शिवलिंग कि पूजा से परिवार
में
सुख समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से
रक्षा होती हैं।
6-किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर
उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक उत्तम फल
होता हैं।
7-यज्ञ कि भस्म से बने शिव लिंग कि पूजा से अभीष्ट
सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
8-यदि बाँस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर
पूजा करने
से वंश वृद्धि होती है।
9-दही को कपडे में बांधकर निचोड़ देने के पश्चात उससे
जो शिवलिंग बनता हैं उसका पूजन करने से समस्त सुख एवं
धन कि प्राप्ति होती हैं।
10- गुड़ से बने शिवलिंग में अन्न
चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि उत्पादन में
वृद्धि होती हैं।
11-आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से
मुक्ति प्राप्त होती हैं।
12-कपूर से बने शिवलिंग का पूजन करने
से आध्यात्मिक उन्नती प्रदत एवं मुक्ति प्रदत
होता हैं।
13-यदि दुर्वा को शिवलिंग के आकार में गूंथकर
उसकी पूजा करने
से अकाल- मृत्यु का भय दूर हो जाता हैं।
14-स्फटिक के
शिवलिंग का पूजन करने से
व्यक्ति कि सभी अभीष्ट
कामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं।
15-मोती के बने शिवलिंग
का पूजन स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि करता हैं।
16-स्वर्ण
निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से समस्त सुख-
समृद्धि कि वृद्धि होती हैं।
17- चांदी के बने शिवलिंग का पूजन
करने से धन-धान्य बढ़ाता हैं।
18-पीपल कि लकडी से बना शिवलिंग
दरिद्रता का निवारण
करता हैं।
19-लहसुनिया से बना शिवलिंग शत्रुओं का नाश कर
विजय प्रदत्त होता हैं।

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